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January 25, 2021
अशोक गहलोत की अजमेर चुनावों में पहली पसंद
डॉ जयपाल, बाहेती और विजय जैन की नज़र में भावी मेयर!!
महिला जनरल सीट पर चुनाव लड़ रही शिड्यूल कास्ट उम्मीदवार !! जी हाँ, वार्ड 62 की नवागन्तुक महिला नेता !!
आइए!! मेरे साथ कीजिए चुनावी दौरा
सुरेन्द्र चतुर्वेदी
अजमेर के निकाय चुनाव में एक उम्मीदवार ऐसी भी है जिसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पसंद माना जा सकता है! जिसके चुनाव प्रचार में डॉक्टर राजकुमार जयपाल भी सहयोग कर रहे हैं तो विजय जैन भी और डॉक्टर श्री गोपाल बाहेती भी!! जिसे कांग्रेस बोर्ड बन जाने की स्थिति में भावी मेयर मान कर चला जा रहा है!! जनरल वार्ड होने के बावजूद जहाँ शेड्यूल कास्ट की महिला को टिकट दिया गया है!! जिसके नेत्री के पति अजमेर डिस्कॉम में अधिकारी हैं! जिसका देवर भी डिस्कॉम अजमेर में काम कर रहा है !! कौन है वो चमत्कारी महिला नेता
जोधपुर की इस बेटी का नाम मंजू बलाई है! बताया जा रहा है कि अशोक गहलोत ने ख़ुद उनको टिकट दिलवाई है। कांग्रेस की टिकट पर वार्ड 62 से चुनाव लड़ रही मंजू बलाई के नाना जोधपुर में गहलोत के पड़ोसी ही नहीं बल्कि सहपाठी भी बताए जा रहे हैं!
मंजू बलाई की जन्मपत्री बाँचते समय मैं सोच रहा हूं कि क्या मंजू बलाई ही वे महान नेत्री हैं जिसके कारण कांग्रेस की तारा यादव व उनकी पुत्री को टिकट काटे जाने की सज़ा भुगतनी पड़ी
तारा यादव के पति प्रताप यादव ने मुझसे बात करते हुए दबी जुबान में यह स्वीकार किया था कि उनकी पत्नी और पुत्री को कुछ कांग्रेसी नेताओं ने साजिश करके चुनावों से दूर रखा! उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया!
शहर जानता है कि प्रताप यादव खुद अपने वार्ड में बहुत लोकप्रिय हैं। उनकी पत्नी तारा यादव भी पार्षद रह चुकी हैं और मेयर पद की मजबूत दावेदार मानी जा रही थी ।मंजू बलाई की भलाई में कहीं उनकी राजनीतिक बलि तो नहीं ले ली गई
मंजु बलाई की जीत वार्ड 62 से सुनिश्चित मानी जा रही है मगर लगता नहीं कि उनको मेयर बनाया जा सकेगा, क्योंकि फिलहाल कांग्रेस का बोर्ड तो दूर-दूर तक बनता ही नज़र नहीं आ रहा। मंजू बलाई के पक्ष में प्रचार करने गए डॉक्टर जयपाल, बाहेती और विजय जैन ने कल उन्हें भावी महापौर बताकर मतदाताओं से तालियाँ तो बजवा लीं मगर क्या कांग्रेसे इस बार भाजपा के आगे टिक पाएगी इस सवाल का उत्तर नहीं दिया।
तो आइए कल की तरह आज भी आपको कुछ वार्डों का अपने साथ दौरा करा दूँ।
सबसे पहले चलते हैं वार्ड 46 में। मंजू बलाई जिस तरह वार्ड 62 में प्रभावी और विजयी उम्मीदवार मानी जा रही हैं उसी तरह वार्ड 46 में रेखा पींगोलिया जीत के काफी करीब पहुंच चुकी हैं।सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाली रेखा को भाजपा के मुकाबले में बेहतर समर्थन मिल रहा है।
यदि आप मेरे साथ वार्ड 50 में चलें तो आप। पाएंगे कि भाटी परिवार की परंपरागत उम्मीदवार और हेमंत भाटी की लिस्ट से निकली द्रोपदी कोली भारी समर्थन हाँसिल कर रही हैं। उन्होंने अपना पुराना वोट बैंक कब्जे में कर रखा है ।यही वजह है कि वे भाजपा पर भारी पड़ रही हैं। हेमंत भाटी की नज़र में वे कांग्रेस से मेयर की दावेदार भी हैं ।यह बात अलग है कि बिल्ली के भाग्य का छींका बड़ा मजबूत बंधा हुआ है, उसके टूटने के कोई आसार नहीं !
