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October 10, 2017
राजस्थान में कम बारिश के साइड इफेक्ट दिखने शुरू हो गए हैं. दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई के साथ ही पारे में बढ़ोतरी का दौर शुरू हो गया है. आलम यह है की प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में पारा चालीस के आसपास पहुंच गया है. एक ओर जहां गर्मी लोगों को परेशान करने लगी है तो फिलहाल पारे में गिरावट के आसार नहीं है.
पूर्वी राजस्थान के इक्का-दुक्का इलाके के छोड़कर प्रदेशभर से दक्षिण-पश्चिम मानसून विदा हो चुका है. अगस्त और सितंबर महीने में कमजोर मानसून के कारण प्रदेश के 14 से अधिक जिलों में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है. अब चुंकि मानसून विदा हो चुका है और इस बार कम बारिश हुई है, जिसके चलते असर नजर आने लगा है.
पिछले एक सप्ताह के दौरान अधिकांश हिस्सों में लगातार पारे में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. जैसलमेर में पारा 41 डिग्री तक पहुंच गया है जो पिछले सात सालों में सबसे ज्यादा है, तो श्रीगंगानगर, बीकानेर, जोधपुर और बाड़मेर में पारा 40 डिग्री तक पहुंच गया है.
पारे में बढ़ोतरी के कारण लोगों को गर्मियों के दिनों का अहसास हो रहा है. दिन में तेज धूप लोगों को चुभने लगी है, तो रात को भी गर्मी से राहत नहीं मिल रही है. यहीं कारण है कि अभी भी लोग कूलर, पंखों का सहारा ले रहे हैं. मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल पारे में गिरावट होने की संभावना नहीं है.
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