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March 10, 2021
विश्व उइगर कांग्रेस ने मानवाधिकारों को दुरुपयोग को लेकर चीन पर मैग्निट्स्की प्रतिबंध लगाने का आव्हान किया है। हांगकांग निगरानी समूह के सह संस्थापक और विश्व उइगर कांग्रेस के सलाहकार बेनेडिक्स रोजर्स ने कहा कि चीन में तियानमेन चौक पर हुए नरसंहार के बाद मानवाधिकारों पर सबसे गंभीर हमले हो रहे हैं और इन्हें रोकना विश्व समुदाय के लिए जरूरी है।
बता दें कि अमेरिकी मैग्निट्स्की अधिनियम के पारित होने के बाद इन प्रतिबंधों को बनाया गया है, जो 2012 में रूसी वकील सर्गेई मैग्निट्सी की याद में पारित किया गया था। सर्गेई की 2009 में रूसी हिरासत के दौरान मौत हो गई थी।
ब्रुसेल्स प्रेस क्लब द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में रोजर्स ने चीन में इन्हीं प्रतिबंधों की जरूरत पर जोर देते हुए कहा,मैं चाहता हूं कि वे आजाद हो क्योंकि मैं वहां के लोगों को चाहता हूं। देश में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी एक समस्या है और यहां मानवाधिकारों की बहाली करना जरूरी है।
इस मामले पर समान विचार रखते हुए, फीनिश मेंबर ऑफ पार्लियामेंट (एमईपी) के अलविना अलमेट्सा ने यूरोपीय संघ (ईयू) और संयुक्त राष्ट्र से चीन में चल रहे मानवाधिकारों के दुरुपयोग पर रोक लगाने का आग्रह किया।
चीन अपने नियंत्रण वाले हांगकांग की राजनीति को नियंत्रित करने के लिए यहां की चुनाव व्यवस्था में व्यापक बदलाव करने की तैयारी में है। इसे लेकर भारतीय मूल के सांसद एमी बेरा के नेतृत्व वाले अमेरिकी सांसदों के एक प्रभावशाली समूह ने हांगकांग पर चीन के नए कदम पर गहरी चिंता जताई है।
सांसद समूह ने कहा, हांगकांग चुनाव प्रणाली में बदलाव से क्षेत्र की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों पर चीन की पकड़ और मजबूत हो जाएगी। बृहस्पतिवार को इस पर चीन में मुहर लगी तो हांगकांग की विधायिका में लोकतांत्रिक तरीके से चुने जाने वाले सदस्यों की संख्या सीमित हो जाएगी।
व्हाइट हाउस ने कहा है कि ताइवान की आत्मरक्षा क्षमताओं में अमेरिका अपना योगदान करना जारी रखेगा। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने बताया कि ताइवान पर हमारी स्थिति स्पष्ट है। हम अपनी साझा समृद्धि, सुरक्षा और मूल्यों को उन्नत करने के लिए दोस्तों और सहयोगियों के साथ खड़े रहेंगे।
हिंद-प्रशांत में हम अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को बनाए रखेंगे। उन्होंने कहा कि हम ताइवान संबंध अधिनियम और आश्वासनों में बताई गई अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धताओं को बरकरार रखेंगे और पर्याप्त आत्मरक्षा क्षमता बनाए रखने में ताइवान की सहायता करना जारी रखेंगे।
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