वार्ड 50 की आईए आप को सैर करा दूँ।यहां महापौर बनने का सपना लेकर मैदान में उतरी डॉक्टर नेहा भाटी जो भाजपा की प्रत्याशी हैं कांग्रेस पर भारी तो पड़ रही हैं परंतु फिर भी भाजपा को इस वार्ड में जीतने की लिए नीचे तक का दम यानी एड़ी तक का ज़ोर लगाना पड़ रहा है।
वार्ड 56 में यदि आप आँखें खोलकर मेरे साथ चलें तो आपको यहां बड़ा रोचक मुकाबला नज़र आएगा ।यहां मैं आपको बता दूं कि इस वार्ड से टिकट के लिए किशनगढ़ के मार्बल किंग अशोक पाटनी तक ने अपने कैंडिडेट को टिकट दिलाने का प्रयास किया था मगर उनकी बात ख़ाली चली गई। यहाँ कांग्रेस के दिग्गज नेता महेश जोशी की बहन के बेटे और अजमेर के विचारवान नेता समीर शर्मा की पत्नी शिवांगी शर्मा को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है ।समीर शर्मा की छवि बेदाग है और वे ज़मीनी नेता माने जाते हैं ,अतः यहां शिवांगी शर्मा जीत के काफी नज़दीक मानी जा रही है।रोचक मुकाबला यहां इसलिए है कि शिवांगी के सामने सभी सिफारिशों को इग्नोर करके भाजपा ने लाला बना सुरेंद्र सिंह शेखावत के परिवार की अंजना शेखावत को मैदान में उतारा हैं। शिवांगी और अंजना सिंह दोनो ही सुशिक्षित महिलाएं हैं ।
आज एक और वार्ड में आपको अपने साथ ले चलुंगा ।यह वार्ड 60 नंबर का है।यहां मैं खुद भी रहता हूँ। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव भी इसी वार्ड में रहते हैं। उनके कृपा पात्र जे के शर्मा जो पार्षद रह चुके हैं ने इस बार अपनी पत्नी डिंपल शर्मा को चुनावी जंग में उतारा है। घर में प्यार से रहने वाली डिंपल चुनाव लड़ने में माहिर मानी जा रही हैं।लड़ने का हुनर उन्हें आता है ,यही वजह है कि वह जीत के लगभग नज़दीक हैं। इनके विरुद्ध भाजपा की बागी आभा भारद्वाज भी हैं।पूर्व पार्षद आभा भारद्वाज इस वार्ड में कभी अच्छा होल्ड रखा करती थीं मगर बीच में वार्ड से दूर हो जाने से उनको वार्ड के लोग पूरे दिल से अपना नहीं पा रहे। इस वार्ड में उनका या कांग्रेस का जीतना मुझे तो संभव नहीं लगता बाकी चमत्कार तो कुछ भी हो सकता है
दोस्तो !! समयाभाव के कारण आज इतना ही.. कल फिर और वार्डो में आपको घुमा कर लाऊंगा!!
अंत में आप लोगों से फिर वही अपील । हाथ जोड़कर निवेदन कि इन चुनावों में पार्टी को नहीं व्यक्ति की ही योग्यता को देखकर वोट दें ! बेदाग छवि का व्यक्ति ही आपके वार्ड का विकास कर सकता है ।आपकी बात आगे पहुंचा सकता है ।आपको और आपके वार्ड के विकास को सुरक्षित कर सकता है।
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