For News (24x7) : 9829070307
RNI NO : RAJBIL/2013/50688
Visitors - 114686412
Horizon Hind facebook Horizon Hind Twitter Horizon Hind Youtube Horizon Hind Instagram Horizon Hind Linkedin
Breaking News
Ajmer Breaking News: भारत निर्वाचन आयोग द्वारा कराए गए गहन पुनरीक्षण कार्य यानि SIR का मंगलवार जिला कलेक्ट्रेट सभागार में जिला निर्वाचन अधिकारी लोकबंधु द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस |  Ajmer Breaking News: मतदाता सूचियां के गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत मंगलवार 16 दिसंबर को मतदाता सूचियों का ड्राफ्ट किया प्रकाशित  |  Ajmer Breaking News: अजमेर के पहाड़ गंज में रहने वाले परिवार को इंडियन एंबेसी और एयर लाइंस की लापरवाही की वजह से आर्थिक ओर मानसिक हानि उठानी पड़ी। |  Ajmer Breaking News: राज्य सरकार के 2 वर्ष पूर्ण होने पर मंगलवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पुलिस कप्तान वंदिता राणा के नेतृत्व में पुलिस अधिकारी और जवानों ने एसपी कार्यालय परिसर में साफ सफाई की |  Ajmer Breaking News: मंगलवार को OBC सर्वे ड्यूटी एवं विभाग से अतिरिक्त अन्य कार्य को निरस्त करने की मांग को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन। |  Ajmer Breaking News: अजमेर जिला बार एसोसिएशन के हाल ही में संपन्न हुए चुनावों के बाद नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को निवर्तमान अध्यक्ष ने सौंपा चार्ज, सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारी सदस्यों का माल्यार्पण कर किया स्वागत  |  Ajmer Breaking News: अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 814वां उर्स कल से शुरू होगा उससे पहले सुरक्षा व्यवस्था सख्त |  Ajmer Breaking News: आईजी रेलवे सुरक्षा बल, उत्तर पश्चिम रेलवे जयपुर द्वारा रेलवे स्टेशन अजमेर व रेसुब लाईन रामगंज का किया निरीक्षण  |  Ajmer Breaking News: राज्य सरकार की द्वितीय वर्षगांठ, जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत ने जिला विकास प्रदर्शनी का शुभारम्भ एवं जिला विकास पुस्तिका का किया विमोचन |  Ajmer Breaking News: वर्तमान राजस्थान सरकार के दो वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मगंलवार को महिला अधिकारिता विभाग एवं में संभागीय आयुक्त कार्यालय में हुआ श्रमदान | 

अंतर्राष्ट्रीय न्यूज़: ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के सांसद स्कॉट पैरी ने संसद में एक बिल पेश किया है

Post Views 11

September 9, 2020

इसमें कहा गया- जिनपिंग लोकतांत्रिक तौर पर नहीं चुने गए, लिहाजा- वे तानाशाह हैं

अमेरिकी संसद में एक बिल पेश किया गया है। इसमें कहा गया है कि अमेरिका में सरकारी तौर पर शी जिनपिंग को चीन का राष्ट्रपति यानी प्रेसिडेंट नहीं कहा जाना चाहिए। बिल के मुताबिक, चीन में लोकतंत्र नहीं है। और न ही, जिनपिंग लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए हैं। लिहाजा, अमेरिका उन्हें राष्ट्रपति कहना बंद करे।

तकनीकि तौर पर बिल में कही गई हर बात सही है। दरअसल, 1980 के पहले किसी चीनी शासन प्रमुख को प्रेसिडेंट यानी राष्ट्रपति नहीं कहा जाता था। इतना ही नहीं, चीन के संविधान में भी राष्ट्रपति या प्रेसिडेंट  शब्द नहीं है।

