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July 3, 2017
अजमेर- शहर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष ने शहर भाजपा पर आरोप लगाया कि वे जीएसटी को लेकर व्यापारियों में भ्रम के हालात पैदा करके अपनी पार्टी के बचाव मे व्यापार जगत को गलत जानकारियां दे रही है। अगर भाजपा को व्यापारिक वर्ग का इतना ही ख्याल है तो प्रधानमंत्री से जीएसटी के सरली करण की मांग रखे, जिससे व्यापार उद्योग जिंदा रह सके।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन ने भाजपा द्वारा रवीवार को किये गऐ जीएसटी के महीमा मंडन के बाद जारी ब्यान मे कहा कि जीएसटी बिल व्यापारियों और ग्राहकों के साथ पूरी तरह से धोखा है। इसमें नियम कानून इतने ज्यादा हैं कि आधा समय तो इनको समझने में ही निकल जायेगा। छोटी सी छोटी गलती पर भारी जुर्माना और सजा का प्रावधान है ऐसे में छोटा कारोबार करने वाले व्यापारियों के लिए सबसे ज्यादा दिक्कत है एक जुर्माना लगने का मतलब उनके पूरे माह का लाभ चला जाना है। ऐसे में कोई व्यापार कैसे कर सकता है। इसके अलावा अधिकारियों को पूरे अधिकार दे दिये गये हैं। जिससे व्यापारियों का उत्पी$डन ब$ढ जायेगा। इन्सपेक्टर राज कायम होगा वे अपने मनमाने हिसाब से काम करेंगे और व्यापारी विरोध भी नही कर पायेंगे।
उन्होने भाजपा द्वारा फैलाऐ जा रहे भ्रम के खुलासा करते हुऐ कहा कि जीएसटी बिल से सबसे ज्यादा खामियाजा छोटे व्यापारियों को उङ्गाना प$डेगा। देश में जितना भी कारोबार है उसमें सबसे अहम भूमिका छोटे व्यापारी ही निभाते हैं। इन छोटे व्यापारियों को तो$डने पर पूरा व्यापार ठप हो जायेगा। कई ऐसे छोटे व्यापारी हैं जिनके बैंक में अकांउट तक नहीं हैं। केंद्र और सरकार के बटवारे में व्यापारियों का उत्पीडन हो रहा है। इसके अलावा टैक्स का प्रतिशत ब$ढा दिया गया है जिसको भविष्य में भी मौजूदा समय के हिसाब से एक प्रतिशत ही रखना चाहिए। बिना प्रावधान के बिल मंजूर नहीं है।
जैन ने कहा कि दुनिया के किसी भी देश में जहां जीएसटी प्रणाली लागू है उनमें से सर्वाधिक चीन में १७ प्रतिशत जीएसटी है वहीं अन्य ४७ देशों में जीएसटी की दर ३ से १२ प्रतिशत है। उन्होने आश्चर्य व्यक्त करते हुये कहा कि एक ओर भाजपा तथा देश के प्रधानमंत्र्ी ने कांग्रेस शासन में जीएसटी के १४ प्रतिशत सर्वाधिक स्लेब पर आपत्ति जताते हुये पुरजोर विरोध किया था तथा गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुये स्वयं मुख्यमंत्री ने जीएसटी प्रणाली को देश के लिये अव्यवहारिक बताते हुये कांग्रेस शासन में विरोध किया था। अब यही सरकार जीएसटी के प्रति स्नेह का इजहार करते हुये जीएसटी के स्लैब को १४ प्रतिशत से ब$ढाते हुये २८ प्रतिशत तक ले गई। उन्होने व्यापारियों की समस्याओं पर चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा कि जीएसटी व्यापार व व्यापार जगत के लिये अव्यवहारिक है। १० दिन में एक रिटर्न महिने में ३ रिटर्न वर्ष में ३७ रिटर्न व्यापारियों के सिरदर्द ब$ढाने वाला है। इस प्रणाली से छोटे व मध्यम व्यापारी काफी परेशान होंगें।
जैन ने कहा कि जीएसटी की जटिल प्रक्रिया, जुर्माने का प्रावधान, सालभर में ३७ रिटर्न, हर दसवें दिन खरीद-बिक्री का रिकार्ड, जेल भेजने के प्रावधान, इंस्पेक्टर राज की वापसी जैसे प्रावधानों के कारण कांग्रेस इसके विरोध में है। इसके चलते व्यापारियों को व्यापार करने का समय ही नहीं मिलेगा। रातदिन सरकार को जानकारी देने में ही बीत जाएगा।
उन्होंने भाजपा सरकार पूरी तरह से व्यापारी विरोधी बताते हुऐ कहा कि शहर भाजपा ऐसे काले कानून का महीमामंडन करके व्यापारियों में भ्रम पैदा करके उनके साथ धोखा कर रही है। जीएसटी को भाजपा जितना उपयोगी बता रही इसके बाद तो इसका विरोध होना ही नही चाहिये था जबकि इसका विरोध हर पैमाने पर हुआ यहां तक सफल भारत बंद का आयोजन इस बात की दलील है कि जीएसटी व्यापार विरोधी है। शहर भाजपा को अपने आला कमान से इसके सरलीकरण की मांग करनी चाहिये।
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