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April 1, 2022
पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने गुरुवार को अपने संबोधन में विदेशी साजिश के अपने दावों को दोहराया और कहा कि एक विदेशी राष्ट्र उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के खिलाफ काम कर रहा है। इस दौरान अपने संबोधन में इमरान खान से एक गलती हो गई। वो विदेशी साजिश को लेकर संदेश भेजने वाले में अमेरिका का नाम गलती से ले बैठे। हालांकि उसके बाद उन्होंने अमेरिका पर ही आरोपों की झड़ी लगा दी।अविश्वास प्रस्ताव से पहले पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के लिए हर पल कीमती है। वो हर कोशिश में लगे हैं कि किसी तरह उनकी कुर्सी बच जाए। इसके लिए इमरान खान ने एक बार फिर पाकिस्तान की आवाम को संबोधित किया। पाकिस्तान के लोगों को संबोधित करते हुए इमरान ने दावा किया कि एक विदेशी राष्ट्र ने एक संदेश भेजा है कि इमरान खान को हटाने की जरूरत है, अगर ऐसा नहीं हुआ तो पाकिस्तान को इसके परिणाम भुगतने होंगे। अपने संबोधन में इमरान खान ने उस पत्र का जिक्र किया जिसे वो पिछले दिन से विदेशी साजिश कहते आ रहे हैं। सिर्फ वही नहीं उनकी सरकार के मंत्री भी इमरान को गद्दी से हटाने के पीछे विदेशी साजिश का जिक्र करते रहे हैं। गुरुवार को अपने जनता के नाम संबोधन में इमरान खान ने कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका ने हमे खत भेजा"। फिर अपनी गलती मानते हुए इमरान खान ने कहा कि अमेरिका नहीं एक बाहरी मुल्क ने एक संदेश भेजा था, जो पाकिस्तान राष्ट्र के खिलाफ था। इमरान ने कहा, "आठ मार्च को या उससे पहले 7 मार्च को, अमेरिका ने हमें भेजा, अमेरिका नहीं बल्कि एक बाहरी मुल्क ने हमें एक संदेश भेजा। जिस कारण से मैं इस बारे में बात कर रहा हूं , एक स्वतंत्र देश के लिए ऐसा संदेश प्राप्त करना मेरे और मेरे देश के खिलाफ है।" इमरान खान ने कहा कि मेमो उनके खिलाफ था, सरकार के खिलाफ नहीं। इसमें कहा गया है कि अगर अविश्वास प्रस्ताव पास होता है तो पाकिस्तान को माफ कर दिया जाएगा, अगर ऐसा नहीं किया गया तो परिणाम भुगतने होंगे। इमरान खान ने कहा कि हमने अमेरिका का हमेशा साथ दिया। लेकिन उसने पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाए। 9/11 को अमेरिका में हुए हमले में कोई पाकिस्तानी नहीं था। मुशर्रफ का अमेरिका का हिमायती बनना सबसे बड़ी गलती थी। इमरान खान ने कहा, 22 करोड़ की जनता के सामने कोई बाहरी मुल्क आएगा और कहेगा कि मुझे आपकी विदेश नीति पसंद नहीं है क्योंकि आप रूस चले गए थे। वो ऐसा कहना चाहते हैं मानो हम उनके नौकर हों। वो चाहते हैं कि इमरान को चले जाना चाहिए लेकिन उनके (विपक्ष) के आने से कोई दिक्कत नहीं होगी। दागी नेता अमेरिका की मदद से सत्ता हासिल करना चाहते हैं।"इमरान खान ने अपने संबोधन के आखिरी में कहा कि रविवार का दिन फैसले का दिन है। इस दिन संसद में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर वोटिंग होनी है। विपक्षी दलों के लोग उन पर इस्तीफे का दबाव बना रहे हैं लेकिन वो आखिरी गेंद तक लड़ेंगे। इमरान ने लोगों से अपील की कि उस दिन संसद की कार्यवाही में हर एक गद्दार को देखिएगा और याद रखना कि कैसे इन्होंने विदेशी ताकतों की शह पर पाकिस्तान को दांव पर लगा दिया है।
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