Post Views 761
February 27, 2021
भारतीय अपनी भावी जिंदगी में पैसों के इंतजाम को लेकर बेहद सकारात्मक हैं। 21 देशों में किए गए एक सर्वे के मुताबिक, इस मामले में भारत का दूसरा स्थान है। स्नातक की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों में से 80 फीसदी अपनी वित्तीय स्थिति को लेकर आशावान रहते हैं। वहीं, इस मामले में भारत से आगे 84 फीसदी के साथ चीन और केन्या हैं, जो संयुक्त रूप से पहले नंबर पर हैं।
शिक्षा तकनीकी कंपनी चेग्ग की सहयोगी कंपनी चेग्ग डॉट ओआरजी में ‘ग्लोबल स्टूडेंट सर्वे के नतीजे प्रकाशित किए गए हैं। सर्वे के अनुसार, 54 फीसदी भारतीय छात्र कोरोना महामारी के दौर में और ज्यादा यूनिवर्सिटी पाठ्यक्रम की ऑनलाइन पढ़ाई चाहते हैं।
इस मामले में भारत और कनाडा का संयुक्त रूप से चौथा स्थान है। भारत से पहले 78 फीसदी के साथ सऊदी अरब पहले स्थान पर, 77 फीसदी के साथ चीन दूसरे, 57 फीसदी के साथ संयुक्त रूप से दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया तीसरे नंबर पर हैं।
चेग्ग के सीईओ और प्रेसीडेंट डैन रोजेनवीग ने कहा, इस सर्वे से यह साफ हुआ है कि उच्च शिक्षा के मॉडल को नए तरीके से बनाया जाना चाहिए और छात्रों की मांग पर उनके अनुकूल होना चाहिए।
सर्वे के मुताबिक, दुनिया भर के छात्रों पर किए गए अध्ययन में सामने आया है कि करीब 65 फीसदी (दो-तिहाई) छात्रों का कहना है कि उच्च शिक्षा में ऑनलाइन पढ़ाई होनी चाहिए। छात्रों का कहना है कि अगर ट्यूशन फीस कम हो तो हम अपनी यूनिवर्सिटी जाने के बजाय ऑनलाइन पढ़ाई करना चाहेंगे।
सर्वे के मुताबिक, 68 फीसदी भारतीय छात्र यह मानते हैं कि भारत रहने लायक देश है। पांच साल पहले से इसकी स्थिति बेहतर हो गई है। इस मामले में भारत तीसरे स्थान पर है। इससे पहले 92 फीसदी के साथ चीन पहले नंबर पर, 77 फीसदी के साथ सऊदी अरब दूसरे स्थान पर है। वहीं, आठ फीसदी के साथ अर्जेंटीना सबसे निचले पायदान पर है।
84 फीसदी भारतीय छात्र ऐसे हैं, जो मानते हैं कि वे 35 की उम्र होने तक अपना घर बना लेंगे। भारत इस मामले में तीसरे स्थान पर है। वहीं, इस मामले में 92 फीसदी के साथ केन्या पहले, जबकि 86 फीसदी के साथ इंडोनेशिया दूसरे नंबर पर है। 31 फीसदी जापानी छात्र यह मानते हैं कि वे 35 की उम्र तक पहुंचने से पहले ही अपना घर बना लेंगे। जापान इस मामले में सबसे निचले पायदान पर है।
21 देशों के छात्रों में से 56 फीसदी ने माना कि कोरोना काल के दौरान उन्हें मानसिक स्वास्थ्य को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं, 53 फीसदी को रहन-सहन की मुश्किलें आईं। 54 फीसदी छात्रों ने कहा, अगर कम समय में यूनिवर्सिटी डिग्री मिले और नौकरी की उम्मीद हो तो वे यूनिवर्सिटी जा सकते हैं।
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved