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January 26, 2021
और आइए आपको चुनाव प्रचार के आख़री दिन ले चलूँ कुछ नाक के सवाल बने वार्डों में
नीरज जैन, नौरत गुर्जर,गजेंद्र रलावता की जीत पर क्या कह रहे हैं मतदाता
सुरेन्द्र चतुर्वेदी
खुले आम चुनाव प्रचार करने का आज आखिरी दिन है। सड़कों पर शक्ति प्रदर्शन का दौर आज के बाद रुक जाएगा। घर-घर जाकर मतदाताओं के देवरे ढोकने का चमत्कारिक दौर शुरू हो जाएगा।
कांग्रेस की बदहाली पर मेरा आज का पहला ब्लॉग जमकर आंसू बहा चुका है ।अपनी मिट्टी ना कांग्रेस से बनी है ना भाजपा से, ना ही किसी और राजनीतिक प्रतिबद्धता से जुड़ी है ।डंके की चोट पर लिखते हैं, ना किसी के वकील बनते हैं ना किसी के हाथों बिकते हैं ।
ज्योतिषी हैं यह खुलेआम कहते हैं मगर यह भी सच है कि सत्य के हमेशा नज़दीक रहते हैं ।
आपको पिछले दिनों शहर का चुनावी दौरा कराया ।किशनगढ़, केकड़ी और बिजयनगर के चुनावी इलाकों का तूफानी हाल बताया। कुछ नहीं दबाया कुछ नहीं छुपाया। आइए आज अपने वादे के मुताबिक आपको शहर के उन चर्चित वार्डों में लिए चलता हूँ जहां भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज आमने सामने हैं,जहाँ निर्दलीय उम्मीदवार लोगों के छक्के छुड़ा रहे हैं ,और बाग़ी नग्न नृत्य दिखा रहे हैं ।
आइए आज आपको शहर के एक और चर्चित वार्ड में लिए चलता हूँ। यह वार्ड है 65 नंबर का ।यहाँ इच्छाधारी नौरत गुर्जर चुनाव लड़ रहे हैं।जो पूर्व में भी पार्षद रहे हैं और अपनी कार्यशैली और क्षेत्र में किए गए विभिन्न कार्यों को लेकर मैदान में हैं। भाजपा की बेहतरीन टक्कर के बावजूद वे जीतने की पूरी संभावना लेकर मैदान में हैं बल्कि मेरा तो मानना है कि उनकी जीत सुनिश्चित है। इस जीत को मैं पूर्व विधायक राजकुमार जयपाल की जीत से भी जोड़ना चाहता हूं क्योंकि टिकट दिलाने में उनकी अहम भूमिका रही।
एक और महत्वपूर्ण और भाजपा की नाक की लड़ाई का वार्ड है वार्ड नंबर 66 ।यहां दो बब्बर शेरों की आपस में टक्कर है ।भाजपा की ओर से नामधारी नेता नीरज जैन जहां मैदान में हैं और बाहरी प्रत्याशी होने के बावजूद कमाल का प्रचार करते हुए जीतने की कोशिश में हैं वहीं कांग्रेस की ओर से इस वार्ड में पूर्व पार्षद गणेश चौहान हैं। चौहान अपनी कार्यशैली और जनसंपर्क के कारण स्थानीय होने का लाभ उठा रहे हैं। वे घर -घर से परिचित हैं और अपने वार्ड के दुख-दर्द में शामिल भी रहे हैं ।यही वजह है कि वे अपनी जीत को तय मानते हैं। उनको भी बता दूँ कि उनका नीरज जैन से मुकाबला बहुत आसान नहीं है। वे शहर के धुरंदर नेता हैं और उनसे जीतना नामुमकिन तो नहीं मगर आसान भी नहीं। इधर नीरज जैन को इसलिए उन से लोहा लेने में जान लगानी पड़ रही है कि वार्डवासियों की नज़र में गणेश चौहान की छवि बेदाग है।यहां जीत का दावा कोई नहीं कर सकता मगर गणेश चौहान को हराना नीरज जैन के लिए भी ना मुमकिन न सही मगर मुश्किल जरूर होगा ।
