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January 26, 2021
अजमेर कोंग्रेस के उम्मीदवार वेंटिलेशन पर हैं और वेंटिलेशन से निकल रहा है धुआँ
भाजपा के नेता प्रचार में अपने उम्मीदवारों के साथ जान फूँक रहे हैं,काँग्रेसी उम्मीदवार अनाथों की तरह ख़ुद के बलबूते पर कर रहे हैं प्रचार
रलावता और भाटी टिकिट वितरण से नाराज़ होकर बने हुए हैं रूठी रानी
जयपाल और बाहेती कुछ उम्मीदवारों को दे रहे हैं दिलासा: बेचारे विजय जैन अकेले ही मुर्दा काँग्रेस को बेताल की तरह लादे हुए है कंधों पर
सुरेन्द्र चतुर्वेदी
अजमेर भाजपा की ओर से आज के अखबारों में अपने आकाओं के फोटो लगाकर प्रत्याशियों ने वोट मांगने के विज्ञापन प्रकाशित किए हैं ।अनीता भदेल, देवनानी और भागीरथ चौधरी सहित कई धुरंधरों ने अपने अनुयायियों के लिए झोलियां फैलाई हैं। कई कई कीमती विज्ञापनों को देखकर मुझे लगा कि चलिए अजमेर में भाजपा, अपने उम्मीदवारों के लिए मैदान में तो खड़ी नज़र आ रही है। अजमेर शहर में कांग्रेसी उम्मीदवारों के तो तोते उड़े हुए हैं ।अजमेर शहर में क्या किशनगढ़, बिजयनगर में भी कांग्रेसी उम्मीदवार अपने बलबूते पर ही चुनाव लड़ रहे हैं ।
हाईकमान की कृपा जैसी कहीं कोई चीज़ नज़र नहीं आ रही ।कहीं कोई बड़ा दिग्गज नेता उन्हें संभालने, उनके प्रचार में नहीं आ रहा। किसी भी प्रकार की कोई सहायता इन गरीबों को नहीं मिल रही। और तो और चुनाव प्रचार करने के लिए भी कोई किसी उम्मीदवार के साथ नहीं देखा जा रहा ।पूरे जिले में कांग्रेसियों की हालत खराब है। जीतने की बात तो दूर वे निर्दलीयों के आगे भी टिक नहीं पा रहे।
ज़िले में सिर्फ़ केकड़ी ऐसा शहर है जहां चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा अपने उम्मीदवारों के साथ भाजपा से टक्कर ले रहे हैं। भाजपा के स्थानीय नेता उन पर तरह-तरह के आरोप तक लगा रहे हैं। सरकारी तंत्र के दुरुपयोग और भाजपाइयों को डराने धमकाने की बातें, झूंठे मुकदमे दर्ज कराने के नए-नए उदाहरण पेश किए जा रहे हैं। कुछ भी हो डॉ रघु शर्मा कम से कम कांग्रेसी उम्मीदवारों के साथ खड़े तो नज़र आ रहे हैं बिजयनगर, किशनगढ़ ,अजमेर में तो टिकटों के बंटवारे के कुप्रबंधन की चपेट में आकर नेता इतने नाराज़ हैं कि रूठी रानी बनकर अपने घरों और ऑफिसों में कैद होकर रह गए हैं।
पिछला विधानसभा चुनाव हारे हेमंत भाटी हों या महेंद्र सिंह रलावता दोनों ही नेता इसलिए शहर के कांग्रेसी उम्मीदवारों के प्रचार में नहीं जा रहे कि वे उनकी पसंद नहीं! टिकट उनकी पसंद से नहीं बांटी गईं। जिन वार्डों में उनके मुताबिक टिकट नहीं दी गई वहां के उम्मीदवार सौतेली राजनीति का शिकार हैं ।
कई वार्डों में तो कांग्रेसी नेता निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ खड़े नज़र आ रहे हैं ।रलावता अपने भाई गजेंद्र सिंह रलावता को किसी तरह से जिता दें। बस! उनके लिए इतना ही काफी होगा।
जहां तक हेमंत भाटी का सवाल है वे कुछ पार्षदों के लिए ही जीवंत है बाकी अजमेर उत्तर के अधिकांश उम्मीदवार तक तन, मन ,धन से अकेले लड़ रहे हैं ।
डॉक्टर श्रीगोपाल बाहेती का भी यही हाल है ।वे भी गिने-चुने उम्मीदवारों के आका बने हुए हैं ।उनके संदर्भ में अच्छा यही है कि वे कम से कम निर्दलीय या बागियों को तो अपनी कृपा नहीं बांट रहे ।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष विजय जैन की मैं सराहना करता हूँ कि वे सच्चे कांग्रेसी की तरह उम्मीदवारों के साथ भाग दौड़ कर रहे हैं ।राजकुमार वजीरानी जैसे फकीर की मदद भी कर रहे हैं ।उम्मीदवार को हौसला दे रहे हैं।
