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#मधुकर कहिन: बसंत पंचमी के दिन किया था सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने शब्दबेधि बाण चला कर मोहम्मद ग़ोरी का वध - ललित भाटी

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February 11, 2019

बसंत पंचमी के दिन किया था सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने शब्दबेधि बाण चला कर मोहम्मद ग़ोरी का वध - ललित भाटी

नरेश राघानी

आज दिन की शुरुआत बड़ी अच्छी हुई। एक कार्यक्रम में आमंत्रित था । जो कि गुरुकुल पब्लिक स्कूल भजन गंज में रखा गया था। कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने बहुत ही अदितीय नृत्य प्रस्तुतियां दी। बसंत पंचमी से पूर्व रखे गए , इस कार्यक्रम में अजमेर कत्थक कला केंद्र की *दृष्टि रॉय* के निमंत्रण पर भीलवाड़ा से आये हुए *कलाकार महेश जोशी ,तबला वादक करण पवार , कृष्ण और आशीष* जैसे उत्तम श्रेणी के कलाकारों ने भी अपना हुनर लोगों के बीच प्रदर्शित किया। कार्यक्रम की *व्यवस्थापक जीपीएस स्कूल की प्राचार्या ऋतिका शास्त्री रहीं।*

*आप सोच रहे होंगे कि मैं आज आखिर क्यों आप लोगों को इस कार्यक्रम में मौजूद सभी के बारे में बताने बैठ गया ? और ऐसा क्या खास था इस कार्यक्रम में ? तो मैं आपको बता दूँ की यह सभी लोग आज इस कार्यक्रम के ज़रिए आप और हम तक एक ऐसी जानकारी पहुंचाने के लिए श्रेय के पात्र बने हैं जिसको जान कर आप सभी चौंक जाएंगे। जानना चाहेंगे कैसे ? तो सुनिए -* 
इस टीम द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान एक ऐसी जानकारी मिली जो कि मैं आप लोगों से साझा किए बिना नहीं रह पा रहा हूँ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव ललित भाटी ने अपने उदबोधन के *दौरान एक ऐसी ज्ञानवर्धक जानकारी दी जिसे जान कर हर अजमेरवासी बसंत पंचमी के दिन गौरान्वित महसूस कर सकता है।* यह बात आज तक के 42 वर्ष तक की उम्र में मुझे भी मालूम नहीं थी। और मैं समझता हूँ कि यह बात 99वे प्रतिशत अजमेर वासियों को भी पता नहीं होगी। वह यह कि वैसे तो बसंत पंचमी सारे कला प्रेमी और ज्ञान पिपासु लोग विद्या की देवी माता सरस्वती की पूजा आराधना कर मनाते हैं। परंतु बसंत पंचमी का अजमेर से बड़ा ही गहरा ताल्लुक है। वह यह है कि अजमेर शिरोमणि सम्राट पृथ्वीराज चौहान जब सैकड़ों बार मोहम्मद ग़ोरी को युद्ध में हराने के बाद जब 17 वी बार युद्ध के दौरान परास्त हो गए और उन्हें बंदी बना लिया गया था। तब ग़ोरी के आग्रह पर उन्होनें शब्दभेदी बाण चलाने की कला का प्रदर्शन किया था । तब उनके मित्र *कवि चंद्रवरदाई* उनके साथ थे। *सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने जिस दिन शब्दभेदी बाण चलाने के प्रदर्शन के दौरान ग़ोरी का वध किया था , उस दिन भी बसंत पंचमी ही थी।* अब बताइए बसंत पंचमी का इतना बड़ा महत्व अजमेर के सम्राट पृथ्वीराज चौहान के इतिहास से जुड़ा है !!! यह जानकर मैं भी हैरत में रह गया। इतनी सटीक ऐतिहासिक जानकारी हिंदुत्व की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले सैकड़ों हिंदूवादी नेताओं के मुख से मैंने अजमेर में आज तक नहीं सुनी थी भाई !!! इस जानकारी को वहां मौजूद लोगों के बीच अजमेर वासियों से साझा करने के लिए ललित भाटी वाकई बधाई के पात्र हैं। *यह ब्लॉग कोई प्रशंसा काव्य नहीं है। परंतु मेरा मानना है कि पत्रकारिता के दौरान जब हम किसी भी विषय के बारे में लोकहित सोच कर सच लिखने को बाध्य होते है । तो यकीनन ललित भाटी जैसे बुद्धिजीवी लोगों को श्रेय भी दिया जाना बहुत व्यवहारिक बन जाता है।*


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