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July 9, 2025
एलिवेटेड रोड राम सेतु ब्रिज को लेकर दायर जनप्रतिनिधित्व याचिका पर नगर निगम और स्मार्ट सिटी सीईओ कलेक्टर की ओर से रखा गया पक्ष,
लिखित बहस के लिए 11 जुलाई तक टली सुनवाई,तब तक राम सेतु ब्रिज की सभी भुजाओं पर आवागमन बंद करने की अदालत ने दिए आदेश
लगभग ढाई सौ करोड़ रुपए की लागत से स्मार्ट सिटी अजमेर में बनाए गए एलिवेटेड रोड़ रामसेतु ब्रिज की सभी भुजाओं पर आज शाम 4:30 बजे से यातायात को पूरी तरह से बंद करने की आदेश अदालत द्वारा दिए गए हैं। जिस पर तत्काल स्मार्ट सिटी सीईओ को निर्णय लेकर एलिवेटेड रोड की सभी भुजाओं पर यातायात बंद करना होगा। अदालत में दायर जनप्रतिनिधित्व याचिका को लेकर 11 जुलाई को लिखित बहस होगी तब तक के लिए यह आदेश फिलहाल लागू रहेगा ।
ऐसे में अजमेर की जनता को वापस अपने पुराने यातायात के ढर्रे पर लौटना पड़ेगा और फिर से जाम की परेशानियों को झेलने के लिए तैयार होना पड़ेगा।
रामसेतु ब्रिज के निर्माण में घटिया और गुणवत्ता विहीन सामग्री की वजह से ढाई साल में ही ढाई सौ करोड़ रुपए से बनकर तैयार हुआ ब्रिज दम तोड़ने लगा तो अजमेर के जागरूक नागरिकों ने जनप्रतिनिधित्व याचिका अदालत में लगा दी। याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। सुनवाई में दोनों पक्षों के बीच बहस हुई। निगम और स्मार्ट सिटी की ओर से बहस के लिए समय मांगा गया। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए स्मार्ट सिटी सीईओ कलेक्टर को आज शाम से ही संपूर्ण ब्रिज पर सभी तरह का आवागमन बंद करने का आदेश दिया हैं। मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी। एडवोकेट विवेक पाराशर ने बताया कि राम सेतु ब्रिज को लेकर जनप्रतिनिधित्व वाद में आज सुनवाई हुई। इस दौरान सभी पक्षों को सुना गया। कोर्ट में दोनों पक्षों के बीच बहस हुई। स्मार्ट सिटी और नगर निगम की ओर से जवाब पेश किया गया। बहस को लेकर समय भी मांगा गया।
एडवोकेट ने बताया कि याचिका कर्ता की ओर से लिखित बहस न्यायालय में प्रस्तुत की गई। न्यायालय में यह भी अवगत करवाया गया कि अभी भी ब्रिज पर आवागमन चालू है। इन सभी तथ्यों को सुनने के बाद इसे गंभीर मानते हुए न्यायाधीश मनमोहन चंदेल ने 11 जुलाई को बहस के लिए अगले सुनवाई रखी है। वहीं जिला कलेक्टर लोकबंधु को एक आदेश जारी कर संपूर्ण एलिवेटेड रोड पर आवागमन बंद करने के निर्देश दिए हैं।
वहीं भाजपा कार्यकर्ता आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस खुद को बचाने का काम कर रही है ।कोर्ट के आदेश के बाद भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने विरोध दर्ज करते हुए कहा कि इस प्रकरण में कांग्रेस से जुड़े लोगों ने आम जनता को आहत करने वाला कृत्य किया है। अजमेर के कांग्रेस से जुड़े लोग जिनके सामने पूरा ब्रिज तैयार हुआ उसमें मेंबर भी रहे हैं। आनन फानन में कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और धर्मेंद्र राठौड़ ने ब्रिज का उद्घाटन किया। आज कांग्रेस के ही लोग अपने आकाओं को बचाने के लिए न्यायालय गए हैं,तब कोई कुछ नहीं बोला।अब अजमेर की जनता को फिर से यातायात की परेशानियों से मुकाबले के लिए तैयार होना पड़ेगा।
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