कांग्रेस के सबसे ताक़तवर नेता इन दिनों राजकुमार जयपाल नज़र आ रहे हैं मगर उनकी भी सक्रियता अभी ना काफी नज़र आ रही है। वे भी गिने-चुने उम्मीदवारों के साथ तन मन धन से साथ हैं। हो सकता है अभी भी वे अजमेर क्लब की राजनीति से बाहर नहीं आ पा रहे हो ।उन्हें चाहिए कि वे अब अजमेर की मुर्दा राजनीति में जान फूंकने के लिए क्लब से बाहर निकलें और शहर की अनाथ कांग्रेस को रास्ता दिखाएं ।
एक मजेदार बात यहां आपको और बता दूँ। जिस निष्ठावान नेता को कांग्रेस ने 6 साल के लिए निष्काषित कर रखा है ,जिसे कांग्रेस निकम्मा और नाकारा मान कर चल रही है, वही नेता अकेला अपने दम पर कांग्रेस की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा रहा है। हां, मेरी मुराद राजेश टंडन से है। राजेश टंडन को शहर के विभिन्न हिस्सों में कांग्रेसी उम्मीदवार भाषण देने के लिए बुला रहे हैं ।सक्रिय समझे जाने वाले कांग्रेसी घर बैठे हैं और टण्डन अपनी पूरी ताक़त (जितनी भी है, जैसी भी है) को लेकर प्रचार में हैं।
अजमेर जिले में कांग्रेस की हालत उस जानवर जैसी है जो घर का होता है न घाट का। उस पँछी जैसी है जिसे सिर्फ़ रात में ही दिखाई देता है।
आज़ादी के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही जिले में बदतर स्थिति में हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि भाजपा के नेता और उनका चुनाव प्रबंधन कांग्रेस से बेहतर है ,इसलिए वे कांग्रेस पर भारी पड़ रहे हैं ।
कांग्रेसी नेता विजय जैन ने हाल ही में कहा कि वे भाजपा के निगम कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार को लेकर जनता के बीच जाएंगे ।
विजय जैन!! जैसा तुम कह रहे हो वैसा यदि तुमने पिछले 5 साल किया होता तो तुम्हारी कांग्रेस आज अपना मेयर बनाने में कामयाब हो सकती थी !! तुम्हारी काँग्रेस तो भाजपाई मेयर धर्मेंद्र गहलोत के हर सही गलत फैसले में शामिल रही! अट्ठारह हजार का हर माह लिफाफ़ा लेती रही ! करोड़ों के अवैध निर्माणों में तुम्हारे पार्षदों की सहमति, समर्थन और सहभागिता बनी रही ! अब तुम किस मुंह से उनकी खिलाफत करोगे उनके भ्रष्टाचार की व्याख्या करोगे तुम्हारे कई बेईमान पार्षद आज भी टिकट लेकर मैदान में हैं! आखिर कैसे तुम उनके लिए वोट मांगोगे
विजय जैन !! तुम्हारी कांग्रेस डूब चुकी है! मैं इसे भाजपा द्वारा किया गया वध नहीं बल्कि आत्महत्या मानूंगा।
मैं मानता हूँ कि तुम सच्चे कांग्रेसी हो ! योद्धा की तरह मैदान में डटे हुए हो ! तुम्हारी वजह से थोड़ी बहुत कांग्रेस बची हुई है मगर विजय जैन ! अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता! हां , अकेली मछली तालाब ज़रूर गंदा कर सकती है और कांग्रेस का आना सागर गंदा हो चुका है।
मित्रों ..!! आप भी सोच रहे होंगे कि वार्डो की सैर कराते कराते मैं आपको कहाँ ले आया। पर आज सुबह-सुबह आप गणतंत्र दिवस की खुशियां मनाने में व्यस्त होंगे इसलिए मैं आज दिन में आपको वार्डो में घुमाने जरूर ले चलूंगा। थोड़ा समय निकाल कर रखना...!!!
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