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January 24, 2021
ज़रा हट के,ज़रा बचके ये है अजमेर मेरी जान
गुंडा छवि और भू- माफ़ियाओं के साथ ईमानदारों का मुक़ाबला
पोलिटिकल टूर्नामेंट में भाजपा भारी
सुरेन्द्र चतुर्वेदी
अजमेर नगर निगम चुनाव में प्रचार जवानी कन्धे पर सवार है ।कांग्रेस और भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार ही नहीं, दागी ,बाग़ी और निर्दलीय भी प्रचार में किसी से पीछे नहीं। शहर के कई भाजपा और कांग्रेसी नेताओं की साख और भविष्य दांव पर लगा हुआ है ।
अस्सी वार्डों का पॉलिटिकल टूर्नामेंट बेहद रोचक मोड़ पर आ गया है। लोग एक दूसरे की जन्मपत्री बाँच रहे हैं ।कई पूर्व पार्षद अपने काले कारनामों के बावजूद मैदान में हैं। पब्लिक कई नेताओं की गुंडागर्दी और भू माफियाओं वाले मुखोटे पहचान चुकी है। ज़ाहिराना और गायबाना कई नेताओं के कारनामे जनता की अदालत में है। उम्मीद है कि अजमेर की समझदार जनता इस बार बेवकूफ नहीं बनेगी और वास्तविक सेवाभावी लोगों को ही वोट देगी ।
अजमेर नगर में सेवाभावी कर्मठ और ईमानदार नेताओं की बाढ़ आई हुई है। हर चुनाव लड़ने वाला खुद को शहर का सबसे सच्चा -अच्छा और जनहितकारी नेता सिद्ध करने पर तुला हुआ है। जिन पर सरकारी ज़मीन हड़पने के मुकदमे चल रहे हैं वे भी जनता के बीच खुद को सत्यवान हरिश्चंद्र की भूमिका में प्रस्तुत कर रहे हैं। शहर के कुछ वार्डों में चर्चित चेहरों का टूर्नामेंट खबरों में है ।
आइए !! कुछ वार्डों का दौरा मेरे साथ भी कर लीजिए ।
सबसे पहले आपको लिए चलता हूँ वार्ड 1 में ।यहां भाजपा विधायक देवनानी जी की टीम के खिलाड़ी सतीश बंसल अपनी जीत का दावा कर रहे हैं ।यहां कांग्रेस ने बनवारी लाल शर्मा को फिर से मैदान में उतारा है। पिछली बार वे चुनाव हार गए थे। इसी वार्ड में कांग्रेस के कभी सिरमौर रहे शैलेंद्र अग्रवाल भी मैदान में उतरने को मजबूर हो गए हैं ।अग्रवाल का कांग्रेस में कर्मठ नेता का इतिहास रहा ।उनकी छवि कोरोना काल में भी चर्चित रही। कोरोना पीड़ितों की सेवा करते -करते खुद कोरोना के शिकार हो गए मगर मौत के मुंह में भी उन्होंने अपने समाज सेवा के जज्बे को जिंदा रखा ।
मेरा आकलन यह है कि कांग्रेस पार्टी के स्वार्थी नेताओं ने उन्हें टिकट न देकर खुद के साथ ही नाइंसाफी कर ली है और पार्टी को इसकी सजा भी भुगतनी पड़ेगी ।इस वार्ड में टक्कर सतीश बंसल और शैलेंद्र के बीच है।आज की तारीख में बंसल भारी पड़ रहे हैं मगर अग्रवाल ज़रा भी ज़ोर लगा दें तो चुनाव परिणाम अपने हक में ला सकते हैं।
यहां से आपको वार्ड चार में लिए चलता हूँ। ज़मीन की खुशबू वाले सेवाभावी नेता ज्ञान सारस्वत भाजपा की तरफ से यहाँ मैदान में हैं। पूरे शहर में यह अकेले ऐसे नेता हैं जो पार्टी के कारण नहीं बल्कि अपनी व्यक्तिगत छवि और वार्ड में कराए गए विकास कार्यों से जाने पहचाने जाते हैं। वे अपनी ईमानदार छवि के कारण हमेशा चुनाव जीतते आए हैं ।निगम के मासिक लिफ़ाफ़ों की किस्तों से दूर रहने वाले सारस्वत इस बार फिर पार्षद के रूप में सामने आएंगे ।इसमें कोई शक नहीं ।इसलिए इस वार्ड के बारे में और कुछ बताने की ज़रूरत मैं महसूस नहीं करता ।
