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March 6, 2021
कोरोना वायरस महामारी से दुनिया काफी प्रभावित हुई है। कोरोना की वैक्सीन के आ जाने के बाद लोगों में उम्मीद जगी है कि अब सब ठीक होगा। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस घ्रेबियन ने अपील की कि महामारी के अंत तक कोरोना वायरस पेटेंट के अधिकारों को माफ किया जाए।
उनका मानना है कि कठिन समय को देखते हुए कंपनियां पेटेंट अधिकार माफ करेंगी तो वैक्सीन की आपूर्ति में तेजी आ सकेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि यह प्रावधान सिर्फ आपात स्थिति में रहेगा।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस ने कहा कि इन प्रावधानों का उपयोग अब नहीं होगा तो कब होगा। उन्होंने बताया कि जल्द ही इस उद्योग से जुड़े लोगों के साथ बैठक की जाएगी ताकि वैक्सीन उत्पादन में आ रही अड़चनों को दूर किया जा सके और उनका हल निकाला जा सके।
टेड्रोस ने कोरोना वैक्सीन तकनीक को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया समेत कई कंपनियों के साथ साझा करने के लिए एस्ट्राजेनेका की सराहना की लेकिन साथ में ये भी कहा कि पारदर्शिता की कमी से नुकसान भी हो रहा है।
आपको बता दें, दुनियाभर में ऐसी कई कंपनियां हैं जो वैक्सीन का उत्पादन करती हैं। लेकिन कोरोना वैक्सीन के उत्पादन का अधिकार अभी कुछ ही कंपनियों के पास है। छोटी कंपनी जो वैक्सीन बनाती हैं, उनके पास वैक्सीन अधिकार नहीं होने के कारण आपूर्ति में कमी हो रही है। टेड्रोस ने इस बात का उल्लेख किया कि अमेरिका के संयुक्त प्रयास से इस हफ्ते बीस से ज्यादा देशों को कोवैक्स वैक्सीन वितरित की गई है।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाली कोवैक्स पहल के तहत, भारत से कोरोनावायरस वैक्सीनों की खेप, घाना सहित अन्य जरूरतमन्द देशों के लिए, रवाना किए जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष की भारत में प्रतिनिधि डॉक्टर यासमीन अली हक ने कोवैक्स वैक्सीन वितरण की शुरुआत को ऐतिहासिक करार देते हुए इसे, कोविड-19 महामारी पर काबू पाने की दिशा में लिया गया एक बड़ा कदम बताया।
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