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October 27, 2018
#मधुकर कहिन
आज नज़र आया अजमेर के नागरिक कितने जागरूक हैं
*बहुत दुख हुआ देखकर की आज भी लोग असल मुद्दों से कितने दूर हैं।*
नरेश राघानी
आज पता चला कि अजमेर का सामान्य नागरिक वर्ग कितना जागरूक है। आज राष्ट्रीय मीडिया चैनल ने शहर के लगभग सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और सामान्य जनता जिसमें राज्य कर्मचारी विभिन्न समाजों के अध्यक्ष और सभी गणमान्य नागरिक मौजूद थे सभी को एक ही मंच पर बुलाकर शहर की राजनीतिक हालात और समस्याओं पर चर्चा रखी थी चर्चा के दौरान कांग्रेस और भाजपा के नेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे थे।
इसी दौरान राजस्थान राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष *कांति कुमार शर्मा* ने राज्य कर्मचारियों के साथ 7वे वेतन आयोग में राज्य सरकार द्वारा चालाकी से कटौती करने का आरोप लगाते हुए यह कहा कि सरकारी कर्मचारियों तक को गौरव यात्रा के दौरान भीड़ इकठी करने हेतु बाध्य किया गया। जिस पर *मेयर धर्मेंद्र गहलोत* ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि आप उन कर्मचारोयों की लिस्ट दे दीजिए तुरंत उन्हें निलंबित कर दिया जाएगा। इसी बीच पंचशील नगर से आये सामाजिक कार्यकर्ता *नरेश रावलानी* ने दोनों ही पार्टियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही पार्टियों को अजमेर की जनता की तकलीफ से कोई सरोकार नहीं है । सबको बस अपनी अपनी कुर्सी को चिंता है। अजमेर शहर के लोग पानी को तरस गए हैं। किसी के पास भी उसका उपाय हो तो उस पर ध्यान दें। जिस पर *पूर्व मंत्री ललित भाटी* ने स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि बीसलपुर योजना कांग्रेस की ही देन हैं और इस पर आने वाली कांग्रेस सरकार में ज़रूर काम होगा और अजमेर की जनता को जल लाभ पहुंचाने की दिशा में सकारात्मक काम करवाया जाएगा।कांग्रेस सचिव *महेंद्र सिंह रलावता* ने कहा कि 2013 के अभ्यर्थियों की नियुक्तियाँ अब तक सरकार नहीं कर पाई है। सरकार इस प्रदेश में है कहाँ ? *हेमंत भाटी* ने जैसे ही कहा कि अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में कोई काम नहीं हुआ है। जिस पर चर्चा के संचालन करने वाले *रमेश अवस्थी* ने चुटकी लेते हुए कहा कि आप शायद दक्षिण से ही टिकट की मांग कर रहे हैं। जिस पर हंसी के फ़व्वारे छूट गए। सिंधु सत्कार समिति के अध्यक्ष *राजेश आनंद* ने कहा कि जिस दिन अचार संहिता लगाई गई उस दिन लगभग सारे ही विभागों के राज्य कर्मचारी अलग अलग मांगों को लेकर सड़कों पर हड़ताल कर रहे थे , *जब सरकार अपने ही कर्मचारियों को दफ्तरों में संतुष्ट रूप से कुर्सी पर नहीं बिठा पा रही है तो प्रशासन क्या चलाएगी ?*
कुल मिलाकर आज का माहौल देख कर यह साफ हो गया कि यह सरकार आम लोगों का विश्वास तो खो ही चुकी है। यदि कांग्रेस संगठन ने कोई बड़ी गलती न कि तो आने वाले समय में यह सरकार ज़रूर बदलेगी।
*इस चर्चा के दौरान अजमेर के आम नागरिक का जागरूक चेहरा पूरी तरह से नज़र नहीं आया। कोई यह नहीं बोला कि बजरी आज भी गलत तरीके से लाई जा रही है , किसी ने शहर में राजनेताओं की शह पर हो रहे भारी अतिक्रमण की बात नहीं कि, कोई नहीं बोला कि अजमेर संभाग का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल गंदगी और भ्रष्टाचार का गढ़ बना हुआ है।कोई नहीं बोला कि दरगाह बाजार के नलों से पीने का पानी काले रंग का निकला था जो ज़हर से कम नहीं है, अवैध खनन माफिया पहाड़ ऐसे कुतर चुकी हैं जैसे कि रसोई के कोने में पड़ा ब्रेड का टुकड़ा जिसे चूहों ने जूठा कर दिया हो।*
जबकि इस दौरान शहर के लगभग सभी गणमान्य लोग मौजूद थे। मज़े की बात तो यह थी कि मेयर धर्मेंद्र गहलोत अकेले ही भाजपा का प्रतिनिधित्व करते हुए दिखे और शहर के दोनों ही जिम्मेदार मंत्री *अनिता भदेल* और *वासुदेव देवनानी* ने इस चर्चा से शायद छीछालेदर होने के भय से किनारा कर लिया।
जय श्री कृष्णा
नरेश राघानी
प्रधान संपादक
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