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June 14, 2017
जयपुर। राज्य में परंपरागत हस्तशिल्प और दस्तकारी को संरक्षण और प्रोत्साहन देने के लिए जोधपुर और बाड़मेर में 88 करोड़ की लागत से जोधपुर हैंडीक्राफ्ट मेगा क्लस्टर विकसित किया जा रहा है। उद्योग आयुक्त कुंजीलाल मीणा ने बताया कि इस क्लस्टर में प्रशिक्षण से निर्यात तक की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने बताया कि 13860 दस्तकारों को प्रशिक्षित करने के साथ ही 15 हजार दस्तकारों को आवश्यक टूल किट भी उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने क्रियान्वयन संस्थाआें से परियोजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। मीणा बुधवार को उद्योग भवन में केन्द्र सरकार के अधिकारियों व जोधपुर हैंडीक्राफ्ट मेगा क्लस्टर की क्रियान्वयन संस्थाआें के साथ प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। यह क्लस्टर केन्द्र सरकार के हैंडीक्राफ्ट मंत्रालय के वित्तीय सहयोग से विकसित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मेगा क्लस्टर से एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडिक्राफ्ट (ईपीसीएस) नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी और आईएलएफएस जैसी संस्थाएं जुड़ी हुई हैं। इसमें कौशल विकास, निर्यात प्रोत्साहन, नई तकनीक का प्रशिक्षण, नई तकनीक की मशीनों, अंतरराष्ट्रीय स्तर की डिजाइन व विपणन सहयोग, बाजार उपलब्ध कराने, सरकारी सहयोग से दस्तकारों को भी देश-विदेशों में आयोजित मेला प्रदर्शनियों में हिस्सा दिलाने और जोधपुर में उच्च स्तरीय केन्द्र के रुप में विकसित किया जा रहा है। मीणा ने बताया कि कौशल विकास के तहत हाथ कढ़ाई व कशीदाकारी, दरी बुनाइ्र्र, ब्लॉक प्रिंटिंग, एप्लिक, वुडन क्राफ्ट, वोन क्राफ्ट आदि से संबंधित प्रशिक्षण के 14 प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरे हो चुके हैं वहीं 12 प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी हैं। उन्होंने बताया कि इससे एक हजार दस्तकारों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। क्लस्टर परियोजना में जोधपुर में दो व बाड़मेर में एक कॉमन फेसिलिटेशन सेंटर होगा।उद्योग आयुक्त मीणा ने निर्देश दिए कि आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए परंपरागत हस्तशिल्प के संरक्षण के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान के हैंडिक्राफ्ट को पहचान मिल सकेगी।संयुक्त निदेशक उद्योग अविन्द्र लढ्ढा ने बताया कि जोधपुर मेगा हैंडीक्राफ्ट क्लस्टर के लिए केन्द्र सरकार द्वारा चरणबद्ध तरीके से संबंधित क्रियान्वयन संस्थाआें को 88 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। इसमें से पहले चरण में दस करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है जिससे प्रशिक्षण व अन्य कार्य शुरु हो गए हैं। इसी तरह से जोधपुर के बोरनादा में यह क्लस्टर तैयार हो रहा है। उन्होंने बताया कि विभागीय स्तर पर केन्द्र सरकार व क्लस्टर क्रियान्वयन संस्थाओं से निरंतर समन्वय बनाया हुआ है।हैंडीक्राफ्ट मंत्रालय के प्रतिनिधि कुलविन्दर सिंह ने बताया कि दोनों जिलों में करीब 20 हजार आर्टिजनों का सर्वे कराया गया है। उन्होंने बताया कि आर्टिजन कार्ड भी तैयार करवाए जा रहे हैं। आईएलएफएस के अरविन्द प्रताप, एनआईएफटी के प्रोफेसर ईश्वर कुमार, ईपीसीएच के विकास गोयल व अमित भार्गव ने कम्प्यूटर प्रजेन्टेशन के माध्यम से क्लस्टर की विस्तार से जानकारी दी। बैठक में जोधपुर के महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र खब्बूराम मेहरा, सहायक निदेशक रश्मिकांत नागर, रमेश चंद, हैंडिक्राफ्ट मंत्रालय के केएल शर्मा, वसीम खान आदि ने हिस्सा लिया।
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