इन चुनावों में वार्ड 5 भी बेहद चर्चित है ।यहां भाजपा के अजय वर्मा की इज्जत दांव पर लगी हुई है। अंदरखाने वर्मा उपमहापौर के सशक्त दावेदार हैं। इसलिए इस बार का चुनाव यहाँ अलग से रेखांकित किया जा सकता है। यहां इनकी टक्कर कांग्रेस के साथ साथ भाजपा के बागी के रूप में मैदान में डटे पूर्व पार्षद राजेंद्र पवार से है। पंवार खेले -खाए अनुभवी नेता हैं ।वर्मा की जीत के रास्ते में उन्होंने जिस तरह कांटे बिछाए हैं वे देखने लायक हैं ।कोई विशेष बात नहीं यदि इन कांटों से वर्मा की जीत लहूलुहान हो जाए ।
आइए अब आपको अब वार्ड 7 में लिए चलता हूँ। यह वार्ड भाऊ बलि देवनानी जी की नाक जैसा तो है ही साथ ही नाक के नीचे उगने वाले बालो जैसा भी है। यहाँ देवनानी जी की विधानसभा क्षेत्र से मेयर पद की दावेदार वंदना नरवाल मैदान में हैं।कभी देवनानी जी की पसंद वंदना नोगिया हुआ करती थीं मगर इस बार वंदना नरवाल हैं। वंदना जी का सीधा मुकाबला है इसलिए उनकी जीत को मैं सुनिश्चित मानकर चल रहा हूँ। आप भी चाहें तो मान सकते हैं।
वार्ड 16 में यदि आप मेरे साथ चल रहे हैं तो अफवाहों पर ध्यान ना दें ।अपने कान में नकारात्मक बातें ना आने दें।छवि पर सवाल ना उठाएं ।जो है सो है ।यह वार्ड यूँ तो पुरुष वार्ड है मगर यहां से भाजपा की भारती श्रीवास्तव वाइफ ऑफ राजू श्रीवास्तव मैदान में हैं।भारती अपनी जीत के प्रति पूरी तरह आश्वस्त हैं। मैं उन्हें सलाह देता हूं कि आत्मविश्वास बनाए रखें मगर अतिरिक्त उत्साह में ना आए ।अभी भी उन्हें जीतने के लिए कड़ी मेहनत से गुजरना होगा।सावधानी हटी कि दुर्घटना घटी।
अब जहाँ आप मेरे साथ आये हैं यह वार्ड 27 है ।कांग्रेस की ओर से यहां मेयर पद की सशक्त दावेदार राखी टोनी चुनाव मैदान में हैं। पूर्व सलामी बल्लेबाज़ पार्षद श्रवण टोनी जी के दम पर ये जीत का दावा कर रही हैं। मेरा आंकलन इस वार्ड के लिए यह है कि राखी भाभी जी पार्षद तो बन जाएंगी मगर मेयर बनने का ख्वाब धरा रह जाएगा ।
वार्ड 28 में यदि आप मेरे साथ चलें तो आपको बता दूं कि पूर्व पार्षद गायत्री सोनी के बागी के रूप में चुनाव में डटे रहने से यहां भाजपा की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। दो भाजपा के उम्मीदवारों की भिड़ंत में यहां भी कांग्रेस को लाभ मिल सकता है।
वार्ड 36 का यदि आप साथ में दौरा करें तो यहां भाजपा की जीत को उन्हीं के घीसू गढ़वाल ने घिस कर रख दिया है। बहन अनीता भदेल की टीम से उन्हें निकाल देना इस बार उन्हें बहुत भारी पड़ सकता है ।
समय अभाव में आज इतना ही। कल कोशिश करूंगा कि दूसरे वार्डो में आपको घुमा कर लाऊं ।
अंत में एक बार फिर हाथ जोड़ कर आग्रह कि किसी के झांसे में ना आएँ। अपना वोट नाली में न बहाएं। जी में आए जिसे वोट दें मगर बेदाग उम्मीदवार को दें ।चाहे वह किसी भी पार्टी का हो।किसी भी विचार धारा का हो।
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