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December 10, 2025
उदयपुर देहात में विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) के अंतिम चरण में पहुंचते ही कांग्रेस ने रहस्यमयी तरीके से मिसिंग हो रहे वोटरों को लेकर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। कांग्रेस का कहना है कि बड़ी संख्या में ऐसे नाम सामने आए हैं जिनका बीएलओ, सरपंच और यहां तक कि राजनीतिक दलों को भी कोई सुराग नहीं मिल पा रहा। इन गायब मतदाताओं को लेकर उठते सवालों के बीच उदयपुर देहात जिला कांग्रेस अध्यक्ष रघुवीर सिंह मीणा ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में प्रभारी और सह प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं, जो आखिरी दिनों तक पूरी प्रक्रिया पर नजर रखेंगे। जिलाध्यक्ष मीणा ने वल्लभनगर में अर्जुन लाल मेनारिया और सौरभ शर्मा, मावली में जमनालाल शर्मा और ललित गुर्जर, खेरवाड़ा में अमर सिंह झाला और नारायण लाल मीणा, झाडोल में महेश त्रिपाठी और शिवलाल गुर्जर तथा गोगुन्दा में रामलाल गायरी और नवल सिंह चुंडावत को जिम्मेदारी सौंपी है। इन सभी को निर्देश दिए गए हैं कि 11 दिसंबर तक मिसिंग वोटरों की तलाश और उनके सत्यापन की प्रक्रिया को पूरी गंभीरता से संभालें। कांग्रेस का दावा है कि एसआईआर् अभियान के इन अंतिम दिनों में सबसे बड़ा खतरा उन्हीं मतदाताओं पर है जो गायब दिख रहे हैं, और यही वो नाम हैं जिन पर भाजपा की नजर है। इसी पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने निगरानी और समन्वय के लिए यह टीम मैदान में उतारी है, ताकि किसी भी कीमत पर “महत्वपूर्ण” वोटर लिस्ट से बाहर न हों। इसी के साथ इन प्रभारियों और सह प्रभारियों को दिल्ली में होने वाली ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ महारैली में उदयपुर देहात कांग्रेस की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने का जिम्मा भी दिया गया है। जिलाध्यक्ष मीणा ने हाल ही में कार्यभार संभालते समय दावा किया था कि राजस्थान में 25 लाख लोगों के नाम काटने की तैयारी चल रही है और खासकर ग्रामीण व किसान वोटरों पर निशाना साधा जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से उस समय अपील की थी कि वे ‘राहुल गांधी की तरह घर-घर जाकर’ इस अभियान की निगरानी करें और कम समय में अधिक से अधिक लोगों का सत्यापन कराएं। अब कांग्रेस की पूरी निगाहें एसआईआर् के इन आखिरी दिनों पर टिकी हैं, जहां वोटरों का रहस्यमयी गायब होना चुनावी समीकरणों पर बड़ा असर डाल सकता है।
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