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July 21, 2017
एक देश जब अपनी ताकत की सनक में दूसरे देशों की संप्रभुता का सम्मान छोड़ देता है, तो उसकी हालत चीन और पाकिस्तान की तरह हो जाती है. ये दोनों पड़ोसी देश अब भारत के खिलाफ एकजुट हो गए हैं. चीन ने बाकायदा इसके लिए बीस साल का एक ब्लू प्रिंट तैयार किया है. इस ब्लू प्रिंट के तहत चीन धीरे-धीरे पाकिस्तान के संसाधनों को अपने नियंत्रण में ले लेगा. इसके पीछे उसका मकसद भारत को चारों तरफ से घेरने का है.
20 साल का चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) ब्लू प्रिंट भारत की गर्दन पर चढ़ बैठने को तैयार किया गया है. आपको अंदाजा भी नहीं होगा कि चीन की बीस साल की इस योजना का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान किस हद तक गिरता जा रहा है. वह भारत के खिलाफ अपनी संप्रभुता से भी समझौता कर रहा है. चीन भी इसका फायदा उठाकर योजनाबद्ध तरीके से पाकिस्तान को गुलाम बना रहा है.
सीपीईसी का बीस साल का ब्लू प्रिंट भारत के लिए बहुत बड़ी चिंता का सबब इसलिए भी है कि चीन बहुत आक्रामक तरीके से इसे अंजाम दे रहा है. वन बेल्ट वन रोड नीति के तहत पाक अधिकृत कश्मीर में सड़कों का जाल बिछाकर चीन ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं. पाकिस्तान ने चीन को खुली छूट दे दी है कि वह वहां आए और जो मर्जी हो करे. पाकिस्तान वैसे भी इतने खस्ताहाल में पहुंच चुका है कि कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं है. चीन ने पाकिस्तान में आर्थिक इन्वेस्टमेंट बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है. भारत को इससे सचेत रहने की जरूरत है.
यह है ब्लू प्रिंट
* पाकिस्तान 6500 एकड़ जमीन चीनी कंपनियों को पट्टे पर दे रहा है.
* इस जमीन पर चीनी कंपनियां खेती करेंगी और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री लगाएंगी.
* 35 अरब डॉलर की लागत से 17 पावर प्रोजेक्ट लगाने का एलान हो चुका है.
* बड़े पैमाने पर चीन से कपड़ा उद्योग को पाकिस्तान लाया जाएगा.
* दक्षिणी तट पर होटल, क्रूज और क्लब जैसे पर्यटन प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे.
* बड़ी संख्या में एसईएज की स्थापना की जाएगी.
* बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनवा की सोने की खदानों पर भी चीन की नजर है.
* पाकिस्तान में चीनी नागरिकों की वीजा फ्री एंट्री होगी.
* पाकिस्तान शहरों की तकनीक की मदद से निगरानी की जाएगी.
तिब्बत की तरह पाकिस्तान को दबोच लेगा ड्रैगन
चीन पाकिस्तान को तिबब्त की तरह दबोचने की पूरी प्लानिंग बना ली है. बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी का कहना है कि चीन अपने हितों के हिसाब से पाकिस्तान को पूरी तरीके से इस्तेमाल कर रहा है. चीन तिब्बत की तरह वहां भी अपना पूरी पैठ बढ़ा रहा है. पाकिस्तान को चीन हजम कर लेगा. भारत को अपने आपको मजबूत करना होगा. चांग्योंग इंस्टीट्यूट ऑफ फिनांशियल स्टडीज ने अपनी आंतरिक रिपोर्ट में कहा है कि सीपीईसी योजना उपमहाद्वीप में ढेर सारी मुश्किलों को परवाना साबित होगी.
इसमें आतंकवाद, पाकिस्तान में शीतयुद्ध जैसे हालात और बलूचिस्तान में विद्रोह जैसी मुश्किलों की ओर इशारा किया गया है, लेकिन चीन और पाकिस्तान इस रास्ते पर इतना आगे बढ़ चुके हैं कि वापस लौटने का कोई विकल्प नहीं बचा है. भारत के कान खड़े होने के लिए इतना काफी है कि आने वाले दिनों में चीन पाकिस्तान को गुलाम बना लेगा.
भारत के बढ़ते कदम से बौखलाए चीन-पाकिस्तान
चीन-पाकिस्तान भारत के बढ़ते दबदबे से इस कदर बौखला उठे हैं कि साथ मिलकर कुछ भी कर गुजरने को तैयार हैं. इसके तहत पाकिस्तान ने अगले 23 साल तक एसईजेड से चलने वाली चीनी कंपनियों के टैक्स माफ कर दिए हैं. बलूचिस्तान के ग्वादर में चीन बंदरगाह बनाकर बैठ गया है. पाकिस्तान दिखाना चाहता है कि यह उसकी कारोबारी साझेदारी है, लेकिन असल में यह सामरिक घुसपैठ की तैयारी है. क्योंकि यहां से हिंद महासागर का सीधा रास्ता खुलता है और इस पर पाकिस्तान का कोई नियंत्रण नहीं है. भारत की चिंता यह है कि चीन इसे अपना नौसैनिक अड्डा न बना ले. अगर ऐसा हुआ तो अदन की खाड़ी में डिजबौती के बाद यह चीन का दूसरा सबसे बड़ा नौसैनिक अड्डा होगा. पिछले साल पाकिस्तान को आठ युआन पनडुब्बियां की आपूर्ति से इस आशंका को बल मिलता है. पाकिस्तान अब इन्हें चीन में बनी बाबर मिसाइलों से लैस करने की योजना पर काम कर रहा है.
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