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November 16, 2017
राजस्थान में जलदाय विभाग में फर्जी वेतन मामले में जांच बैठा दी गई है. यह जांच जलदाय विभाग करवाएगा और रिकॉर्ड की इंटरनल ऑडिट करवाई जाएगी. इसके तहत 2010-11 से 2016-17 के रिकॉर्ड की जांच होगी.
बता दें कि घोटालों के जलदाय विभाग में एक बार फिर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. पिछले दिनों जलदाय विभाग के जवाहर नगर एईएन कार्यालय में फर्जी वेतन भुगतान उठाने के मामले का खुलासा हुआ था. इसके बाद विभाग ने मामले में जांच बैठा दी है.
जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव के निर्देश के बाद वित्तीय सलाहकार एवं मुख्य लेखाधिकारी कार्यालय को मामले की जांच सौंपी गई है. जांच टीम कार्यालय के साल 2010-11 से 2016-17 तक के सभी वेतन भुगतान सम्बन्धी रिकॉर्ड की इंटरनल ऑडिट कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी.
गौरतलब है कि पिछले दिनों ईटीवी द्वारा मामला उठाये जाने के बाद विभाग के संयुक्त सचिव द्वितीय सांवरमल वर्मा ने नेतृत्व में टीम ने कार्यालय पहुंचकर दस्तावेज और रिकॉर्ड जब्त किये थे. प्रारम्भिक जांच में फर्जी वेतन भुगतान के मामले सामने आने के बाद विभाग ने इंटरनल ऑडिट करवाने का फैंसला लिया है. मामला एक करोड़ रुपये से ज्यादा के हेर-फेर का बताया जा रहा है.
जानकार सूत्रों के मुताबिक लम्बे समय से छुट्टियों पर चल रहे कर्मचारियों ने आपसी मिलीभगत कर और फर्जी आईडी बनाकर वेतन उठाया था. प्रारम्भिक तौर पर पांच कर्मचारियों द्वारा फर्जी भुगतान उठाने की जानकारी सामने आई है जबकि और भी कर्मचारियों द्वारा फर्जीवाड़ा करने की आशंकायें व्यक्त की जा रही है.
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