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November 16, 2017
गुर्जरों के आरक्षण से जुड़े बिल पर राजस्थान सरकार की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने एक्सेप्ट कर लिया है। जिसमें हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। इसमें राजस्थान सरकार ने कहा है कि कोर्ट विधान प्रक्रिया पर रोक नहीं लगा सकता। जिसकी सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के फैसले को पलट दिया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कुल आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा नहीं किया जा सकता। जानें पूरा मामला...
- बता दें कि गुर्जरों के आरक्षण से जुड़े बिल पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। जिसमें राज्य सरकार गुर्जर सहित पांच जातियों को अलग से 5% आरक्षण देने के लिए ओबीसी आरक्षण को 21% से बढ़ाकर 26% करने जा रही थी। आरक्षण से जुड़े बिल पर पिछले नौ साल में हाईकोर्ट ने चौथी बार रोक लगाई थी। हर बार रोक का आधार भी एक ही है- 50% से ऊपर आरक्षण।
- हाइकोर्ट ने सरकार को पाबंद किया है कि वह इस विधेयक के तहत कोई कार्य नहीं करे। हाईकोर्ट ने यह अंतरिम निर्देश गुरुवार को गंगासहाय शर्मा की जनहित याचिका पर दिया था।
याचिकाकर्ता का तर्क
राज्य सरकार ने कुल आरक्षण 54% कर दिया, जो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है। 2015 में भी ऐसा ही किया था। हाईकोर्ट ने उस आरक्षण अधिनियम को भी रद्द कर दिया था।
न जातियों को मिलेगा फायदा
- राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने 2012 की रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि कुछ जातियां अति पिछड़ी हुई हैं। इनकी सामाजिक बेहतरी के लिए स्पेशल प्रोटेक्शन दिया जाए, ताकि वो समाज के दूसरे वर्गों के साथ बराबर मौके हासिल कर सकें। सरकार ने इन सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए 5 जातियों (बंजारा/बालदिया/लबाना, गाडिया लोहार/गाडोलिया, गूजर/गुर्जर, राईका/रैबारी/देबासी, गडरिया/गाडरी/गायरी) के लिए स्पेशल क्लास बनाई है।
कोर्ट में 3 बार खारिज हुआ गुर्जरों का आरक्षण
- राजस्थान में अब तक गुर्जरों को तीन बार 5% आरक्षण दिया गया, लेकिन हर बार कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। नया बिल पास होने के बाद अब कुल आरक्षण 54% हो गया है। अगर नए ओबीसी एक्ट को कोर्ट में चुनौती दी गई तो इसका अटकना तय है। ऐसे में इस बार गुर्जरों के साथ ओबीसी की 81 जातियों पर इसका असर पड़ेगा।
- बता दें कि राज्य में ओबीसी कोटा को 2 कैटेगरी में बांटा गया है। एक में पहले की तरह 21%, जबकि दूसरी कैटेगरी में गुर्जर समेत 5 जातियां को अलग से 5% आरक्षण मिलेगा। दूसरी ओर, प्रदेश में ओबीसी के अलावा अभी एससी को 16%, एसटी को 12% रिजर्वेशन मिल रहा है।
10 साल पहले शुरू हुआ था गुर्जर आंदोलन
- राजस्थान में गुर्जर समाज के लोगों ने 10 साल पहले आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया था। इस दौरान 72 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद दिसंबर, 2007 में वसुंधरा सरकार ने गुर्जरों को 5% आरक्षण देने की बात कही थी।
- 2008 में सरकार ने गुर्जरों को 5% और आर्थिक रूप से पिछड़ों को 15% आरक्षण दिया था, लेकिन इस पर कोर्ट ने स्टे लगा दिया। इसके बाद सरकार ने जुलाई, 2009 में गुर्जरों को अलग से 5% आरक्षण दिया, तब कुल आरक्षण 54% हुआ तो हाइकोर्ट ने इसे घटाकर 50% कर दिया।
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