 चेयरमैन ऑफ एवरीथिंग
2012 में जिनपिंग राष्ट्रपति बने। यह पद उन्हें चाईनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के मुखिया होने के चलते मिला। संवैधानिक तौर पर देखें तो सीसीपी का चेयरमैन ही सरकार और सेना का प्रमुख होता है। लेकिन, जिनपिंग के मामले में ऐसा नहीं है। सीएनएन के मुताबिक, जिनपिंग ही सत्ता और पार्टी का एकमात्र केंद्र हैं। वे पार्टी की नई सुपर कमेटीज के चेयरमैन भी हैं। इसलिए, इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स उन्हें  चेयरमैन ऑफ एवरीथिंग यानी  हर चीज का अध्यक्ष  कहते हैं। ये एक तरह से तानाशाह होना ही है।

अमेरिका में लाए गए बिल में क्या है
ट्रम्प की पार्टी के सांसद स्कॉट पैरी ये बिल लाए। नाम दिया गया, नेम द एनिमी एक्ट । पैरी चाहते हैं कि जिनपिंग या किसी चीनी शासक को अमेरिका के सरकारी दस्तावेजों में न राष्ट्रपति कहा जाए और न लिखा जाए। बिल के मुताबिक- चीन में राष्ट्रपति जैसा कोई पद नहीं है। वहां कम्युनिस्ट पार्टी का जनरल सेक्रेटरी (महासचिव) होता है। और जब हम उसे राष्ट्रपति कहते हैं तो ऐसा लगता है, जैसे कोई व्यक्ति लोकतांत्रिक तौर पर चुना गया हो। चीन में तो लोकतंत्र नहीं है।

फिर सच्चाई क्या है..
इसे आसान भाषा में समझते हैं। दरअसल, जिनपिंग को  राष्ट्रपति कहे जाने पर भ्रम है। और इसीलिए विवाद भी हुए। चीन में जितने भी पदों पर जिनपिंग काबिज हैं, उनमें से किसी का टाईटिल  प्रेसिडेंट नहीं है। और न ही चीनी भाषा (मेंडेरिन) में इस शब्द का जिक्र है। 1980 में जब चीन की इकोनॉमी खुली, तब चीन के शासक को अंग्रेजी में प्रेसिडेंट कहा जाने लगा। जबकि, तकनीकि तौर पर ऐसा है ही नहीं। जिनपिंग सीसीपी चीफ हैं। इसलिए देश के प्रमुख शासक हैं। लेकिन, वे राष्ट्रपति तो बिल्कुल नहीं हैं। बस उन्हें प्रेसिडेंट कहा जाने लगा।

सवाल क्यों उठते हैं...
स्कॉट पैरी के पहले भी अमेरिका में यह मांग उठती रही है कि कम से कम आधिकारिक तौर पर तो चीन के शासक को राष्ट्रपति या प्रेसिडेंट संबोधित न किया जाए। आलोचक कहते हैं- जिनपिंग ही क्यों? चीन के किसी भी शासक को राष्ट्रपति कहने से यह संदेश जाता है कि वो लोकतांत्रिक प्रतिनिधि है, और इंटरनेशनल कम्युनिटी को उन्हें यही मानना चाहिए। जबकि, हकीकत में वे तानाशाह हैं।

बात 2019 की है। तब यूएस-चाइना इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन की एक रिपोर्ट में कहा गया था- चीन में लोकतंत्र नहीं है। मतदान का अधिकार नहीं है और न बोलने की आजादी है। जिनपिंग को राष्ट्रपति कहना उनकी तानाशाही को मान्यता देना है।

जिनपिंग के ओहदे
चीन में जिनपिंग के पास तीन अहम पद हैं। स्टेट चेयरमैन (गुओजिया झुक्शी)। इसके तहत वे देश के प्रमुख शासक हैं। चेयरमैन ऑफ द सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (झोंगयांग जुन्वेई झुक्शी)। इसके मायने हैं कि वे सभी तरह की चीनी सेनाओं के कमांडर इन चीफ हैं। तीसरा और आखिरी पद है- जनरल सेक्रेटरी ऑफ द चाईनीज कम्युनिस्ट पार्टी या सीसीपी (झोंग शुजि)। यानी सत्तारूढ़ पार्टी सीसीपी के भी प्रमुख। 1954 के चीनी संविधान के मुताबिक, अंग्रेजी में चीन के शासक को सिर्फ चेयरमैन कहा जा सकता है।


© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved