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July 13, 2019
2138 #मधुकर कहिन
पावर पुराण - भाग 2
*अजमेर की चरमराई बिजली व्यवस्था की सुध आखिर कब लेंगे मंत्री जी ?*
*टाटा पावर जैसे मनमाने हाथी पर कब्ज़ा शायद कांग्रेस सरकार के भी बस का नहीं है।*
नरेश राघानी
टाटा पावर की वजह से अजमेर की बिगड़ी हुई ऊर्जा व्यवस्था की आखिर कब सुध लेंगे मंत्री जी ?? *जी हां !!! मैं मंत्री जी कह रहा हूं। और वह मंत्री है माननीय डॉ बी डी कल्ला साहब। जिनकी अपने आप में बड़ी स्वच्छ और ईमानदार छवि है। जिनके लिए कहा जाता है कि - कल्लाजी आंखें बंद करके केवल और केवल जनता के भले के बारे में ही सोचते हैं। अब यह कितना सच है, और कितना नहीं यह तो राम जाने* , परंतु फिलहाल जैसा हाल टाटा पावर ने अजमेर की बिजली व्यवस्था का कर रखा है। उसको *देखकर बिल्कुल नहीं लगता कि हमारे ऊर्जा मंत्री के दिलों दिमाग में कोई ऊर्जा बच गई है। जिससे वह यह अन्याय होता हुआ देख कर भी अपने अंदर की उर्जा को जनहित में इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं ।* रोज सुबह टाटा पावर के *सद गुणों का बखान* करती खबरें, अखबारों में पढ़ने को मिल जाती है। अभी परसों ही पढ़ा था कि टाटा पावर बड़ी बेरहमी से अपने उपभोक्ताओं से तकरीबन *चार करोड़ का जीएसटी यूँ ही में वसूल चुका है।* फिर दूसरे दिन पढा कि टाटा पावर के ही किसी कर्मचारी ने मार्केट भर से पैसे उठाना शुरू कर दिया वह भी यह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए की , *बिजली चाहे कितनी भी जलाइए बिल कम ही आएगा* । अभी *दिमाग का लट्टू चक्कर खाना बंद ही नहीं हुआ था ,* तो पता चला कि बहुत सारे लोगों की भीड़ प्रशासन के पास पहुंची और घंटों लाइट बंद होने की शिकायत करने लगी । फिर अचानक व्हाट्सएप पर मैसेज चलते देखा जो कि टाटा पावर के एक वरिष्ठ अधिकारी के मोबाइल नंबर से चलाया गया था , जिसमें लिखा था कि *बारिश के मौसम अपना ख्याल रखें, बिजली के खंभों और ट्रांसफार्मरों से सुरक्षित दूरी बनाएं रखें ।*
टाटा पॉवर की ऐसी क़ातिल डिस्ट्रीब्यूशन सर्विस ,को देखते हुए एक बार तो मन में आया कि, मैं भी उस मैसेज का जवाब एक मैसेज चला कर दे दूँ कि - *उन्ही खंबों में से सबसे ऊंचे खंभे पर बिजली के तार का फंदा गले में डालकर आप लटक क्यों नहीं जाते ?*
क्योंकि आम आदमी को तो वैसे भी आप लोगों ने कभी दुगने बिलो की मार से, तो कभी पावर कट की भरमार से, आधा अधूरा मार ही डाला है। उस पर जिन कांग्रेसियों से टाटा पावर अजमेर आते ही विरोध प्रदर्शनों की वजह से परेशान था। वह कांग्रेसी तो न जाने कौनसी *जादुई गोली खाकर सरकार आते ही इस मुद्दे पर मूँह छिपा कर बैठे हैं।*
एक *काँग्रेसी दुमछल्ला* मैसेज करके लिखता है कि - *यहां वहां की फालतू बातों पर पत्रकारिता करने से बेहतर है कि अजमेर की जनता के लोगों का दुख समझा जाए और टाटा पावर का यह रवैया उच्च स्तर के लोगों तक पहुंचाया जाए ।* मैंने भी तपाक से वापस जवाब दे कर लिखा डाला कि - *पहले तुम लोग खुद अपनी सरकार का इस बात पर विरोध करो। जब तक तुम लोगों की सरकार नहीं थी, तब तक आए दिन रोज टाटा पावर हाय हाय !!! करते हुए दिखाई देते थे। जब से अशोक गहलोत सरकार आई है तब से इस मुद्दे पर क्यूँ कांग्रेसियों के मूँह को लकवा मार गया है ?*
खैर !!! अजमेर के *कांग्रेसियों में कोई दम है ही नहीं। न ही उनके बस में कुछ है ।*
अब देखिए ना !!! डॉ रघु शर्मा खुद इन दिनों अपने ही ब्राह्मण समाज के कांग्रेसी नेताओं से न मिलकर , समाज के नेताओं के निशाने पर आ गए है। नाराज़ कांग्रेसी ब्राह्मण खुल कर भले ही कुछ न कहें - लेकिन डॉ रघु शर्मा से नहीं मिल पाने का *गुस्सा मंत्री जी को तो दिखा नहीं पाए । बल्कि सोशल मीडिया पर डायलॉग बाजी कर के और प्रेस वालों को फ़ोन कर इस मुद्दे को उछालने हेतु ब्लॉग लिखने के लिए कहकर ही निकाल रहे हैं। जो लोग अपने ही नेताओं से मिलने तक में सक्षम नहीं है । वह भला क्या टाटा पावर जैसे मनमाने हाथी को काबू में करेंगे ? इनसे कोई भी उम्मीद करना बेकार है।* इस हाथी को काबू तो अब आम जनता सड़क पर आकर ही कर पायेगी , जिसके *सब्र का बांध इस मानसून में बस टूटने ही वाला है।*
जय श्री कृष्ण
नरेश राघानी
प्रधान संपादक
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