Post Views 751
July 18, 2017
चीन और भारत के बीच पिछले कुछ समय से चल रही सरगर्मी के बीच अब चीनी मीडिया का एक और बयान आया है. चीनी मीडिया का कहना है कि क्योंकि भारत की ओर अब लगातार विदेशी निवेश आकर्षित हो रहा है, जो कि भारत के विकास में मददगार होगा. वहीं चीन को इस मुद्दे से ध्यान हटाकर चुपचाप अपने नए विकास मॉडल पर काम करना चाहिए.
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, भारत में लगातार बढ़ रहा विदेशी निवेश उसकी प्रगति को दिखाता है. चीन को चुपचाप भारत की प्रगति देखनी चाहिए और उससे मुकाबले के लिए तैयार रहना चाहिए. चीन को अपनी विकास की नई नीति पर विचार करना चाहिए. लेख में कहा गया है कि विदेशी निवेश के जरिये भारत अपनी परेशानियों को दूर कर रहा है और इसमें सफल भी हो रहा है.
अखबार ने लिखा कि चीन ने भी पहले इस तरह की नीति अपनाई थी, अब भारत भी इसमें सफल हो रहा है. अगर पहले भारत इंफ्रास्ट्रक्चर, स्किल से अछूता रहा है तो वह अपनी इन कमियों को विदेशी निवेश के जरिए खत्म कर रहा है. भारत की सरकार भी मेक इन इंडिया के जरिये इसे सफल बना रही है. चीनी मीडिया ने उन सभी कंपनियों की लिस्ट का भी जिक्र किया है जो भारत में निवेश कर रही हैं जिसमें चीन की कुछ विनिर्माण क्षेत्र की कंपनिया भी शामिल हैं. लेख के अनुसार, इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि पिछले दो दशकों से भारत और चीन में क्या हो रहा है.
गौरतलब है कि डोकलाम के मुद्दे पर भारत और चीन के बीच तनातनी का माहौल है. इस दौरान चीन की तरफ से लगातार उकसावे वाले बयान आ रहे हैं. इससे पहले चीन के एक सरकारी अखबार के संपादकीय में सीधे-सीधे धमकी देते हुए लिखा गया था कि इससे पहले कि हालात और बिगड़ जाएं और भारत को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ें वो डोकलाम से अपने सैनिक हटा ले. अखबार लिखता है कि बीजिंग अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता के मामले में किसी तरह का कोई समझौता नहीं करेगा.
वहीं चीनी सरकार के मुख्यपत्र माने जाने पीपुल्स डेली ने भी बीते मंगलवार को अपने संपादकीय पन्ने पर 22 सितंबर 1962 में छपे एक भड़काऊ संपादकीय को दोबारा प्रकाशित किया है. इस लेख में उसने क्षेत्रीय उकसावे को लेकर भारत को चेतावनी दी है. भारत, चीन और भूटान सीमा पर स्थित डोकलाम पर चीन अपना दावा कर रहा है, वहीं भारत और भूटान का कहना है कि ये हिस्सा भूटान का है और विवादित है.
चीनी विदेश मंत्रालय ने कश्मीर मुद्दे को अपना मोहरा बनाते हुए कहा कि वहां के हालात ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचा है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने कहा, भारत और पाकिस्तान दक्षिण एशिया के अहम देश हैं. कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास टकराव जारी है. इससे ना दोनों देशों बल्कि पूरे क्षेत्र की शांति और स्थिरता को नुकसान है.
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved