Post Views 741
June 9, 2017
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को कहा कि उत्तराखंड में पीएलए के हेलिकॉप्टरों द्वारा हवाई क्षेत्र उल्लंघन के मुद्दे को101 फीसदी चीन के साथ उठाया जाएगा जबकि बीजिंग ने अपनी कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि क्षेत्र का यह विवादित इलाका है और उसकी सेना हमेशा वहां गश्ती करती है.
नई दिल्ली में सुषमा ने कहा, पहली बार हवाई सीमा उल्लंघन की घटना हुई है, हम मुद्दे को 101 फीसदी चीन के साथ उठाएंगे लेकिन यह निर्णय नहीं किया गया है कि इस पर हम कैसे आगे बढ़ेंगे. पीएलए के हेलिकॉप्टरों के शनिवार को भारतीय वायुक्षेत्र में घुसने की रिपोर्टों के बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मीडिया से कहा, सैद्धांतिक तौर पर चीन-भारत सीमा के पूर्वी भाग में चीन और भारत का क्षेत्रीय विवाद है
हुआ चुनयिंग ने कहा,
चीनी सेना सम्बद्ध इलाकों में नियमित तौर पर गश्त करती रहती है. हम उम्मीद करते हैं कि दोनों पक्ष सीमावर्ती इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए संयुक्त प्रयास करेंगे. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ऑफ चाइना के दो हेलिकॉप्टर शनिवार को चमोली जिले में घुस आए थे, जिससे भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों में चिंता पैदा हो गई, इस वर्ष मार्च तक भारतीय वायुक्षेत्र में पीएलए की यह चौथी घुसपैठ है.
भारत में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हेलिकॉप्टरों ने भारतीय सेना की तस्वीरें ली होंगी जो संभवत: जासूसी अभियान हो सकता है. हेलिकॉप्टर करीब पांच मिनट बाद चीन की ओर लौट गए. भारतीय वायु सेना घटना की जांच कर रही है. पहले कुछ मौकों पर भी चीनी हेलिकॉप्टर भारतीय क्षेत्र में 4.5 किलोमीटर तक घुस गए थे जिस पर चीन अपना दावा जताता है.
इस सेक्टर में तीन सीमावर्ती चौकियों में से एक बाराहोती है जहां आईटीबीपी जवानों को जून 2000 में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए एकपक्षीय फैसले के तहत हथियार ले जाने की अनुमति नहीं है और वे सादे कपड़ों में तैनात रहते हैं. वर्ष 1958 में भारत और चीन ने 80 वर्ग किलोमीटर चारागाह क्षेत्र बाराहोती को विवादित इलाका घोषित किया था जहां दोनों में से कोई भी देश अपनी सेना नहीं भेजेगा
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved