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July 13, 2017
नेशनल रिपोर्टर- पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उनके इस्तीफे की मांग के बीच कैबिनेट की एक आपातकालीन बैठक बुलाई ताकि वह पनामा मामला जांच पैनल की उस रिपोर्ट से अपना बचाव करने की रणनीति बना सके जिसमें उनके और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई है.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार ऐसी संभावना है कि 67 वर्षीय शरीफ सुप्रीम कोर्ट में संयुक्त जांच दल की रिपोर्ट को चुनौती देने संबंधी पार्टी की रणनीति के बारे में सदस्यों को जानकारी देंगे और प्रस्ताव या घोषणा के रूप में कैबिनेट से समर्थन प्राप्त करने की कोशिश करेंगे.
छह सदस्यीय संयुक्त जांच दल ने शरीफ परिवार के व्यापारिक लेन-देन की जांच संबंधी अपनी 10 खंडों वाली रिपोर्ट 10 जुलाई को शीर्ष अदालत को सौंपी थी. उसने सिफारिश की कि शरीफ और उनके बेटे हसन नवाज और हुसैन नवाज के साथ-साथ उनकी बेटी मरियम नवाज के खिलाफ राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो अध्यादेश, 1999 के तहत भ्रष्टाचार का एक मामला दर्ज किया जाना चाहिये.
कैबिनेट की बैठक बुलाने का निर्णय प्रधानमंत्री आवास में हुई एक ‘अनौपचारिक बैठक’ में लिया गया था जिसमें शरीफ की कैबिनेट के सदस्यों और अटॉर्नी जनरल अश्तर औसफ अली समेत उनके कानूनी विशेषज्ञों के दल ने भाग लिया. सभी बड़े राजनीतिक दलों ने उनसे इस्तीफे की मांग की है और उन पर लगे आरोप गलत साबित होने तक उन्हें सत्ता से दूर रहने को कहा है. शरीफ इसके लिए राजी नहीं हैं और उनकी बेटी मरियम ने एक ट्वीट में इसकी पुष्टि की है.
उन्होंने ट्वीट किया, इंशाअल्लाह वह इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि उनके पांच बार सत्ता में रहने के दौरान उनके खिलाफ सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का एक भी आरोप सही साबित नहीं हुआ है.शरीफ रिकॉर्ड तीसरी बार प्रधानमंत्री पद का दायित्व निभा रहे हैं. इससे पहले वह 1980 के दशक में दो बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
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