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March 9, 2021
अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के लिए सबसे व्यस्त रहने वाला दुबई हवाईअड्डा पहली ही अपनी सेवाओं के लिए दुनियाभर में मशहूर है। लेकिन हाल ही में दुबई हवाईअड्डे में एक और नया फीचर जोड़ा गया है, जो किसी की सोच से भी परे है।
अब यहां यात्रियों के लिए आइरिस-स्कैनर लगाए गए हैं, यानि कि अब आपको पहचान पत्र और बोर्डिंग पास की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
ये आइरिस स्कैनर किसी भी यात्री की पहचान के लिए लगाए गए है। कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों के संपर्क को कम करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एडवांस्ड इस्तेमाल करने के लिए इस कॉन्टैक्टलेस तकनीकी का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
दुबई हवाईअड्डे पर ये सेवा पिछले कुछ महीने में ही शुरू हुई थी और इससे कुछ ही सेकंड में यात्री पासपोर्ट कंट्रोल का काम पूरा करके मुक्त हो जाते हैं। आइरिस डाटा को देश के फेशियल रिकग्निशन डाटाबेस के साथ जोड़ा गया है। यही कारण है कि अब लोगों को पहचान पत्र और बोर्डिंग पास साथ रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इस प्रक्रिया के तहत चेक-इन से लेकर बोर्डिंग तक सब काम एक साथ हो जाता है। एमिरेट्स के बायोमैट्रिक निजी बयान के मुताबिक, एयरलाइन यात्रियों के चेहरे को उनकी निजी पहचान के साथ जोड़ता है। इसमें पासपोर्ट और उड़ान की पूरी जानकारी होगी। वहीं यह डाटा तब तक रखा जाएगा, जब तक उसकी जरूरत हो।
अब इस प्रक्रिया को लेकर निगरानी पर चर्चा शुरू हो गई है। डाटा इकट्ठा करने से निजता पर खतरा बताया जा रहा है। एमिरेट्स ने अपने बयान में डाटा स्टोर करने और इस्तेमाल करने के बारे में जानकारी नहीं दी।
हालांकि जनरल डायरेक्टोरेट ऑफ रेजिडेंसी एंड फॉरन अफेयर्स के डिप्टी निदेशक मेजर जनरल ओबैद महेयर बिन सुरूर का कहना है कि दुबई का इमिग्रेशन कार्यालय यात्रियों के डाटा को सुरक्षित रखता है।
जानकारों का कहना है कि सर्विलांस तकनीकी पर शंका बनी रहती है, चाहे वो किसी भी देश का क्यों ना हो। बता दें कि आइरिस स्कैनर हाल ही में कुछ देशों में प्रचलन में आई है।
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