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June 7, 2019
वरिष्ठ नेताओं का अपमान करने के आदि हो गए हैं पायलट
20 साल तक एक जगह बैठे संगठन का काम संभालते मुमताज़ मसीह को किया बिना बताए कमरे से बाहर
Horizon Hind | हिंदी न्यूज़
गत 20 सालों से राजस्थान भर के कांग्रेसी जब जब प्रदेश कार्यालय गए हैं । सबसे पहले उनका सामना जिस शक्ल से होता आया है उसका नाम है मुमताज़ मसीह। मसीह प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं । और इस से पहले अशोक गहलोत सरकार मे राजस्थान जन अभाव अभियोग समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।लेकिन फिर भी सरकार के इस पद पर रहते हुए मसीह कांग्रेस संगठन का मोह कभी नही त्याग पाए। क्योंकि वह दरअसल ज़मीनी कार्यकर्ता रहे हैं। जमीनी कार्यकर्ताओं से जुड़ाव की जब भी राजस्थान में बात की जाएगी तो मुमताज़ मसीह और उनसे पहले इस कमरे में विराजमान रहे रमाकांत व्यास का नाम आता है। जो कि जड़पकड़ और सारी उम्र कांग्रेस संगठन को समर्पित करने वाले नेता माने जाते रहे हैं । जिन्होनें हमेशा संगठनात्मक राजनीति को ही प्राथमिकता से चुना है। यही कारण है जिसकी वजह से मुमताज मसीह को देखकर ही राजस्थान भर के कार्यकर्ताओं को प्रदेश कार्यालय में घुसते ही यही दिखता था कि हां भाई !!! कार्यकर्ताओं की भी सुनने वाला कोई है कांग्रेस में । अधिकांश कांग्रेस का वह तबका जो प्रदेश अध्यक्ष तक अपनी पहुंच नहीं बना पाता था। मुमताज मसीह जैसे चेहरों से मिलकर संतुष्ट होकर वापस अपने जिले में जाकर कांग्रेस संगठन के लिए जान झोंक देता था। यहां यह बताना भी जरूरी है की मसीह कांग्रेस की उस पुरातन पीढ़ी का एक अंश है । जिस पुरानी पीढ़ी को सचिन पायलट अपने आधिपत्य के स्वीकरण की राह का रोड़ा समझते हैं। हालांकि मीडिया से बात करते वक्त मुमताज मसीह बस इतना ही कहा कि यह एक सतत प्रक्रिया है और इसको राजनीति से जोड़कर देखना ठीक नहीं है । मसीह ने वही कहा जो उनका धर्म था । परंतु प्रदेश का आम कार्यकर्ता सचिन पायलट के इस कृत्य को उनकी हमेशा की तरह पुरानी पीढ़ी को अपमानित करने की प्रवृत्ति के रूप में देख रहा है। हालांकि प्रदेश कांग्रेस में किसी भी नेता का कमरा बदल जाना कोई बड़ी बात नहीं ही।परंतु इस तरह से बिना किसी पूर्व सूचना के एक वरिष्ठ व्यक्ति के नाम की प्लेट उतार कर उस कमरे में अचानक किसी और को बिठा देना अपमान जनक और व्यवहारिक दृष्टि से अस्वीकार्य है। मेरे पिछले ब्लॉगों में आपने पढ़ा होगा कि सचिन पायलट काल में कई वरिष्ठों को दरकिनार कर दिया गया है । जिसकी वजह से कांग्रेस संगठन के भीतर पायलट के लिए भारी असंतोष भी व्याप्त है। यह घटना इसी बात का ताजा उदाहरण है। मसीह पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के करीबियों में भी गिने जाते रहे हैं। और उनकी पकड़ उस जमाने से ही गांधी परिवार के मध्य बहुत गहरी रही है। राजीव गांधी की मृत्यु उपरांत उनके निजी सचिव वी जॉर्ज से मसीह के पारिवारिक संबंध रहे हैं। जिस वजह से मसीह का दस जनपथ पर भी लगातार आना जाना रहा है। ऐसे पुरातन और जड़ पकड़ कार्यकर्ता को इस तरह से अपमानित करने का जो संदेश राजस्थान भर में जाएगा उसका अंदाजा अभी शायद प्रदेश कांग्रेस कमेटी को नहीं है। कांग्रेस को भविष्य में अपने सिमटते हुए जनाधार को बचाये रखने के लिए अपनी इसी तरह की हरकतों पर रोक लगाना बहुत ज़रूरी है।
जय श्री कृष्ण
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