Post Views 61
October 29, 2021
आओ जलाए प्रेम का दिया, फिर एक बार
आई है दिवाली, अमावस के बाद
शोर हैं शहर में, सज रहे बाजार
लौट आई हैं खुशियाँ, दो बरस बाद
आई हैं दिवाली, अमावस के बाद
बैठेंगे, मिलकर करेंगे ठिठोली,
बाटेंगे दुःख दर्द अपनों के संग
झूमकर मनाए दिवाली का त्यौहार
आई हैं दिवाली अमावस के बाद
न शोर हो पटाखों का न आतिशो का धुआँ हो
मिट्टी का दिया जले अबकी बार
Eco-friendly दिवाली ही मनाएगे अबकी बार
डॉ. कमलेश वर्मा
Satyam Diagnostic Centre
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved