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December 30, 2025
पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने महाराणा प्रताप को लेकर दिए अपने बयान पर बढ़े विवाद के बाद माफी मांग ली है। उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि उनके भाषण के शब्दों और भावों को पूरे संदर्भ में सुना जाए। “प्रताप को हमने जिंदा किया”—अगर यह शब्द किसी को बुरा लगा हो तो मैं क्षमा चाहता हूं, मेरा ऐसा कोई भाव नहीं था। दरअसल, 22 दिसंबर को उदयपुर के गोगुंदा क्षेत्र की धूली घाटी में एक शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान कटारिया ने महाराणा प्रताप पर भाषण दिया था। बयान सामने आने के बाद कई सामाजिक संगठनों ने आपत्ति जताई, वहीं क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शेखावत ने सोशल मीडिया पर धमकी भी दी, जिससे विवाद और बढ़ गया।
वीडियो संदेश में कटारिया ने कहा कि उनके चंडीगढ़ लौटने के बाद बयान को लेकर सवाल खड़े किए गए। उन्होंने आग्रह किया कि भाषण शुरू से अंत तक सुना जाए। कटारिया ने बताया कि 33 वर्ष की उम्र में विधायक बनने के बाद उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत से मेवाड़ कॉम्पलेक्स योजना स्वीकृत करवाई, जिससे कुंभलगढ़, गोगुंदा, चावंड और हल्दीघाटी के विकास की शुरुआत हुई। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका संदर्भ 1947–77 के कांग्रेस शासन के दौरान महाराणा प्रताप के जीवन और गाथाओं के प्रचार-प्रसार से जुड़ा था। “मेरा भाव यह था कि प्रताप के शौर्य को घर-घर पहुंचाने का काम हमने किया, यह काम पहले भी हो सकता था। अगर ‘जिंदा करने’ शब्द से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं क्षमा चाहता हूं।” कटारिया ने दोहराया कि महाराणा प्रताप के प्रति उनका पूरा सम्मान और श्रद्धा है, और लोगों से पूरा भाषण सुनकर सुझाव देने की अपील की।
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