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July 5, 2017
अजमेर। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ बी के कौल नगर में बुधवार को सोहन लाल महाराज की शिष्या डॉ ज्ञानलता महाराज साहब का अपनी शिष्य मंडली के साथ चातुर्मास के लिये सुबह श्री प्रज्ञा भवन अरिहंत कॉलोनी पुष्कर रोड से विहार कर मणिकुंज सेवा संस्थान बी के कौल नगर में आठ बजे मंगल प्रवेश किया।
अपनी शिष्या मंडली के साथ चातुर्मास के लिए बुधवार मंगल प्रभात में प्रात: आठ बजे श्री प्राज्ञ भवन, अरिहंत कॉलोनी से विहार कर मणीकुंज सेवा संस्थान, बीके कौल नगर में मंगल प्रवेश किया। जिसमें सकल जैन समाज उमडा। साध्वी रत्न डॉ. ज्ञानलता जी म.सा ठाणा का मंगल प्रवेश समारोह के मुख्य अतिथि जस्टिस एसएस कोठारी, विशिष्ठ अतिथि अजमेर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष शिवशंकर हेडा एवं नगर निगम महापौर धर्मेन्द्र गहलोत थे। समारोह में साध्वी ज्ञानलता ने अपने आंशिक आशीर्वचन बोले।
लोकायुत्त सज्जन सिंह कोठारी ने जैन समाज का आव्हान किया कि वे भगवान महावीर के संदेश सत्य, अंहिसा, अपरिग्रह को अपने जीवन में अपनाये। महावीर का यह जीवन दर्शन समाज के लिये उपयोगी व प्ररेणा दायी है। कोठारी आज मणिकुंज बी के कौल नगर में महासती ज्ञानलता जी के मंगल प्रवेश समारोह में मुख्यतिथि की हैसियत से बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रावक-श्राविकाओं से अपील करते हुये कहा कि जैन समाज में बढ रही कुरुतियों पर अंकुश लगाना आज की महती आवश्यकता है। इसके साथ ही कोठारी ने शादी समारोह में महिलाओं के नाच गान, बढती व्यंजनों की संख्या व भोजन झूंठा छोडने पर गंभीर चिंता जताई।
समारोह के मुख्य अतिथि कोठारी ने जैन दर्शन की महिमा बताते हुए कहा कि जैन दर्शन भारत ही नहीं वरन पूरे विश्व में देखा जा सकता है। समारोह में मेयर गहलोत और एडीए अध्यक्ष हेडा ने भी संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमें भी मंगल प्रवेश का सौभाग्य मिला है। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में मणिकुंज में आयोजित मंगल प्रवेश व समारोह में संघ के संघपति शिखर जैन, प्रवक्ता गजेन्द्र बोहरा, धर्मेश जैन, ताराचंद करणावत, जंवरी लाल चौधरी, सुनील पोकरणा, उमरावमल चोपडा आदि मौजूद रहे। मंगल प्रवेश व जुलूस में संघ पति शिखरचंद जैन, प्रवक्ता गजेन्द्र बोहरा ने बताया कि इस चातुर्मास पर्व पर दैनिक कार्यक्रम में प्रार्थना सूर्याेदय पश्चात तथा प्रवचन प्रात: ९ से १०.१५ बजे तक प्रतिदिन, धार्मिक प्रतियोगिताएं प्रत्येक रविवार, बालक-बालिका शिविर, प्रत्येक रविवार, श्राविका शिविर प्रत्येक गुरुवार को होंगे। इस चातुर्मास पर विशेष आकर्षण कार्यक्रम भी रखे गए हैं। जिसके अंतर्गत त्रिदिवसीय महिला शिविर १२,१३ व १४ अगस्त को श्री अखिल भारतीय नानक प्राज्ञ संघ का वार्षिक अधिवेशन १४ अगस्त को महिला अधिवेशन १४ को रात्रि में, शिविर समापन १५ अगस्त को सुबह ९ बजे होगा। संवत्सरी महापर्व शनिवार २६ अगस्त को तथा सामूहिक क्षमा याचना २७ अगस्त को रखा गया है।
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