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June 16, 2017
रिपोर्टर- खजूर! वैसे तो यह सालभर बिकती है, लेकिन रमजान उल मुबारक में लगता है शायद इसकी तासीर ही बदल जाती है। देश-विदेश की खजूर का हब बन चुके कानपुर में रोज चार ट्रक (75-90 टन) इसकी खपत होती है। सेहत के लिए मुफीद मानी जाने वाली खजूर की वैराइटी की मांग दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। फिर भी चटाई वाली खजूर का आज भी कोई जोड़ नहीं है। आम दिनों में खजूर आसानी से मिलती है, लेकिन इसकी खपत बहुत ज्यादा नहीं होती। रमजान में खजूर की खपत आम दिनों से चार गुना से भी अधिक हो जाती है। कानपुर का डिप्टी पड़ाव इलाका खजूर स्ट्रीट बन चुका है जहां से पूरे प्रदेश में कई तरह की खास खजूर और इसके सह उत्पादों की आपूर्ति की जाती है।
यह हैं खास खजूर
अजवा सैफरन की कीमत 5,250 रुपए प्रति किलो है। आरजून अजवा समेत इसकी करीब 10 वैराइटी हैं। आरजून अंबर 1510, मैबरून 825, रूताब 1200 रुपए किलो और सगाई सैफरन 3675 प्रति किलो के हिसाब से बिक रही हैं। आरजून खुदारी, सफावी, सुक्केरी, सगारी रोज पेटल और सगाई विद हनी भी बेजोड़ हैं।
यह हैं आम खजूर
चटाई खजूर सबसे सस्ती 75-160 रुपए किलो में मिल जाती है। यह खजूर केरल और आसपास से आती है। इसमें गुड़ की मिलावट का खतरा रहता है। ईरान, इराक, सऊदी अरब, मलेशिया आदि देशों की खजूर के ब्रांड (340 रुपए से 1200 रुपए प्रति किलो) की दर से उपलब्ध हैं। खजूर के थोक व्यापारी संजय टुकरेजा बताते हैं कि कानपुर में खजूर मुंबई से आती है और विदेशी होती है।
खजूर और उनके फायदे
अजवा : यह खजूर का राजा है जो मोहम्मद साहब को सबसे ज्यादा पसंद थी।
मेडजूल : यह शुगर फ्री खजूर है जिसे डायबिटीज रोगी ज्यादा पसंद करते हैं।
कलमी : इसमें पोटेशियम अधिक होता है इसलिए डायरिया में फायदेमंद है।
मबरूम : यह खजूर मिनरल्स व एण्टीऑक्सीडेंट है, कैंसर रोगियों के लिए फायदेमंद है।
अंबर : यह खाव घाव को तेजी से भरने में काफी कारगर होती है।
खुदरी : भूरे रंग की इस खजूर में सबसे अधिक ऊर्जा होती है।
जाहिदी : इस खजूर में विटामिन ए, बी और सी पाया जाता है। इससे रक्त प्रवाह आसान हो जाता है।
सफावी : यह खजूर एनीमिया से लड़ने और शरीर की एसिडिटी कम करने के लिए पहचानी जाती है।
सुक्कारी : यह गीली खजूर होती है और तत्काल ऊर्जा देने में सहायक होती है।
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