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March 26, 2019
लो भाई !!! आ गया भाजपा के उम्मीदवार का नाम। भाजपा ने जाट नेता के रूप में *भागीरथ चौधरी* को अजमेर लोकसभा सीट के लिए सांसद टिकट दे दिया है। यह अपने आप में बड़ा समझदार कदम है । क्योंकि अजमेर *जिले में जाट वोट बैंक खासी तादाद में मौजूद है।* जिसके जवाब में अगर कांग्रेस चाहे तो *रामचंद्र चौधरी को मौका देकर मुकाबला खड़ा कर सकती है । लेकिन नहीं साहब !!!! हमारे यहां ऐसा थोड़ी ना होता है।*
कांग्रेस में तो पता नहीं क्यूँअजीबोगरीब फैसले लिए जा रहे हैं। जिसकी कोई हद नहीं। बहरहाल *भीलवाड़ा के उद्योगपति रिजु झुनझुनवाला* का नाम इन दिनों कांग्रेसी हलकों में बड़ी इज्जत से लिया जा रहा है। झुनझुनवाला ने अपनी *टीम भेजकर यहां पर लोकसभा की बिसात बिछाना भी शुरू कर दी है।* हालांकि औपचारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है। परंतु अभी भी कहीं ना कहीं अनुमान लगाया जा रहा है कि , *हो सकता है एन वक्त पर पार्टी डॉ रघु शर्मा को पुनः मैदान में उतार दे।* अब यह भी खूब हुई साहब !!! डॉ *रघु शर्मा शुरू से ही गहलोत पीड़ित लोगों में रहे हैं । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सदा ऐसे ही डॉ रघु शर्मा को उनकी योग्यता अनुसार कभी भी जगह आसानी से प्रदान नहीं की है ।* इसी वजह से सचिन पायलट जब राजस्थान की राजनीति में हावी हुए तब एक *क्षणिक समझौते* को लेकर डॉ रघु शर्मा का झुकाव पायलट की तरफ हुआ। जिसके फलस्वरूप पायलट ने अपनी अजमेर लोकसभा सीट से रघु शर्मा को चुनाव जीतने में मदद की । क्योंकि *मध्यावधि चुनाव था और पार्टी को कोई ऐसा मजबूत चेहरा चाहिए था जो सचिन पायलट की सीट बरकरार रख सके। डॉ रघु शर्मा पर पार्टी ने दाव खेला और शर्मा ने शानदार जीत दर्ज कराई।* जब विधानसभा चुनाव की बात आई तो *डॉ रघु शर्मा विधान सभा चुनाव जीत कर अपने करियर की सबसे मजबूत पायदान पर राजस्थान प्रदेश के दो प्रमुख मंत्रालय लेकर खड़े हैं। जो कि उनके जीवनकाल में अब तक की सभी उपलब्धियों में सबसे बेहतर है।* विश्लेषकों का मानना है अब *सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों ही कांग्रेस आलाकमान को घूम फिर कर रघु शर्मा को अजमेर से चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं। जिसके पीछे पायलट और गहलोत दोनों का ही राजनीतिक नजरिया रघु शर्मा को निपटाने का दिखाई देता है।* क्योंकि सचिन पायलट डॉ शर्मा से विधानसभा चुनाव लड़कर अशोक गहलोत खेमे से आशीर्वाद प्राप्त करने की वजह से नाराज हैं। वहीं पर अशोक गहलोत रघु शर्मा जैसी मजबूत ताकत का अपने आगे बढ़ता हुआ देख कर संभव है कि शर्मा को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।
लेकिन यह सोचने वाली बात है कि पायलट और गहलोत जैसे कद्दावर नेता डॉ रघु शर्मा को अपने अपने ढंग से निपटाने के चक्कर में कहीं कांग्रेस आलाकमान के सामने यह तस्वीर न बना बैठें की डॉ शर्मा की लोकप्रियता से दोनों को ही डर लग रहा है।
अब ऐसे हालात में स्थिति रघु शर्मा के लिए बड़ी जटिल है। परंतु *भाजपा ने भागीरथ चौधरी को जाट कार्ड के रूप में इस्तेमाल करके कहीं ना कहीं जाट वोटों का महत्व प्रदर्शित किया है । जिसके जवाब में एक ब्राह्मण नहीं अपितु बनिया या जाट प्रत्याक्षी यदि कांग्रेस मैदान में उतारती है तब ही कोई लाभ नजर आता है । अन्यथा भागीरथ चौधरी की मजबूत पकड़ के आगे जाट और बनिया के अलावा यदि कोई भी मैदान में आया तो उसका निपटना तय है।* अब देखें राजनीति का ऊंट किस करवट बैठता है ? परंतु इस लोकसभा चुनाव की टिकट वाली दौड़ ने राजनीति के धरती पकड़ मजबूत खिलाड़ी डॉ रघु शर्मा को इस बार अपने पराए की पहचान और यथार्थ के धरातल का दर्शन करा दिया है।
खैर !!! अपुन इस से ज्यादा क्या कर सकते है भाई !!! की सबको जो नज़र आ रहा है वो बताएं। सो अपुन को जो समझ में आया वह आप लोगों को बता दिया । ईश्वर डॉ रघु शर्मा को बुरी नज़र से बचाये रखे ।
जय श्री कृष्ण
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