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August 21, 2017
साल दर साल मंहगाई बढ़ती जा रही है. इस मंहगाई ने आम आदमी की कमर तोड़कर रख दी है, लेकिन क्या आपको पता है कि हमारे जनप्रतिनिधियों को यह मंहगाई ज्यादा ही सता रही है. यही वजह है कि जहां आम मजदूर का न्यूनतम वेतन हर साल मात्र 2 से 3 प्रतिशत बढ़ रहा है, वहीं हमारे जनप्रतिनिधियों का वेतन 25 से 40 प्रतिशत तक बढ़ रहा है. लगता है मंहगाई की यह डायन हमारे विधायकों को ही डरा रही है. यही वजह है कि राजस्थान विधानसभा के गठन के बाद से इनका वेतन 24 बार बढ़ाया जा चुका है. जहां विधानसभा के गठन के समय विधायक का वेतन 251 रुपए प्रतिमाह था, वहीं वर्तमान समय में प्रति विधायक को 1 लाख 25 हजार रुपए प्रतिमाह मिल रहे हैं. इसके अलावा अभी भी वेतन बढ़ाने की मांग लगातार बनी हुई है. आकड़ों को देखकर यह लगता है कि इस देश में मंहगाई केवल जनप्रतिनिधियों के लिए ही आई है, जबकि दूसरी तरफ एक मजदूर व आमजन पर मंहगाई असर ही नहीं डाल पाई है.
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