Post Views 1051
July 6, 2019
2131# मधुकर कहिन
टाटा पावर की कृपा से शहर ने बारिश के दौरान मनाई छोटी दीवाली
टोल फ्री नंबर भी आया जनता को मुफ्त मधुर संगीत सुनाने के काम
नरेश राघानी
हर हफ्ते जनसुनवाई जैसे *नाटक* आयोजित करने वाली *अजमेर की टाटा पावर की पोल मानसून की पहली बारिश में ही खुलती नज़र आ गयी।* कल *जिस तरफ देखो उस तरफ ट्रांसफार्मरों से धमाके ऐसे सुनाई दे रहे थे, जैसे कि शहर में बारिश नहीं छोटी दिवाली आ गई हो। दिन भर में शहर भर में टाटा पावर की बत्ती गुल और मीटर चालु रहा।* अकेले पंचशील इलाके में ही दिन में करीब 20 बार बत्ती गुल हुई। पीड़ित उपभोक्ताओं ने जब शिकायत करने के लिए टाटा पावर के *टाइम पास टोल फ्री नंबर 18001806531 पर कॉल किया तो वहां से भी मधुर संगीत के अलावा कुछ और नहीं सुनाई दिया। और बस मधुर संगीत की धुन सुनते सुनते ही उपभोक्ताओं का सारे दिन टाइम पास होता रहा ।* इस टॉल फ्री नंबर का भी अजब ही किस्सा है। आपको बता दें कि कुछ महीनों पहले जनता को भेजे गए बिजली के बिलों में यह देखा गया कि कई बिलों में *जितनी खपत उपभोक्ताओं ने नहीं की उससे तीन गुने ज्यादा का बिल* उपभोक्ताओं को भेजा गया । इस बात को लेकर जब अजमेर के लोगों ने हंगामा खड़ा किया तो उसके दूसरे तीसरे दिन ही टाटा पावर के हेड ऑफिस द्वारा अजमेर के लिए यह टोल फ्री नंबर अखबारों में प्रकाशित करवाया गया। थोड़े दिन तो यह नंबर उठा पर कुछ समय बाद इस टोल फ्री नंबर पर कॉल उठाना बंद कर दिया गया।
अजमेर के लोगों को *अंधियारे में पीड़ित पटक कर कॉल का जवाब तक नहीं देने वाली टाटा पावर, इन दिनों कुछ ज़रूरत से ज्यादा ही बेफिक्र हो पावर मैं आ गयी है।* ऐसा कौन सा *अलादीन का चिराग* मिल गया है टाटा पावर को कि उसके खिलाफ अब अखबारों तक में भी खबर प्रकाशित होने में दिक्कत महसूस हो रही है ? बताएं क्यों?
तो साहब !!! वो ऐसे की , जब टाटा पावर अजमेर क्षेत्र में नया-नया आया था । तब सैकड़ों लोगों ने टाटा पावर को लेकर बिजली के निजीकरण का विरोध किया था। जिसके चलते आए दिन रोज टाटा पावर के विरोध में कोई न कोई नेता या सामाजिक कार्यकर्ता कलेक्टर को ज्ञापन देता हुआ दिखाई देता था। *उन दिनों परेशान होकर टाटा पावर के कुछ लोग मेरे संपर्क में किसी और मध्यम से आये। जो कि इस विरोध का इलाज ढूंढ रहे थे। अब मैं ठहरा कवि सीधी सलाह ही दे पाया उल्टे काम तो अपने बस के है नहीं । सो अपुन दूर हो गए। कुछ दिन तक खामोश सब कुछ देखते रहे ताकि समझ सकें कि हो क्या रहा है।*
जैसे तैसे टाटा पावर अजमेर की जनता के मुखर विरोध का सामना करता रहा । कुछ दिनों बाद अचानक टाटा पावर का विरोध करना नेताओ ने *थक कर* कम कर दिया। बल्कि यह कहुंग कि *कांग्रेस की सरकार आते ही बंद कर दिया।* इस में ज़रा और अंदर तक पड़ताल होने पर पाया गया कि , *टाटा पावर ने अपने मुखर विरोध के मद्देनजर इलाज ढूंढ लिया था।* अजमेर से ही *एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी को संभवतः प्रशासनिक महकमें, और अन्य उड़ते हुए राजनैतिक तीरों को प्रभावित करने के लिए नियुक्त कर दिया गया।* जिसे *कहने को तो सिर्फ विजिलेंस* यानी बिजली की चोरी पकड़ने का काम दिया जा रहा है । परंतु दरअसल उस रिटायर्ड पुलिस अधिकारी का काम *अजमेर शहर में टाटा पावर के मुखर विरोध को मैनेज कर टाटा पावर का पावर बरकरार रखना है।क्योंकि अधिकांश नेता , पत्रकार और प्रशासन कर्मी कहीं न कहीं उक्त रिटायर्ड पुलिस अधिकारी के संपर्क में रहे है।* जिनको आये दिन टाटा पावर दावतें देकर अपना काम आसान किये हुए है। जनता की तकलीफ जाए भाड़ में।
वो एक एक कहावत है न - *अपना काम बनता , भाड़ में जाये जनता।* बस उसी तर्ज पर काम चल रहा है।
*खैर !!! जिनको मुफ्त दावतें उड़ानी है वह प्रभाव में आते होंगे जिन्हें प्रभाव में नहीं आना है वह तो मुखर होकर बोलेंगे भाई !!!* और खुल कर बोलेंगे कि - *जितना ध्यान और जितनी मेहनत टाटा पावर ने अपना पावर बरकरार रखने में की है। उतना काम यदि टाटा पावर वाकई ईमानदारी से* शहर की विद्युत व्यवस्था संभालने में करता , तो शायद कल पहली बारिश में ही शहर की विद्युत व्यवस्था इस तरह से चरमरा कर ढेर नहीं होती।
*बहरहाल , बिजली का तो पता नही , आप भी चाहे तो टाटा पावर के उस टोल फ्री नंबर पर कॉल कर के मुफ्त मधुर संगीत का आनंद ज़रूर उठा सकते हैं ।*
18001806531
जय श्री कृष्ण
नरेश राघानी
प्रधान संपादक
Horizon Hind | हिंदी न्यूज
9829070307
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved