October 12, 2017
October 11, 2017
अंदाजे बयां: हवाई अड्डा खुल गया।चील गाड़ी उड़ेंगी हवाई अड्डे पर ।अजमेर शहर में एयर बस चलेगी ।जहाँ शहर की तंग गलियों में फायर ब्रिगेड की दमकलें डैम तोड़ देती हैं वहां के लोग हवाई अड्डे हवाई अड्डों में उड़ेंगे । वाह !इलायची भाई के शहर में हवाई अड्डा खुल गया है ।यह सपना तो कभी खुद ईलायची बाई ने भी नहीं देखा होगा ।ब्रह्मा जी ने जब सृष्टि का निर्माण किया तब उन्होंने कहाँ कल्पना की थी कि पुष्कर से कुछ ही दूरी पर उनके भक्तों को वायु यान छोड़ने आएंगे। यह तो वाकई कमाल हो गया। मेरे कई फुकरे दोस्तों ने पहली बार चील गाड़ी का अनुभव प्राप्त करने के लिए पैसे उधार लेने शुरू कर दिए हैं ।देखना चाहते हैं कि अजमेर शहर आसमान से कैसा दिखता है ?पुष्कर में कैसा दिखता है तीर्थराज सरोवर? सावित्री माता का मंदिर या ओंकार सिंह लखावत जी का होटल ? कैसी दिखती है ख्वाजा साहब की दरगाह और वे सड़कें जहाँ ज़रा ज़रा सी देर में जाम लग जाते हैं और स्वेत वेश धारी सिपाही जाम तोड़ने के लिए नीचे तक का जोर लगा देते हैं। रेलवे स्टेशन के बाहर ऑटो वालों से लड़ रहे लोग सब्जी मंडी में आलू गोभी के मोल भाव करते मतदाता या अस्पतालों के सामने बीमारी से जूझ रहे शहरवासी आखिर कैसे दीखते हैं ऊपर से? हवाई जहाज से जयपुर जाते वक्त बहुत कुछ देखने को मिलेगा मार्बल की मंडी जहाँ मार्बल पैदा ही नहीं होता। विधायक भागीरथ चौधरी का बंगला जहां बैठ कर उन्होंने हवाई अड्डा खुलवाने के लिए न जाने कित्ती बार अपनी धोती बंधी और खोली होगी। मैं तो सच धन्य ही हो गया हूँ।अब तो बस सरकार से यह गुजारिश है कि हवाई अड्डे तक सिटी बस भी चलवा दे।किशनगढ़ और अजमेर के ठेले वालों को भी वहां रोज़गार दे दे।सांसदों की तरह पार्षदों को भी निशुल्क यात्रा का सुख प्रदान कर दे।पत्रकारों को रोडवेज की तरह फ्री कर द
August 22, 2017
अंदाजे बयां: दर्द को आसरा नहीं देता, ज़ख्म लेकिन नया नहीं देता. जो वफ़ा मांग के तो ले जाता, मुझको वापस वफ़ा नहीं देता. डाल दी क़ायनात क़दमों में, फिर भी वो तो दुआ नहीं देता. तोड़ डाला हवाओं ने उसको, जो शजर अब हवा नहीं देता. मैं गुनाहों से दूर हूँ शायद , अब कोई भी सज़ा नहीं देता. जो मेरे घर पे रोज़ आता है, अपने घर का पता नहीं देता. दर्द अब दर्द भी नहीं देते, अब मज़ा भी मज़ा नहीं देता तब तलक़ उसके दर पे जलता हूँ, जब तलक़ वो बुझा नहीं देता. सुरेन्द्र चतुर्वेदी