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March 4, 2021
सागवाड़ा में लॉकडाउन लगने के बाद मेरे पिछले ब्लॉगों से--- कुछ तो सीखें, कुछ नहीं तो सावधान ही हो जाएं
मई ,जून और जुलाई तक फिर पैदा होंगे लॉक डाउन के हालात
सिटी को नहीं लोगों को स्मार्ट बनाने की ज़रूरत
आप लाख बाहुबली हों मगर याद रखें कि एक मच्छर आदमी को क्या बना देता है..
सुरेन्द्र चतुर्वेदी
आप माने या न माने ।प्रशासन माने या ना माने ।सरकार माने या ना माने। मैं कहता आया हूं और कहता रहूंगा। पिछले साल मैंने जनवरी से कहना शुरू कर दिया था ।शायद उससे भी पहले ।कि कोरोना को आसानी से ना लें। यह लॉकडाउन करवा कर ही दम लेगा। और लॉकडाउन लगाना ही पड़ा।
अब फिर लॉकडाउन के आसार सामने से आते नज़र आ रहे हैं ।डूंगरपुर के सागवाड़ा में एक ही दिन में 50 लोगों के संक्रमित होने के बाद सागवाड़ा में लॉकडाउन लगा दिया गया है।एक दिन में 50 का आंकड़ा छूना मामूली बात नहीं।
सागवाड़ा छोटा सा कस्बा है ,जहां आदिवासियों का बाहुल्य है ।डूंगरपुर से सटा हुआ होने के कारण मुझे लग रहा है कि शीघ्र ही संक्रमण डूंगरपुर से उदयपुर तक होता हुआ तेजी पकड़ेगा।
राजस्थान में कोरोना के ख़तरे को सरकार गंभीरता से ले रही है ।बाहर से आने वाले लोगों पर कड़ी नज़र रखे जाने के आदेश हो चुके हैं।
.....मगर अजमेर में ज़िला प्रशासन स्मार्ट सिटी की योजनाओं का रिकॉर्ड बनाने में लगा हुआ है ।करोड़ों और अरबों रूपयों की योजनाओं का ब्यौरा आज के अखबारों में आपने देखा होगा ।हम वाकई कमाल कर रहे हैं ।विकास के आगे सब कुछ भूल रहे हैं ।
शहर को स्मार्ट बनाया जा रहा है भले ही शहर के लोग जाहिल और गंवार बने रहें। प्रशासन कितना भी स्मार्ट हो! कितनी भी जल्दी योजनाओं को पूरा करने की बात करे! मगर मेरा दावा है कि यह स्मार्ट योजनाएं धरी रह जाएंगी, यदि हालात फिर से लॉक डाउन के आ गए ।
समय से पहले कुछ भी कहना मूर्खता मानी जाती है और इन अर्थों में आप मुझे मूर्ख भी कह सकते हैं ...मगर मेरी यह मूर्खता मई और जून तक पहुंचते-पहुंचते बुद्धिमानी में तब्दील हो जाएगी। राजस्थान के हालात तब तक गंभीर हो जाएंगे। आज राज्य में संक्रमण रोज 200 का आंकड़ा छू रहा है। जून तक पहुंचते-पहुंचते यह आंकड़ा तो बड़े शहरों में अकेले अपने दम पर होगा। प्रदेश में अभी एक्टिव केस डेढ़ हजार से ऊपर पहुंचे हैं मगर आने वाले महीनों में एक्टिव केसों की संख्या इतनी तेज़ी से बढ़ेगी कि सरकार के पास लॉकडाउन के अलावा कोई चारा नहीं होगा ।
अभी लोग समझ रहे हैं कि मैं हर हर बार अशुभ बातें करके लोगों का ज़ायका खराब कर देता हूँ, लेकिन मित्रों !! अभी धूप निकली हुई महसूस हो रही है! इसलिए छाता लेकर घर से निकलने की बात करना आपको बेवकूफी लग रहा है! कुछ दिनों बाद जब घने बादल छाएंगे और मूसलाधार बारिश होगी तब आपको मेरे द्वारा छाता लेकर घर से निकलने की सलाह बेहद सच्ची लगेगी ।
