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December 15, 2020
सर्दियां पड़ते ही सबसे पहले स्कूल बंद कर दिए जाते हैं। आमतौर पर कड़ाके की गर्मी और सर्दी में एक-एक महीने के लिए स्कूल बंद हो जाते हैं। वहीं रूस के ओएमयाकोन शहर में माइनस 51 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी स्कूल खुल रहा है। इतना ही सबसे बड़ी बात यह है कि यहां हडि्डयां कंपा देने वाली इस ठंड के बावजूद छोटे-छोटे बच्चे कक्षा में पढ़ने के लिए पहुंच रहे हैं।
यह सरकारी स्कूल 83 साल पुराना है, जो साइबेरिया के गांव में स्थित है। इस स्कूल को 1932 में स्टालिन के राज में बनवाया गया था। यहां खारा तुमूल और बेरेग युर्डे गांव के बच्चे पढ़ने आते हैं। ओएमयाकोन की आबादी करीब 2500 है। यहां पोस्ट ऑफिस और बैंक जैसी कुछ बहुत बुनियादी सुविधाएं ही मौजूद हैं।
इस बेहद दुर्गम और चुनौतीपूर्ण जगह पर भी कोरोना वायरस का खतरा बना हुआ है। महामारी के बावजूद भी यहां स्कूल खुल रहा है। हालांकि, संक्रमण के बचाव के लिए बच्चों के साथ पैरेंट्स और स्टाफ को भी स्कूल में घुसने से पहले तापमान जांच कराना होता है। किसी भी छात्र या स्टाफ की तबीयत खराब होने पर तत्काल उसकी कोविड जांच कराई जाती है।
यह स्कूल 11 साल या उससे कम उम्र के छात्रों के लिए तभी बंद होता है, जब तापमान -52 डिग्री या उससे कम चला जाता है।
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