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December 13, 2020
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा टेक्सास के एक मुकदमे को खारिज करने से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक और बड़ा झटका लगा है। अदालत ने ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी और उसके समर्थकों द्वारा दायर राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को पलटने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इनमें कहा गया था कि अदालत उन चार अहम राज्यों के चुनाव नतीजे पलट दे जिनमें जो बाइडन ने जीत दर्ज की है।
ये याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में सीधे लगाई गईं जिनमें जॉर्जिया, मिशिगन, पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन से जो बाइडन को दिए जाने वाले वाले इलेक्टोरल मतों को रोकने की मांग की गई। टेक्सास के अटॉर्नी जनरल की इस याचिका पर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने अपने बिना हस्ताक्षर वाले आदेश में कहा कि टेक्सास ने उस प्रकार से न्यायिक संज्ञेय दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिस प्रकार से अन्य राज्य चुनाव आयोजित करते हैं। सभी लंबित प्रस्ताव विवादित करार देते हुए खारिज किए जाते हैं।
यह फैसला ट्रंप के लिए बड़ा झटका इसलिए भी है क्योंकि टेक्सास को रिपब्लिकन पार्टी का गढ़ माना जाता है और इसी राज्य के नतीजों को चुनौती दी गई थी। इस फैसले का अर्थ यह भी है कि 14 दिसंबर को इलेक्टोरल कॉलेज की वोटिंग से पहले बाइडन की बढ़त बरकरार रहेगी। अब बाइडन का 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेना तय माना जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सैमुएल एलीटो और न्यायाधीश क्लैरंस थॉमस के मुताबिक, उनका मानना है कि अदालत को मामले की सुनवाई करनी चाहिए लेकिन उन्होंने टेक्सास के दावे पर स्थिति स्पष्ट नहीं की। अदालती आदेश के बाद प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा, कोर्ट ने लाखों मतदाताओं की इच्छा पलटने के जीओपी के गैरकानूनी और अलोकतांत्रिक वाद को खारिज करने का सही कदम उठाया है।
बाइडन ने चीनी मूल की अमेरिकी वकील कैथरीन ताई को अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में नामित किया है। बाइडन ने कहा कि उनके प्रशासन की प्रमुख प्राथमिकता चीन के अनुचित व्यापार व्यवहार को काबू में करना होगा। बता दें कि ताई इससे पहले ओबामा-बाइडन प्रशासन में चीन द्वारा अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ प्रमुख दूत रह चुकी हैं और चीन की आलोचक रही हैं।
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने अमेरिकियों से आग्रह किया है कि वे प्रथम श्रेणी के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किए गए कोविड-19 टीके पर भरोसा रखें। व्हाइट हाउस की ओर से खाद्य व औषधि (एफडीए) आयुक्त डॉ. स्टीफन हन पर दबाव की खबरों के बीच बाइडन ने कहा, मैं जनता को स्पष्ट करना चाहता हूं कि टीके में किसी तरह का राजनीतिक प्रभाव नहीं है। उन्होंने कहा, वैज्ञानिकों पर यकीन हमें यहां तक लाया है।
अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी महिला सांसद प्रमिला जयपाल समेत देश के कई प्रभावशाली सांसदों ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन से आग्रह किया है कि वे डोनाल्ड ट्रंप की आव्रजन नीतियों को उलट दें। इन सांसदों ने एक प्रस्ताव भी पेश किया जो आव्रजन प्रणाली में सुधार की मांग करता है। सांसदों ने कहा कि ये प्रस्ताव न्यायसंगत और निष्पक्ष हैं। प्रमिला के अलावा अन्य सांसदों में जेस चुय गरका, वेरोनिका एस्कोबार, अलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज़, जूडी चू और यवेटे क्लार्क शामिल रहे।
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