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October 21, 2017
भारत और रूस की तीनों सेनाओं का पहला महाअभ्यास आज से शुरू हो गया जिसका उद्देश्य उनके अभियान संबंधी समन्वय को बढ़ावा देना है.
10 दिन के सैन्य अभ्यास ‘इंद्र’ में हिस्सा ले रहे भारतीय दल में थलसेना, वायुसेना और नौसेना के करीब 450 कर्मी शामिल हैं जबकि रूसी दल में वहां की तीनों सेनाओं के करीब 1,000 जवान शामिल हैं.
रूस के व्लादिवोस्तोक में अभ्यास के उद्घाटन समारोह के उपलक्ष्य में दोनों पक्षों ने एक मार्च-पास्ट निकाला. साथ ही भारतीय जवानों ने पारपंरिक मार्शल आर्ट का भी प्रदर्शन किया.
रक्षा मंत्रालय ने कल यहां एक बयान में कहा, ‘‘तीनों सेनाओं का संयुक्त अभ्यास दोनों देशों के अभियान संबंधी व्यापक क्षेत्र में आम चुनौतियों पर ध्यान देने की बढ़ती प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा.’’ बयान में कहा गया कि भारतीय कार्य बल के कमांडर मेजर जनरल एन डी प्रसाद ने उद्घाटन समारोह में कहा कि दोनों देशों की तीनों सेनाओं के अब तक के पहले अभ्यास से भारत-रूस सामरिक भागीदारी की जीवंतता का पता चलता है.
उन्होंने कहा कि विद्रोह विरोधी अभियानों में रूसी और भारतीय सेनाओं के अभियान संबंधी समृद्ध अनुभव से दोनों पक्षों को अपनी क्षमताओं के और विकास में बहुत फायदा होगा.
तीनों सेनाओं के पर्यवेक्षक प्रतिनिधिमंडल के नेता लेफ्टिनेंट जनरल जे एस नेगी ने कहा कि दोनों देशों के बीच इस तरह का पहला अभ्यास परस्पर सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और दोनों देशों के राजनयिक रिश्तों के 70 सालों में एक मील का पत्थर है.
इस साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने महत्वपूर्ण सैन्य हार्डवेयर एवं उपकरणों के संयुक्त विनिर्माण, सह उत्पादन एवं सह विकास के जरिये रक्षा सहयोग ‘‘बेहतर करने और बढ़ाने’’ का फैसला किया था.
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