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क़लमकार: भूतड़ा के सिर पर चढ़ा हुआ है कई दंभी नेताओं का भूत

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December 12, 2020

ख़ुद पार्टी को धत्ता बता कर लड़े थे चुनाव,अब पलाड़ा को बता रहे हैं अनुशासनहीन !! गजब..!!

भूतड़ा के सिर पर चढ़ा हुआ है कई दंभी नेताओं का भूत



ख़ुद पार्टी को धत्ता बता कर लड़े थे चुनाव,अब पलाड़ा को बता रहे हैं अनुशासनहीन !! गजब..!!



आज के अभिमन्यु ने पार्टी के कई घिनोने चेहरों को किया एक्सपोज़



हठधर्मिता के चलते भाजपा को हुए इस भारी नुकसान के बाद पार्टी ढूंढे अब चुल्लू भर पानी



सुरेन्द्र चतुर्वेदी



अजमेर जिला प्रमुख पद को लेकर जो घटना क्रम चला उस पर देहात अध्यक्ष देवीशंकर भूतड़ा का बयान विभिन्न समाचार पत्रों में छपा है। चोर मचाए शोर वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। जिसकी अकर्मण्यता और अदूरदर्शिता के कारण ही जीती हुई सीट भाजपा की झोली से निकल गई और वो अब अख़बारों में बयान दे रहा है। भूतड़ा की हठधर्मिताऔर कुछ खोखले नेताओं की ज़िद के कारण ही कद्दावर और पिछले 25 वर्षों से जड़ से जुड़े भाजपा नेता भंवर सिंह पलाड़ा को अपनी मूल पार्टी से मुंह फेरना पड़ा । और भाजपा ने एक मजबूत भावी नेता को खो दिया।



आज जो भूतड़ा बढ़-चढ़कर अनुशासनहीनता की बात कर रहे हैं उन्होंने खुद भाजपा के साथ क्या-क्या दगा किया वह शायद आज भूल गए हैं। उन्होंने भाजपा से बागी होकर भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ जब चुनाव लड़ा था तब यह अनुशासनहीनता कहां चली गई थी ज़रा देखिए भूतड़ा आज क्या कह रहे हैं ।



जिला प्रमुख चुनाव में जिस तरह जीत हासिल की गई वह जनाधार के विपरीत जाकर जोड़-तोड़ से हासिल की गई जीत है। पार्टी से बगावत कर अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ा जो अनुशासनहीनता है। जो कांग्रेसी नेता गुरुवार को अपनी कूटनीति बताते हुए खुश हो रहे थे उप जिला प्रमुख चुनाव में उनकी बोलती बंद हो गई ।भाजपा ने जानबूझकर उप जिला प्रमुख का प्रत्याशी घोषित नहीं  किया ताकि पार्टी में राजनीतिक जोड़-तोड़ करने वाले एक्सपोज हो सके और ऐसा हुआ भी



लगता है भूतड़ा सियासत की बारीकियों को भूल गए हैं।वे जिस तरह अनुशासन हीनता और पार्टी को धोखा देने की बात कर रहे हैं वह ऐसी है जैसे खुद लालाजी बैंगन खाएं दूसरों को उपदेश सुनाएं ।



शक्तिपुंज पलाड़ा पर आरोप लगाने से पहले वे अपनी हैसियत तो देखें! पलाड़ा ने तो पार्टी के षड्यंत्र का शिकार होने के कारण निर्दलीय चुनाव लड़ा और फिर अपने दम पर जीत भी हासिल की। भूतड़ा ने बगावत कर क्या तीर मार लिया था  बगावत तो उन्होंने भी की थी ।पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ कर। वोट मिले इन में तीन। ज़मानत तक नहीं बचा पाए । अब किस मुंह से वे पलाड़ा के विरुद्ध जुबान खोल रहे हैं 



सच तो यह है कि पलाड़ा एक्सपोज नहीं हुए वे खुद एक्सपोज हुए हैं । पलाड़ा के विरुद्ध रचे गए खेल के सारे चेहरे एक्सपोज हुए हैं। पार्टी को अपनी औकात मालूम हो गई है। पार्टी के अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया हों या पूरी पार्टी जिनमें समाहित है वो चंद्रशेखर शर्मा हों, या अनुशासन समिति के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ,या विधायक सुरेश रावत या वासुदेव देवनानी या और भी कई चिलगोजे ! सभी ने अभिमन्यु को घेर कर मारने की साजिश में हाथ मिला लिए थे।



पहले तो पलाड़ा को टिकट ही नहीं मिले इसके लिए साजिश की गई। उसमे सफल हो गए मगर बाद में उनकी पत्नी जो जिला प्रमुख होने की असली हकदार थीं को काटने के लिए इन सभी पार्टी बाज़ नेताओं ने क्या नहीं किया ? एक्सपोज तो भूतड़ा जी आप और आपके आका हुए हैं। अब तो चुल्लू भर पानी पार्टी को ढूंढ लेना चाहिए। क्या एक्सपोज करके पार्टी ने पा लिया? कौन सा बाल.. ?



सच तो यह है कि कुछ नेताओं के दिमाग में तीतर का बाल था जो एक्सपोज हो गया है। कई बीमार नेताओं के दिमाग के कीड़े निकाल दिए हैं पलाड़ा ने।



भूतड़ा जी अनुशासनहीनता करने के कारण आपको भी पार्टी ने छह साल के लिए निकाल दिया था मगर आपको अपने उस्ताद ओंकार सिंह लखावत के कारण पार्टी में वापस ले लिया गया। पार्टी को अब जरूर एहसास हो रहा होगा कि ये सबसे बड़ी भूल थी।



आपने जब पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार शंकर सिंह रावत के विरुद्ध चुनाव लड़ा था तब आपको मात्र छह हज़ार वोट मिले थे । आपकी राजनीतिक औकात तो तभी एक्सपोज हो गई थी। तभी आप को टिकट नहीं मिली क्योंकि आपकी औकात तो आपने चुनाव के बाद खुद ही तय कर दी थी। जिसे टिकट मिली उसने अपनी औकात चुनाव जीतकर सिद्ध कर दी।



अब पलाड़ा जी की औकात को एक्सपोज कर के देख लिया ना आपने? आपको और पार्टी को क्या मिला ? बाबा जी का ठुल्लू!!



पलाड़ा जी ने तो ताल ठोक कर सियासत की घोड़ी बनाकर, अपनी पत्नी को चुनाव जितवा दिया। अपनी मनपसंद के हंगामी लाल चौधरी को उप जिला प्रमुख बना दिया ।उन्होंने तो बता दिया कि वे क्या हैं और अजमेर में क्या पार्टियों की औकात है।



भूतड़ा जी आपको याद होगा कि मैंने आप पर कुछ माह पहले एक ब्लॉग लिखा था और आपके कई चिलगोज़ो ने मेरे ब्लॉग पर सवाल उठाए थे ! अब आप और आपके चिलगोजे क्या कहेंगे



कल वापस आपके लिए लिखा गया वही ब्लॉग पोस्ट करूँगा। फिर पढ़ना और अपने जन सम्पर्क अधिकारियों को भी पढ़ाना।



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