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July 8, 2025
अजमेर के रामसेतु एलिवेटेड रोड धसने का मामला, मामले में आज हुई सुनवाई, कल सभी पक्षकारों को न्यायालय द्वारा नोटिस जारी करने के दिए गए थे आदेश, जिला कलेक्टर, सीईओ स्मार्ट सिटी, नगर निगम आयुक्त, को किए गए थे नोटिस जारी, किसी की उपस्थिति नहीं होने पर न्यायालय में गैर हाजिरी लगाई गई,कल फिर होगी सुनवाई,
मामले में नया मोड़ आया सामने, डॉ राजकुमार जयपाल बने पक्षकार स्मार्ट सिटी के एलिवेटेड रोड राम सेतु ब्रिज में गुणवत्ता विहीन सामग्री के उपयोग और सड़क धसने के मामले में दायर याचिका को कोर्ट ने सुनवाई योग्य मानते हुए ,याचिका स्वीकार कर नगर निगम आयुक्त ओर स्मार्ट सिटी सीईओ जिला कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब देने के आदेश दिए गए थे।, मंगलवार हुई सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष नगर निगम आयुक्त के प्रतिनिधि पक्ष रखने का उपस्थित हुए परंतु स्मार्ट सिटी सीईओ जिला कलेक्टर की ओर से ना तो कोई प्रतिनिधि आया और ना ही कोई जवाब पेश किया गया। जिस पर अदालत ने शाम तक सुनवाई का समय दिया जब कोई उपस्थित नहीं हुआ तो गैर हाजिरी लगाते हुए मामले की सुनवाई कल तक के लिए टाल दी।
एडवोकेट विवेक पाराशर ने बताया कि जनप्रतिनिधित्व वाद के दावे पर सिविल न्यायालय पश्चिम के न्यायाधीश मनमोहन चंदेल की अदालत में आज सुनवाई हुई । न्यायाधीश की ओर से नगर निगम आयुक्त देशलदान ओर स्मार्ट सिटी सीईओ जिला कलेक्टर लोकबंधु को नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए आदेश दिए गए थे। मंगलवार को इस केस में
सुनवाई हुई तो नगर निगम आयुक्त डेसाल्डन की ओर से प्रतिनिधि अपना पक्ष रखने को उपस्थित हुआ और उनके वकील ने वकालतनामा प्रस्तुत किया लेकिन स्मार्ट सिटी सीईओ जिला कलेक्टर की ओर से ना तो जवाब पेश किया गया ना ही उनका कोई प्रतिनिधि अदालत में पेश हुआ जिस पर अदालत ने साढ़े 4 बजे पुनः पत्रावली की सुनवाई की । जिसके बाद गैर हाजिरी लगाकर अब मामले की सुनवाई कल तक के लिए टाल दी गई है। वहीं इस मामले में पूर्व विधायक व कुछ समय के लिए स्मार्ट सिटी के डायरेक्टर रहे डॉ राजकुमार जयपाल भी पक्षकार बने हैं जिनकी ओर से अधिवक्ता अशोक सिंह रावत ने अदालत के समक्ष वकालतनामा प्रस्तुत किया जो हमारी अनापत्ति के बाद अदालत में स्वीकार कर लिया। विवेक पाराशर ने कहा कि मामले में और भी पक्षकार आमंत्रित है जिसको भी लगता है कि स्मार्ट सिटी के तहत गुणवत्ता विहीन कार्य हुए हैं वह पक्षकार बन सकता है।
गौरतलब है कि शनिवार को प्रतिवादी जितेश धनवानी और मुकेश पुरी की ओर से न्यायालय में याचिका लगाई गई थी। जिसमें उन्होंने बताया कि 3 जुलाई को ब्रिज की सड़क धंस गई थी। इस मामले में जागरूक नागरिक होने के नाते कोर्ट में याचिका पेश कर ब्रिज में खराब क्वालिटी की सामग्री और मापदंडों के दुरूपयोग के जिम्मेदार व्यक्तियों पर कार्रवाई की मांग की गई थी। जिसे कोर्ट ने गम्भीर मानते हुए जिम्मेदार अधिकारी से जवाब तलब किया है।
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