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December 11, 2025
उदयपुर में यूरिया खाद की अनियमित बिक्री और संभावित कालाबाजारी को लेकर कृषि विभाग एक्शन मोड में आ गया है। विभाग ने उर्वरक नियंत्रण आदेश के गंभीर उल्लंघन पर मावली तहसील के फतहनगर स्थित मैसर्स कृष्णा सीड्स का लाइसेंस निलंबित कर दिया। जांच में सामने आया कि दुकान का लाइसेंस भले ही उदयपुर जिले का था, लेकिन यूरिया के बैगों की बिक्री चित्तौड़गढ़ जिले में की जा रही थी।
संयुक्त निदेशक सुधीर कुमार वर्मा ने बताया कि दुकानदार ने अक्टूबर महीने में करीब 90 बैग चित्तौड़गढ़ में बेचे, और यह संख्या जांच पूरी होने पर और भी बढ़ सकती है। यह गड़बड़ी तब सामने आई जब जिन किसानों को यूरिया बेचा गया, उनके आधार कार्ड की जांच की गई। अधिकांश आधार कार्ड चित्तौड़गढ़ जिले के निकले, जबकि दुकान उदयपुर के लिए अधिकृत थी। इसी आधार पर पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। विभाग ने इसे उर्वरक नियंत्रण आदेश-1985 का गंभीर उल्लंघन मानते हुए लाइसेंस को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया। वर्मा ने स्पष्ट किया कि यूरिया की कालाबाजारी, अनुचित भंडारण और नियमों के विपरीत बिक्री को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब तक जिले में 5 लाइसेंस निरस्त, 9 निलंबित और एक मामले में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। विभाग ने आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रखने की चेतावनी दी है।
इधर, कोटड़ा क्षेत्र में खाद की कमी और कालाबाजारी से किसानों की परेशानी बढ़ती जा रही है। इसी मुद्दे को लेकर ब्लॉक कांग्रेस कार्यकर्ता उपखंड कार्यालय पहुंचे और तहसीलदार लालाराम मीणा को ज्ञापन सौंपा। कार्यकर्ताओं का कहना है कि खेतों में खाद की तात्कालिक जरूरत होते हुए भी पर्याप्त उपलब्धता न होने के कारण किसान रोजाना खाली हाथ लौट रहे हैं। कृषि विभाग की कार्रवाई और किसानों की बढ़ती बेबसी के बीच अब सवाल यह है कि यूरिया संकट का असली कारण कौन, और इसकी अगली परत कब खुलेगी?
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