वार्ड 69, 70 में यदि आप मेरे साथ दौरा करें तो पाएंगे कि इन वार्डों में कांग्रेसी उम्मीदवारों की लॉटरी खुलना तय लग रही है।
वार्ड 71 में भाजपा के भाऊ देवनानी के सबसे विश्वस्त चेले रमेश सोनी और व्यवसायी दीपक जैन की पत्नी मोनिका के बीच कड़ा मुकाबला है।यहाँ हार जीत के सारे समीकरण दांव पर लग गए हैं।दीपक जैन ने जिस तरह से सोनी को घेर लिया है उसे देखते हुए सोनी की जीत दांव पर लग गयी है। हालांकि इस वार्ड में दोनो ही पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं का भारी अकाल है। दोनो ही प्रत्याशी इस कारण भारी मुसीबत को झेल रहे हैं।
सबसे रोचक मुकाबला वार्ड 72 में है ।यहां से भाजपा की ओर से ज़मीनी कार्यकर्ता गोपाल शर्मा मैदान में हैं, वही कांग्रेस से कद्दावर नेता महेंद्र सिंह रलावता के छोटे भाई गजेन्द्र सिंह रलावता मैदान में हैं। गजेंद्र सिंह हाल ही में नगर निगम से सेवानिवृत्त हुए हैं ।उसके बाद सरकार द्वारा उनका कार्यकाल बढ़ाया भी गया था मगर कुछ कांग्रेसियों की कारसेवा से वह आदेश निरस्त कर दिया गया । यहाँ आपको बता दूं कि गजेंद्र सिंह रलावता को नगर निगम की दाई माई माना जाता है और उन्हें कांग्रेस से ज्यादा भाजपा वाले नगर निगम में देखना चाहते हैं। जिससे कि पिछले कार्यकाल में उनके द्वारा किए गए सभी काले -गोरे काम उजागर नही हो पाएं। जबकि हकीकत यह है कि धड़ेबाजी में घिरी कांग्रेस उनको पूरी तरह निबटाने में लगी हुई है।
वार्ड 73 में भाजपा की युवा बच्ची प्रियंका सांखला की एकतरफा जीत तय है।
वार्ड 79 में कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार वजीरानी द्वारा उनको धमकाने के खुले आरोप लगाते हुए स्वयं जारी किए गए वीडियो से तो लग रहा है जैसे यहाँ माफियागिरी से चुनाव हो रहे हैं। लेकिन कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की चुप्पी से लाचार प्रत्याशी राजकुमार वजीरानी सहम कर घर से बाहर निकलकर प्रचार तक नही कर पा रहे ।आरोपों के बावज़ूद भी यहां एक तरह से भाजपा के वीरेंद्र वालिया का इकतरफा निर्वाचन तय है। वार्ड में कहीं कांग्रेस के झंडे बैनर तक नज़र नही आ रहे हैं। वालिया का कहना है कि उन्होंने इस वार्ड को कांग्रेस मुक्त वार्ड बना दिया है।
वार्ड 80 में भाजपा आई टी विभाग के संभाग प्रभारी डॉ अरविंद गिरधर ने अपने वार्ड में भाजपा प्रत्याशी धर्मेंद्र सिंह को जिताने के लिए कमर कस रखी है। हाल ही में इस वार्ड के लाडले पूर्व पार्षद चन्द्रेश सांखला भी अब उनके साथ लग गए हैं । दो धुरंधरों के सक्रियता से लगने के कारण बाहरी प्रत्याशी होने के बावजूद भी धर्मेंद्र सिंह की जीत के रूप में लॉटरी लगना भी लगभग निश्चित ही है।
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