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May 31, 2017
रिपोर्ट -बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आपराधिक साजिश के आरोपों का सामना कर रहे भाजपा नेता विनय कटियार ने आज जोर देकर कहा कि इसमें कोई साजिश नहीं थी क्योंकि ढांचा खुले में भारी भीड़ के सामने ढहाया गया। समाजवादी पार्टी (एसपी) के नेता मुलायम सिंह यादव पर हमला करते हुये उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यख्मंत्री मुलायम सिंह यादव ने खुद माना कि पुलिस ने 1990 में जब कारसेवकों पर फायरिंग की तो 16 लोगों की मौत हुई थी और इसलिये, इस घटना के संबंध में उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाना चाहिये।
कटियार ने कहा, उन्होंने (मुलायम ने) उनकी हत्या की और इसके लिये उनपर मामला चलना चाहिये। बाबरी मस्जिद वहां नहीं थी। वह राम मंदिर की जगह थी और यहां तक कि उच्च न्यायालय ने भी आदेश (इस आशय का) पारित किया है। उनकी यह टिप्पणी एक सीबीआई अदालत द्वारा वरिष्ठ भाजपा नेता लालकष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती और अन्य के साथ उन पर 1992 के बाबरी ढांचा विध्वंस मामले में आपराधिक साजिश का आरोप तय किये जाने के बाद आई है।
कटियार ने कहा, यह सही नहीं है और हमारे खिलाफ साजिश के आरोपों की कोई गुंजाइश नहीं है। यह कोई साजिश नहीं थी क्योंकि जो कुछ भी हुआ वह खुलेआम हुआ और वहां लाखों लोग मौजूद थे। जहां इतनी बड़ी भीड़ शामिल हो वहां साजिश नहीं हो सकती। आरोपियों ने अपने खिलाफ आरोप तय किये जाने के विरोध में अदालत में दलील दी और कहा कि मस्जिद को गिराये जाने में उनकी कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके बजाय उन्होंने इसे रोकने की कोशिश की लेकिन उन्हें बरी किये जाने की याचिका अदालत ने खारिज कर दी।
कटियार ने कहा, यह अच्छा है कि अदालत नियमित आधार पर मामले की सुनवाई कर रहा है, लेकिन सुनवाई होनी ही नहीं चाहिये थी क्योंकि जब मौके पर लाखों लोग मौजूद हों तो कुछ लोगों पर आरोप लगाना उचित नहीं है। भाजपा नेता ने दावा किया कि उन्होंने 6 दिसंबर 1992 को कोई भाषण नहीं दिया था जब अयोध्या में 16वीं शताब्दी के ढांचे को गिराया गया था।
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