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June 8, 2019
2118 #मधुकर कहिन
अनासागर में एक युवक के डूबकर आत्महत्या करने पर लगे नरेंद्र मोदी जिंदाबाद के नारे
मेरे जीवन की सबसे अजीब घटनाओं में से एक घटना जो कल रात मेरे सामने हुई !!!
Horizon Hind |हिंदी न्यूज़
कल रात बच्चों के साथ भारत मूवी देखने गया था। देर रात जब वापस लौट रहा था , तो एक पत्रकार मित्र मिला। जिसने मुझे बताया कि किसी युवक ने अना सागर झील में कूदकर आत्महत्या की है। और सिविल डिफेंस की टीम वहां पहुंचकर मुआयना कर रही है। आनासागर चौपाटी रास्ते में ही पड़ती थी। तो सोचा कि रास्ते में रुक कर जरा देख लूँ। जब मैं वहां पहुंचा तो सैकड़ों युवाओं की भीड़ जमा थी । साइड में पुलिस की गाड़ी खड़ी थी और सिविल डिफेंस की गाड़ी भी खड़ी थी। सैकड़ों युवकों के बीच घिरा एक पुलिसकर्मी युवकों से किसी बात पर बहस कर रहा था। *भीड़ के बीच किसी युवक ने अचानक से कह दिया - यदि प्रशासन मुस्तैदी से यहां पर चौकन्ना रहता तो अना सागर चौपाटी से कूदते हुए उस युवक को शायद बचाया जा सकता था। प्रशासन पूरी तरह से लापरवाह है।* जिस पर भीड़ में से ही लगभग 20 युवकों का झुंड इस बात पर नाराज हो गया । एक युवक बड़े जोश में चिल्लाकर बोला कि *प्रशासन गलती कर ही नहीं सकता। क्योंकि इस देश में मोदी की सरकार है। और जिस देश में नरेंद्र मोदी की सरकार है वहां पर प्रशासन जान बूझकर गलत कभी कर ही नहीं सकता ।* जोश में आकर उन युवकों में से *एक जने ने नरेंद्र मोदी कह कर जोर से आवाज दी। बाकी लोगों ने इसके जवाब में जिंदाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिया।* दो पल के लिए अजीब स्थिति पैदा हो गई। वहां खड़े सैकड़ों लोगों में से कुछ लोग इस बात पर हंसने लगे। जिनमें आम आदमी और पुलिसकर्मी भी शामिल थे । उन लोगों में से एक व्यक्ति बोला - *यह भी कोई बात हुई भला??? यहां किसी की जान चली गई है और यह लोग खड़े हुए नरेंद्र मोदी जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं।* मेरे मोबाइल में बैटरी कम होने की वजह से यह दृश्य मैं मेरे कैमरे में कैद नहीं कर पाया। जिसका मुझे बड़ा दुख है । नहीं तो मैं आप लोगों को यह भी दिखा पाता कि किस तरह से और किस माहौल में वहां पर नरेंद्र मोदी जिंदाबाद के नारे लगाए जा रहे थे। मुझे *परिवार साथ होने की वजह से* वहां इतनी भीड़ और धक्का-मुक्की में खड़े रहने का कोई औचित्य नहीं लगा। मैंने गाड़ी स्टार्ट की और घर की तरफ चलने लगा। रास्ते में सोच रहा था कि *यहां कोई जान से हाथ धो बैठा है और वहां खड़े लोग प्रधानमंत्री जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं !!!!* मेरे लिए बड़ा अजीब दृश्य था यह। दृश्य को देखकर मेरे मन में विचार आया कि - *नरेंद्र मोदी और उनके सहयोगियों ने पिछले कुछ सालों में जिस तरह का विश्वास आम जनता में पैदा कर दिया है । या फिर जिस तरह की उम्मीद युवाओं के मन में जगा दी है । यदि इन उम्मीदों पर नरेंद्र मोदी और उनके सहयोगी खरे नहीं उतर पाए तो फिर क्या होगा ??* यह भी मन में आया कि *आज की युवा पीढ़ी किस कदर राजनीतिक उन्माद से ग्रस्त हो चुकी है , कि उन्हें अपने चहेते नेता द्वारा चलाये जा रहे प्रशासन की बुराई सुनना तक बर्दाश्त नहीं है। चाहे वह बुराई प्रशासन के चौकस न रहने पर किसी की जान चली जाने पर की जा रही हो।*
सचमुच यह दृश्य एक तरफ से तो *उम्मीद जगाता है* कि जिस सरकार को यह देश चुन चुका हैं । उस सरकार में लोगों का विश्वास जब इतना अटल है तो यकीनन वह सरकार ऐसा काम भी करेगी । दूसरी तरफ यह भी *चिंता का विषय* इसलिए है कि *क्या सरकार वाकई ऐसा काम कर पाएगी ??? जैसी उम्मीदें लोगों ने सरकार से लगा रखी है।* दोनों ही सूरतों में क्या होना है बहुत जल्दी आम आदमी की आंखों के सामने आ जाएगा। परंतु इस *भीड़ की बातों में एक बात बहुत खरी थी* । जो कि अजमेर के प्रशासन को ध्यान रखने योग्य है। *वह यह है कि आनासागर चौपाटी के आसपास 24 घंटे लाइफगार्ड्स या प्राण रक्षा दल के लोगों को तैनात किया जाए । वर्ना स्मार्ट सिटी की यह सुंदर झील और न जाने कितने लोगों को काल का ग्रास बना बैठेगी।
जय श्री कृष्ण
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