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अंतर्राष्ट्रीय न्यूज़: तुर्की राष्ट्रपति के कविता पाठ से भड़का ईरान

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December 13, 2020

एर्दोगन ने दिया देश के अल्पसंख्यकों को भड़काने वाला बयान - तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैय्यब

तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैय्यब एर्दोगन ने अजरबैजान की राजधानी बाकू में सेना की विजय परेड देखने के दौरान अजारी-ईरानी कविता पढ़ी, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। यह कविता 19वीं सदी में रूस और ईरान के बीच अजरबैजान के बंटवारे को लेकर थी जिस पर ईरान भड़क उठा है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने इस पर तुर्की के राजदूत को तलब कर लिया है।




ईरान ने चिंता जताई कि इस तरह की टिप्पणी की वजह से देश में अजारी अल्पसंख्यकों के बीच अलगाववाद की भावना भड़क सकती है। ईरानी विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि तुर्की के राजदूत को बता दिया गया है कि दूसरों की जमीन पर दावा करने और विस्तारवादी देशों का दौर जा चुका है। ईरान किसी को भी अपनी अखंडता में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं देता है।




ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने ट्वीट किया कि राष्ट्रपति एर्दोगन को नहीं पता है कि जो उन्होंने बाकू में गलत तरीके से पढ़ा है उसका अर्थ ईरान की मातृभूमि से उसके इलाकों को जबरदस्ती अलग करना है। ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी आईएसएनए के मुताबिक, जो कविता पढ़ी गई वह पूरे तुर्की में अलगाववाद के प्रतीकों में से एक है।




एर्दोगन ने कविता में कहा कि उन्होंने अरास नदी को बांट दिया और उसमें पत्थर व डंडे भर दिए। मैं तुमसे अलग नहीं होना चाहता, बल्कि उन्होंने हमें जबरदस्ती अलग कर दिया। ईरान ने इसे अपने अंदरूनी मामलों में दखल देने वाली अस्वीकार्य टिप्पणी मानकर तुर्की के राजदूत से तुरंत स्पष्टीकरण देने को कहा है।


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