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December 5, 2025
राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग (राजनैतिक प्रतिनिधित्व) आयोग का जन संवाद कार्यक्रम आयोजित
पंचायत राज एवं नगर निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग के राजनैतिक प्रतिनिधित्व पर हुई परिचर्चा
अजमेर, 5 दिसम्बर। राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग (राजनैतिक प्रतिनिधित्व) आयोग का जन संवाद कार्यक्रम में पंचायत राज एवं नगर निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग के राजनैतिक प्रतिनिधित्व पर परिचर्चा हुई। इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग से जुड़े व्यक्तियों ने अपने विचार रखे।
राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग (राजनैतिक प्रतिनिधित्व) आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्री मदन लाल भाटी ने बताया कि राजस्थान राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग की 96 जातियां निवास करती है। इनके राजनैतिक प्रतिनिधित्व के सम्बन्ध में आंकड़े तैयार किए जा रहे है। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर कार्य हो रहा है। इस वर्ग के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए सर्वे होगा। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा प्रगणक नियुक्त होंगे। इनके प्रशिक्षण मास्टर ट्रेनर द्वारा हो रहे हैं। सर्वे प्रपत्र के 19 कॉलम में पूरी जानकारी चाही गई है। प्रगणक द्वारा एसएसओ आईडी के माध्यम से प्रत्येक सदस्य के सुझाव लिए जाएंगे। सर्वे के आधार पर तैयार सिफारशों से आगामी चुनाव होंगे।
उन्होंने कहा कि आरक्षण के लिए कई मानक तय किए गए है। जनसंख्या भी उनमें से एक है। अन्य पिछड़ा वर्ग में अभी तक नगण्य प्रतिनिधित्व वाले जाति वर्गों को समुचित अधिकार दिलाने का प्रयास किया जाएगा। आरक्षण का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति को मिलना चाहिए। अब तक आरक्षण से वंचित व्यक्ति को इसका लाभ आवश्यक रूप से दिलाने के लिए आयोग कार्य कर रहा है। पंजीकृत राजनैतिक दलों से सुझाव मांगे गए है। कोई भी व्यक्ति अपने सुझाव मुख्यालय पर डाक द्वारा, व्यक्तिगत ज्ञापन द्वारा अथवा पोर्टल के माध्यम से दे सकते है। मौखिक तौर पर भी व्यक्ति आयोग को अपने सुझाव नोट करवा सकते है।
आयोग के सचिव श्री अशोक कुमार जैन ने अवगत कराया कि न्यायालय द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग को उचित आरक्षण दिए जाने के सम्बन्ध में तीन निर्णय दिए गए है। इन निर्णयों की पालना के लिए आयोग द्वारा प्रमाणिक अनुभवजन्य आंकड़े जुटाए जा रहे है। आयोग द्वारा प्रत्येक निकाय के लिए पृथ्क-पृथ्क निर्देश जारी किए जाएंगे।
परिचर्चा के दौरान जिला परिषद के उप जिला प्रमुख श्री हगामी लाल चौधरी ने जनसंख्या के अनुपात में तीन श्रेणियां बनाने की बात कही। पूर्व जिला प्रमुख श्री पुखराज पहाड़िया ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग में क्रिमीलेयर का प्रावधान सख्ती से लागू होना चाहिए। अति पिछड़ा, मध्यम पिछड़ा एवं पिछड़ा वर्ग की तीन श्रेणियां होने से कमजोर तबके को सही प्रतिनिधित्व मिलेगा। आरक्षण का लाभ लेने के लिए कृषि भूमि की सीमा तय होने से भूमिहीन एवं मजदुरों को लाभ मिलेगा। पूर्व महापौर श्री धर्मेन्द्र गहलोत ने आरक्षण में भी आरक्षण के प्रावधान में अपनी बात रखी। पूर्व उप महापौर श्री समपत सांख्ला ने जातिगत जनगणना के आधार पर छोटी जातियों को प्रतिनिधित्व देने की बात कही।
जिला परिषद सदस्य श्री दिलीप पचार ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के संवैधानिक प्रावधानों के लिए आयोग अनुसंशा करे। डूंगरपुर-बांसवाड़ा की तर्ज पर आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक हो। पार्षद श्री रजनीश चौहान ने कहा कि ओबीसी वर्ग को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण मिलना चाहिए। श्री राधेश्याम प्रजापत गुढ़ा ने कहा कि राजनैतिक क्षेत्र में बड़ी जातियों को अधिक प्रतिनिधित्व का लाभ मिला। श्री रणवीर सिंह रावणा राजपुत नागौर ने आरक्षण में उप वर्गीकरण करने के लिए सिफारिश करने तथा टीएसपी क्षेत्र में भी ओबीसी को आरक्षण देने की बात कही। श्री बाल मुकुन्द ने भी कमजोर वर्ग को अधिक प्रतिनिधित्व देने के लिए कहा।
श्री अर्जुन नलिया ने कहा कि आयोग को छोटी जातियों के प्रतिनिधिमण्डल बुलाकर वार्ता करनी चाहिए। श्री ज्ञान सिंह रावत ने कहा कि रावत समाज को अति पिछड़ा वर्ग में लिया जाए। जिला परिषद सदस्य श्री श्रवण सिंह रावत ने कहा कि मीणा जाति में से रावत की उपाधि प्राप्त करने वाले रावत कहलाए। यह जाति मीणाओं के साथ रिश्तेदारी करती है इसीलिए इसे मीणा के बराबर दर्जा मिलना चाहिए। श्री नरेन्द्र गोस्वामी ने कहा कि नगण्य राजनैतिक प्रतिनिधित्व के कारण मन्दिरों की भूूमि पर दबंग व्यक्ति कब्जे कर रहे है। श्रीमती अरूणा टाक ने कहा कि ओबीसी महिलाओं का भी सशक्तिकरण होना चाहिए।
इस अवसर पर राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग (राजनैतिक प्रतिनिधित्व) आयोग के सदस्य श्री गोपाल कृष्ण, प्रो. राजीव सक्सेना, श्री मोहन मोरवाल एवं श्री पवन मंडाविया, श्री देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश भडाणा, जिला अध्यक्ष श्री जीतमल प्रजापत, अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री नरेन्द्र कुमार मीणा, जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री शिवदान सिंह सहित विभिन्न जातियों के प्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे।
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