Post Views 831
November 26, 2018
*#मधुकर कहिन* *
*अजमेर के ब्राह्मण नेता उतरे वासुदेव देवनानी के समर्थन में*
*इतने दिन से चल रहे ब्राह्मण आंदोलन को दिया कांग्रेसी करार
आज अजमेर में ब्राह्मण समाज के स्थानीय नेताओं का बड़ा जमघट लगा दिखाई दिया। जिसमें एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए *ब्राह्मण नेता जेके शर्मा ,ज्ञान सारस्वत, भागीरथ जोशी* सहित सैकड़ों ब्राह्मण नेताओं ने वासुदेव देवनानी वह ब्राह्मण समाज के मध्य चल रहे लंबित विवाद को सोची-समझी कांग्रेस नेताओं की साजिश करार दिया। मौजूद ब्राह्मण नेताओं ने यह भी कहा कि - *ब्राह्मण समाज में विवेक पाराशर, बलराम शर्मा, राजीव शर्मा, अनुपम शर्मा * सहित जितने भी ब्राह्मण अपने आप को समाज के वोटों का ठेकेदार बता कर काफी समय से मंत्री वासुदेव देवनानी को ब्राह्मण समाज के अपमान हेतु दोषी ठहरा रहे हैं, वह सभी लोग राजनीति से प्रेरित हैं। और बेवजह इस विवाद को तूल दे रहे हैं। वासुदेव देवनानी पहले ही ब्राह्मण समाज हेतु त्रुटिपूर्ण शब्दावली हेतु माफी मांग चुके हैं । परंतु चुनावी माहौल देख कर कुछ कांग्रेसी चेहरे जबरदस्ती इस विवाद को गलत ढंग से पेश कर के मामला बड़ा रहे हैं। मौजूद नेताओं में *ज्ञान सारस्वत ने कहा कि - इस तरह से बेवजह समाज के नाम पर वासुदेव देवनानी को बेवजह परेशान करने की समाज घोर निंदा करता है। पंडित सुदामा शर्मा खुद ही वासुदेव देवनानी के सम्मुख चुनाव लड़ चुके है । और यह विवाद महज़ एक राजनैतिक द्वेषता के सिवा कुछ भी नहीं है।*
*भगीरथ जोशी ने बड़े मुखर शब्दों में यह बात साफ साफ कही की - यह सब कांग्रेस द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम है। जिसके पीछे ब्राह्मण समाज की आड़ में राजनैतिक खेल खेलने की कोशिश की जा रही है। देवनानी ने राजस्थान के शिक्षा मंत्री की हैसियत से ब्राह्मण समाज के आराध्य भगवान परशुराम जी के जीवन से जुड़ा पाठ तक पाठ्यक्रम में जुड़वाया है । इतना सब करने पर भी कुछ शरारती तत्वों द्वारा महज ब्राह्मण होने का अनुचित लाभ उठा कर देवनानी को प्रताड़ित किया जा रहा है । यह ब्राह्मण चेहरे जो विरोध करते हुए दिखाई दे रहे हैं वह सब केवल चुनाव के समय ही नज़र आते हैं*
*यह तो था प्रेस वार्ता का साक्षात वृतांत।*
लेकिन प्रथम दृष्टया यही दिखाई दे रहा है कि वाकई भगीरथ जोशी की बातों में बहुत दम है। क्योंकि देवनानी के विरोध में चल रहे लगभग सभी चेहरे कांग्रेस से जुड़े हुए ही दिखाई देते हैं। लेकिन वही यह बात भी शत प्रतिशत सत्य है कि इस प्रेस वार्ता में बैठे लगभग सारे चेहरे नहीं तो प्रमुख चेहरे भाजपा समर्थक ही हैं। तो यह संघर्ष अब ब्राह्मण समाज के भीतर भी दो धड़ों कांग्रेस और भजपा में बंटा दिखाई दे रहा है। जिससे निश्चित तौर पर देवनानी को लाभ मिलता दिखाई दे रहा है। या फिर यह मानिए की भाजपा से जुड़े यह ब्राह्मण चेहरे अपनी पार्टी के प्रति निष्ठा निभाने हेतु मैदान में आ गए है। फिर जब यह विवाद इतने समय से लंबित था तो इसे बहुत पहले ही इस तरह से ही सही एक निश्चित नीति तहत अंजाम दे देना चाहिए था। खैर !!! देर आये दुरुस्त आये। अब इसका आगे जो भी अंजाम हो , लेकिन एक बात तय है कि अब शायद भाजपा को ब्राह्मण वोटों के टूटने की वजह से हो रही तकलीफ में राहत मिलने का अहसास हो रहा होगा।
जय श्री कृष्ण
नरेश राघानी
www.horizonhind.com
9829070307
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved