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January 13, 2021
भाजपा और काँग्रेस ने अभी घोड़े मैदान में नहीं उतारे मगर वार्डों में प्रचार कार्य ज़ोरों पर
टिकिट -विंडो के मामले में काँग्रेस भाजपा से कहीं आगे
डॉ राजकुमार जयपाल का पैनल इस बार मार सकता है बाज़ी: दूसरे नंबर पर रलावता और बाहेती के बीच खींचतान
दागी और बाग़ी मामले में भाजपा काँग्रेस से आगे: ऊपर से नीचे तक आरोप ही आरोप
सुरेन्द्र चतुर्वेदी
पार्टियों में भारी उत्साह है ।निकाय चुनाव में हर पार्टी के स्वयंभू प्रत्याशियों की बाढ़ आई हुई है ।किसी भी पार्टी ने अभी अपने उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है। हां ,अतिरिक्त आत्मविश्वास और उत्साह में दोनों पार्टियों के स्वघोषित चिलगोजे अपने आप को प्रत्याशी मानते हुए प्रचार कार्य में जुट गए हैं। कांग्रेस इस मामले में भाजपा से कहीं आगे निकल गई है। 80 में से 67 वार्डों में अघोषित कांग्रेसी प्रत्याशी प्रचार करने में जुटे हुए हैं ।सोशल मीडिया पर ऐसे लोग डिजिटल -पोस्टर बनाकर अपने लिए वोट मांग रहे हैं ।
दरअस्ल हुआ यह है कि सिद्धहस्त कांग्रेसी नेताओं ने अपना जो पैनल बनाया है उसे अपने चिलगोजों को यह कहकर थमा दिया है कि उनका पैनल ही हाईकमान को मान्य होगा। इसी झाँसे में आकर लोग आश्वश्त होकर प्रचार में जुट गए हैं।
डॉक्टर श्रीगोपाल बाहेती, महेंद्र सिंह रलावता, डॉक्टर राजकुमार जयपाल , हेमंत भाटी ,विजय जैन इस मामले में सबसे आगे हैं ।ये सभी नेता अपने- अपने बनाए हुए पैनल को फाइनल मानकर प्रत्याशियों को यक़ीन दिला रहे हैं
इस बार कांग्रेसी नेताओं में डॉक्टर राजकुमार जयपाल ने सभी को पीछे छोड़ दिया है ।उनका पैनल सर्वाधिक लोकप्रिय है और लग रहा है कि इसी पैनल के सर्वाधिक लोग अधिकृत प्रत्याशी हो जाएंगे ।उनके लोग ज्यादा जिताऊ माने जा रहे हैं। दूसरे नंबर पर महेंद्र सिंह रलावता हैं। वे पूरी कोशिश में हैं कि उनके पैनल में कम से कम 50 वार्डों में प्रत्याशी घोषित हों। उन्होंने तो कई पप्पुओं को प्रचार कार्य में भी लगवा दिया है । इसी प्रकार हेमंत भाटी भी आश्वस्त हैं कि उनके पैनल को हाई कमान पूरी तरज़ीह देगा।उनको लगता है कि लगभग 30 लोग उनकी सिफारिश पर मैदान में उतारे जाएंगे ।विजय जैन भी खाम ख़याली के साथ टिकिट संचालक बने हुए हैं।
अजमेर में कई धुरंधर तो ऐसे हैं जिन्होंने डॉक्टर राजकुमार जयपाल, डॉ बाहेती, रलावता और विजय जैन को विभिन्न माध्यम और तरीकों से राज़ी कर लिया है ।सभी के पैनल में उनके नाम हैं। ऐसे सूरमा भोपाली तो पोस्टर भी छपवा कर अपने वार्डों में चिपकवा चुके हैं।
आर्थिक प्रबंधन के जरिए टिकट पाने वाले भी इस शहर में कम नहीं। इनका दावा है कि ऊपर तक सेटिंग हो गई है उनकी टिकट कोई नहीं काट सकता ।
दूसरी तरफ भाजपा में मुख्यतः विधायक वासुदेव देवनानी और अनिता भदेल की टिकट -विंडो पर ही ज्यादा भीड़ है। टिकिट बांटने में वे ही अपने जनाधार होने का दावा कर रहे हैं ।पूर्व मेयर धर्मेंद्र गहलोत, पूर्व उपमहापौर संपत सांखला और पार्टी के कुछ अन्य प्रभावशाली नेताओं के अपने अलग से कोई टिकिट विंडो नहीं बनने दिए । वे तो अपने कुछ वार्डों में अपने कृपा पात्रों को सेट करने के लिए ही विधायकों पर दबाव डाल रहे हैं।
जानकारी मिली है कि अजमेर उत्तर व दक्षिण को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के हिसाब से भदेल और देवनानी दो भागों में बांट कर अपनी अपनी टिकिट विंडो खोल कर चल रहे हैं। ये दोनों ही प्रमुख टिकट संचालक बने हुए हैं । यही वजह है कि जिनको इन नेताओं ने आश्वस्त कर दिया है उनकी टिकट पक्की मानी जा रही है।
मज़ेदार बात यह है कि इस बार कांग्रेस में दागी और बागी चेहरे भाजपा की तुलना में बहुत कम सामने आ रहे हैं ।यद्यपि दोनों ही पार्टियां ईमानदार छवि के लोगों का जिताऊ और टिकाऊ मानकर चुनाव मैदान में उतारने की बात कर रही हैं मगर दागी और बाग़ी लोगों के नाम भाजपा में तो साफ जाहिर हैं।
पूर्व मेयर धर्मेंद्र गहलोत के कार्यकाल में मेयर पद पर रिश्वती लिफ़ाफ़ों का आरोप लगाने वाले चंद्रेश साँखला अपनी ही पार्टी के पूर्व पार्षद वीरेंद्र वालिया से पंगा लेकर पछता रहे हैं ।मेयर धर्मेंद्र गहलोत पर गंभीर किस्म की कई जाँचें लंबित चल रही हैं। पूर्व उपमहापौर संपत साँखला पूर्व पार्षद चन्द्रेश साँखला की राह पर काफी आगे निकल चुके हैं। हो सकता है जल्द ही उन तक पहुंच भी जाएं। पार्षद वीरेंद्र वालिया की भी चन्द्रेश साँखला की मेहरबानी से कई फाइलें खुली हुई हैं। पूर्व पार्षद रमेश सोनी पर भी कोई हेलो गोल्ड प्रकरण चल रहा है। पूर्व पार्षद सोहनलाल शर्मा किसी महिला से छेड़छाड़ के मामले में आरोपी हैं। पूर्व पार्षद राजेंद्र पवार कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर रिश्वत के आरोप में चर्चित हो चुके हैं। पूर्व पार्षद महेंद्र जादम कई निर्माण कार्यों के नक्शों को लेकर जांच घेरे में हैं। मित्रों !! ये तो हुए दागी !! इसके अलावा भाजपा में बागी टिकट मांगने वालों की भी कोई कमी नहीं।
दोस्तों !! दोनों ही पार्टियां आज शाम तक अपने काले -सफेद घोड़े मैदान में उतार देंगी ! दागी - बागियों का कोई ध्यान नहीं रखा जाएगा। जुगाड़ बाज़ लोग किसी भी उपाय से टिकट पाने में कामयाब हो जाएंगे। हो सकता है आपके वार्ड में दोनों ही पार्टियां कई हरामी चेहरों को मैदान में उतार दें ! ऐसे में आप सावधान रहें! अपने वोट का इस्तेमाल सोच समझ कर करें ! यह जुगाड़ बाज़ नेता सिर्फ़ अपनी जेबें भरने के लिए ही चुनाव लड़ते हैं ! आपका वोट इन हरामी नेताओं की प्राण वायु बन सकता है।
मेरी आपसे विनती है कि इस बार दोनों ही पार्टी के जुगाड़ बाज़ों को आईना दिखाने में अपने वोट का इस्तेमाल करें ! पिछली बार जैसे ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार की नदी बही, वह इस बार ना बहे ! यही मेरी कामना है! प्रार्थना भी!
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