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June 16, 2017
रिपोर्टर- पुलिस द्वारा जीजेएम नेता बिमल गुरुंग के कार्यालय का ताला तोड़कर मारे गए छापे के बाद दार्जिलिंग में माहौल पहले से और बिगड़ गया है। गुरूवार को जहां अलग गोरखालैंड समर्थकों ने पुलिसकर्मियों पर हमला करने के साथ ही एक पुलिस चौकी और मीडिया के वाहन को आग लगा दी वहीं ताजा खबरों के मुताबिक गुरूवार रात कुछ उत्पातियों ने लोधामा में एक हेल्थ केयर सेंटर को आग लगा दी और रिंबिक में एक हायडल प्रोजेक्ट को भी आग के हवाले कर दिया गया। घटना के बाद इलाके का माहौल बिगड़ा हुआ। जिसके बाद शुक्रवार को जीजेएम कार्यालय सहित दार्जिलिंग के कई इलाकों में आर्मी लगा दी गई है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा काफी लंबे वक्त से अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर आंदोलन कर रही है। जिसके लिए दार्जिलिंग में अनिश्चितकालीन बंद का आह्नवान किया गया है। लेकिन पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार आंदोलनकारियों के सामने झुकने को तैयार नहीं है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के कार्यालय पर पुलिस ने छापा मारकर भारी मात्रा में हथियार के साथ पैसे भी बरामद किए। जिसके बाद से वहां का माहौल और भी खराब हो गया और वहां सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त किया गया है।
जीजेएम के महासिचव रोशन गिरि ने कहा, पहाड़ी में मौजूदा हालात राज्य सरकार के पैदा किये हुए हैं। वे पुलिस बल का प्रयोग करके हमें दबाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार को राजनीतिक समस्या सुलझानी चाहिए। दार्जिलिंग की धुंध भरी पहाड़ी सड़कों पर अर्द्धसैनिक बलों के साथ मौजूद जीजेएम के कार्यकर्ता दूर से ही पथराव कर रहे हैं।
छापेमारी में तीरों और विस्फोटकों सहित 300-400 हथियार हुए थे बरामद...
छापेमारी के दौरान पुलिस ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख बिमल गुरूंग से जुड़े कुछ परिसरों पर गुरुवार को छोपमारी कर तीरों और विस्फोटकों सहित वहां से 300-400 हथियार बरामद किए। इस छापेमारी और घटनाक्रम से नाराज अलगाववादी समूह ने दार्जिलिंग पहाडि़यों में अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है। पुलिस का कहना है कि दार्जिलिंग के सिंगमारी और पाटलेबास इलाकों में की गयी छापेमारी के दौरान कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं को भी गिरफतार किया गया।
ममता सरकार गोरखा जन मुक्ति मोर्चा पर लागातार दबाव बढ़ाती जा रही है। इससे पहले बुधवार को ममता बनर्जी ने पहाड़ी इलाकों के हालात को लेकर पश्चिम बंगाल के राज्यापाल केसरी नाथ त्रिपाठी से भी मुलाकात की और उन्हें वहां के हालात की जानकारी दी। उधर सभी विपक्षी पार्टियां ममता सरकार की बल कार्यवाही का विरोध करते हुए भी अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को मानने को तैयार नहीं हैं। बीजेपी, कांग्रेस सहित अन्य कोई विपक्षी पार्टी जीजेएम के अलग राज्य के मांग को मानने को तैयार नहीं हैं। इस छापेमारी से महज एक दिन पहले गुरूंग ने कहा था कि अलग गोरखालैंड की मांग पूरी होने तक उनके समूह का आंदोलन जारी रहेगा। पश्चिम बंगाल में चाय बगानों से भरे इस क्षेत्र को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। उन्होंने पर्यटकों से दार्जिलिंग से दूर रहने का आह्वान किया था।इससे पहले अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर बुधवार को भी जीजेएम और दूसरी क्षेत्रीय पार्टियों ने रैलियां निकालीं थी। पुलिस किसी भी प्रकार की हिंसा को टालने के लिए कड़ी नजर बनाए हुए है। दार्जिलिंग में चौकबाजार और माल रोड पर और इसके आस पास अधिकतर दुकानें बंद रहीं। दार्जिलिंग में सरकारी और गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन के कार्यालयों में जीजेएम समर्थित अनिश्चितकालीन बंद 12 जून से शुरू हुआ था।
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