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July 10, 2020
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य सरकार सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों की संख्या को लेकर चिंतित है और इसमें 50 प्रतिशत तक कमी लाने के लिए एक कार्य योजना बनाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए जल्द ही सभी संबंधित विभागों की बैठक बुलाई जाएगी और सड़क सुरक्षा को अनिवार्य रूप से स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा।
गहलोत ने भीलवाड़ा जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के माध्यम से दुग्ध उत्पादकों के लिये हेलमेट वितरण कार्यक्रम में यह कहा। उन्होंने मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए कार्यक्रम को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने दो पशुपालकों भंवरलाल जाट तथा नानूराम कुमावत को सड़क सुरक्षा अग्रदूत के रूप में हेलमेट पहना कर इस कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके तहत 15 हजार पशुपालकों को भीलवाड़ा डेयरी द्वारा हेलमेट वितरित किए जाएंगे।
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार लक्ष्य बनाकर प्रयास करेगी, जिससे राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष होने वाली दस हजार मौतों की संख्या में कमी लाकर इसे आधा किया जा सकेगा। उन्होंने निर्देश दिए कि सड़क सुरक्षा को लेकर जल्द ही एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई जाए। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में अकाल मृत्यु के शिकार दुपहिया वाहन चालक अधिक होते हैं। यदि वे हेलमेट पहन कर वाहन चलाएं, तो दुर्घटना के असर को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि प्रदेश में मोटरयान अधिनियम-2019 लागू करने के पीछे राज्य सरकार की मंशा यही है कि लोगों को दुर्घटना का शिकार होने से बचाया जा सके। भीलवाड़ा जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष व विधायक रामलाल जाट ने कहा कि भीलवाड़ा डेयरी द्वारा करीब तीन हजार दुग्ध उत्पादकों को सड़क सुरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया है।
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