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क़लमकार: पिछला साल तो खा गया कोरोना, ये साल खाएगा स्ट्रेन

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January 2, 2021

ब्रिटेन से 8 जनवरी को फिर से निशुल्क सफ़र पर निकलेगा स्ट्रेन

पिछला साल तो खा गया कोरोना, ये साल खाएगा स्ट्रेन




ब्रिटेन से 8 जनवरी को फिर से निशुल्क सफ़र पर निकलेगा स्ट्रेन




मोदी जी ने बदला नारा,अब  दवाई भी-कड़ाई भी 




सुरेन्द्र चतुर्वेदी




अरे बारे!! भयंकर ठंड पड़ रही है! पूरा राजस्थान ठिठुरन और गलन के दौर से गुज़र रहा है ! सर्दी रिकॉर्ड तोड़ रही है ! सभी जिले कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा की तरह ठंडे पड़े हैं! सचिन पायलट और अशोक गहलोत के रिश्तो की तरह बर्फ कहीं से टूटने का नाम ही नहीं ले रही!




नए साल के जश्न मनाने पर रोक लग गई और लोगों के इरादों पर भी बर्फ जमी नज़र आई ! नए साल की शुरुआत पर कहीं से भी कोई ख़ुश ख़बर सुनने को नहीं मिल रही ।




किसान आंदोलन ने पूरी मजबूती के साथ नए साल में प्रवेश कर लिया है ।सियासत की गर्मी मोदी सरकार की बर्फ की तरह जमी ज़िद को पिघला नहीं पा रही ! पिछले साल और इस साल में कोई बदलाव नज़र नहीं आ रहा ! सब कुछ जस का तस! मैदान बाबा! मैदान के घर में चिड़िया बोली ! चां, चुं ,चस ! कोरोना पिछले साल को साबुत निगल गया! इस बार उसका जुड़वा भाई स्ट्रेन आ धमका है। पहले हमने कोरोना को कुछ दिन का मेहमान समझ कर भूल की , इस बार हम स्ट्रेन को मामूली समझ कर भारी भूल कर रहे हैं।




स्ट्रेन के मरीजों की संख्या फिलहाल देश की आबादी के हिसाब से कम है। हम खुश हैं ।हमारा डर कोरोना काल की बोरियत से तंग आकर दिल से निकल चुका है। कोरोना काल में जिंदा बच गए हम जैसे लोग सोच रहे हैं कि स्ट्रेन भी हमारा बाल बांका नहीं कर सकेगा। शायद हम अभी नहीं जान पा रहे कि कोरोना से 20 गुना ताक़तवर है स्ट्रेन। 20 से 20 हज़ार और बीस हज़ार से से 20 लाख तक पहुंचने में सिर्फ एक महीना लगेगा ।





सरकार 8 जनवरी से ब्रिटेन से आने वाली हवाई उड़ानें शुरू करने जा रही है। उसकी अपनी गणित है। दवाइयां कंपनी बेहद खुश हैं। पिछले साल उन्होंने जमकर मुनाफा कमाया। इस साल उन्हें स्टैंन अपना कमाऊ पूत लग रहा है।




ब्रिटेन से आया स्टैन यूरोपीय देशों में अपनी पूरी मारक क्षमता के साथ चल रहा है ।स्थितियां लॉकडाउन तक पहुंच गई हैं। स्ट्रेन 8 जनवरी से निशुल्क उड़ानों से हवाई यात्रा पर निकलेगा। हालात बद से बदतर होंगे।




मेरा निजी आकलन कभी गलत नहीं होता। मेरे क़यास आज तक कभी झूठे सिद्ध नहीं हुए। मैं कोई ज्योतिषी नहीं ,मगर उससे कम भी नहीं ।




स्ट्रेन आने वाले कुछ महीनों में देशवासियों के लिए नया सर दर्द बनकर आने वाला है। पिछले साल को जिस तरह कोरोना खा गया, यह साल उसी तरह स्ट्रेन खाएगा । आ रही वैक्सीन कोरोना और स्ट्रेन से कितना मुकाबला कर पाएंगी कहा नहीं जा सकता।दोनों की प्रकृति में भारी अंतर है।




जो लोग सोचते हैं कि दवाई आने पर ढिलाई मुनासिब हो जाएगी,यह उनकी भारी भूल है ।इस बात को मोदी जी पहले ही जान चुके हैं। पहले वे कह रहे थे कि जब तक दवाई नहीं -दिलाई नहीं ।अब वे अपनी बात से मुकर गए हैं या यूं कहें कि आप लोगों को आगाह कर रहे हैं । वे भी अब कहने लगे हैं कि दवाई भी-कड़ाई भी! देश में कोरोना की मौजूदगी और स्ट्रेन की संभावनाओं के बीच ,स्कूल खोले जाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं।कई राज्यों में स्कूल खोल भी दिए गए हैं। केरल, कर्नाटक और असम में स्कूल खोल दिए गए हैं ।इससे पहले उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश ,आंध्र प्रदेश और सिक्किम में स्कूल आंशिक रूप से खोले जा चुके हैं।




उधर मुंबई में स्ट्रेन के मद्देनज़र स्कूल 15 जनवरी तक नहीं खुलेंगे। राजस्थान में स्कूल कब खुलेंगे, इस बात का जवाब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास भी नहीं।




देश में जहां -जहां स्कूल खुल गए हैं ,वहां बच्चों के मां-बाप पढ़ने नहीं भेज रहे ! भेजेंगे भी नहीं! सरकारों को जल्दी हो सकती है, अभिभावकों को कोई जल्दी नहीं ! बिना वैक्सीन के वे बच्चों को स्कूल भेजकर मौत के मुंह में नहीं धकेलना चाहते ।स्ट्रेन यूँ भी छोटे बच्चों पर पैनी नज़र गड़ाए बैठा है।




सरकार देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कुछ भी कर सकती है। देश की बढ़ती हुई आबादी पर नियंत्रण पाने के लिए लोगों का बड़ी तादाद में मरना भी इसके लिए एक उपाय हो सकता है। यद्यपि यह उपाय लोक कल्याणकारी नहीं मगर देश की अर्थव्यवस्था को जिंदा करने के लिए लोगों का मरना कोई मायने नहीं रखता। बच्चे पैदा करने में यूँ भी भारतीयों का कोई मुकाबला नहीं। उन्हें खुली छूट दे दी जाए तो देश की आबादी कुछ सालों में ही दोगुनी हो सकती है।




मोदी सरकार जिंदा रहने वालों को हिदायतें दे चुकी है। गाइड लाइन पर चलने के लिए कानून भी सख्त हो चुके हैं मगर किसी की किस्मत में मौत ही लिखी है तो मोदी जी भी क्या कर लेंगे ।





मित्रों !! एक बार फिर मैं आपको समझा रहा हूँ कि आने वाले खतरे से भले ही डरे नहीं मगर सावधान ज़रूर रहें। स्ट्रेन को आसान न समझें! यह कोरोना से ज्यादा खतरनाक है । अगर आप सावधान नही रहे तो कोरोना काल में राधे फाउंडेशन का काढ़ा पी पीकर बढ़ाई गई रोग प्रतिरोधक क्षमता भी इस स्ट्रेन के आगे ज्यादा नहीं टिक पाएगी! अब तो सावधानी ही इलाज़ है । दूरी बनाकर रहें। मास्क लगाएं। हाथ धोते रहें। और सरकार द्वारा दी गई हिदायतों का पालन कड़ाई से करें।


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