आप कोरोना से ग्रस्त होकर मर भी जाएं तो मेरे घर की सेहत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि मेरे घर का राशन आप नहीं भिजवाते, मगर आपके प्रति मेरी चिंता यह दर्शाती है कि आपकी जिंदगी मेरे लिए अपनी जिंदगी से ज्यादा कीमती है! आप सब कोरोना की चपेट में ना आएँ इसके लिए मैं रात-दिन दुआ करता हूं। चाहता हूं कि आप अभी से आने वाले बुरे समय से लड़ने के लिए तैयार हो जाएं और जब कोरोना आपके सामने आए तो आप उसे ललकार कर औंधे मुंह चित्त कर दें।
कोरोना ने आपका पिछला 1 साल पूरी तरह चौपट कर दिया। आपके व्यापार, आपकी आजीविका को मिट्टी में मिला दिया ।आप में से हज़ारों की नौकरियां चली गईं। पर्यटन उद्योग का सत्यानाश हो गया। शिक्षा जगत के ताले आज खुल तो गए हैं मगर कब तक खुले रहेंगे कहा नहीं जा सकता। मंदिर ,मस्जिद, गुरुद्वारे और गिरजाघरों के खुल जाने पर हमने क्या पाया, यह हम भली भांति जानते हैं ।कोई काम नहीं आए, जब हम घरों में कैद थे।
दोस्तों !! सावधान हो जाओ !! इसी में भलाई है !! कोरोना का कहर फिर से रंग-रूप बदलकर आ रहा है! राजस्थान उसके निशाने पर है ।पिछले कोरोना कॉल में हमने जितने लोग खोए , उनसे कई गुना लोग हम आने वाले समय में खोने वाले हैं।
मैं आपको डरा नहीं रहा ! सिर्फ सावधान होने की बात कर रहा हूं! आपको घर से बाहर आने के लिए रोकने की बात मैं नहीं कर रहा ,केवल घर से ज़रूरत पड़ने पर ही निकलने की बात कर रहा हूं ।
वैक्सीनेशन पर सरकार ज़ोर दे रही है । आपको भी लगवा लेना चाहिए। यदि आप मार्च में वेक़सीन लगवा लेते हैं तो अप्रैल में दूसरा ले लेंगे ।अप्रैल, मई-जून ,जुलाई के महीने महीने ख़तरनाक होंगे ,इसलिए वैक्सीन का अभी से लगवाना बेहद ज़रूरी है।
कोरोना से बचने की सावधानियां भी बहुत ज़रूरी हैं। मास्क लगाकर घर से बाहर निकलने को अपनी ना भूलने वाली आदत बना लें। बार बार साबुन से हाथ धोते रहें। भीड़ भाड़ वाले इलाकों में न जाएं। मॉल्स और बाज़ारों में लोगों से दूरियां बनाकर रखें। जो लोग मास्क नहीं लगाएं उनसे बात भी ना करें। हाथ मिलाने वाली विदेशी परंपरा से दूर रहें। सांस लेने में तक़लीफ हो तो उसे मामूली ना समझें।
रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाकर जिस तरह आपने पिछले साल खुद को सुरक्षित रखा उसी तरह इस साल भी रोगों से लड़ने की ताक़त बनाए रखें।
मेरी कोई बात ग़लत लगी हो तो मुझे माफ़ कर दें
मैं मानता हूँ कि आप सब बाहुबली हैं। आपका कहीं का भी कोई बाल बांका नहीं कर सकता--- मगर एक मच्छर आदमी को क्या बना देता है यह बात भी हमेशा याद रखें!
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