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December 5, 2025
भूमि पूजन के साथ 200 कुंडीय शत गायत्री पुरश्चरण महायज्ञ की तैयारियों का शुभारंभ
तीर्थ नगरी पुष्कर में अगले वर्ष 8 मार्च से 19 अप्रैल तक होने वाले 200 कुंडीय शत गायत्री पुरश्चरण महायज्ञ की तैयारियाँ आज विधिवत भूमि पूजन के साथ शुरू हो गईं। गायत्री मणिवेदिक शक्तिपीठ, चामुंडा माता मंदिर के पास अभिजीत मुहूर्त 12:15 बजे पंडित कमलनयन दाधीच और अरुण दीक्षित के आचार्यत्व में भूमि पूजन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर संत-महात्माओं की विशिष्ट उपस्थिति रही।
अनुष्ठान का आयोजन महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर महाराज के सानिध्य में किया जा रहा है। भूमि पूजन के दौरान मुख्य यजमान नंदूजी महाराज, राधेश्याम शर्मा, शुशील ओझा, लोकेंद्र शर्मा, वी.के. शर्मा सहित कई विद्वान, संत, पुरोहित एवं सामाजिक प्रतिनिधि मौजूद रहे। अग्नि कोण में प्रथम हवन कुंड की आधारशिला भी रखी गई, जो महायज्ञ की विशाल व्यवस्था का प्रारंभिक चरण है।
महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर महाराज ने बताया कि शत गायत्री पुरश्चरण महायज्ञ समिति एवं व्रिप फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होने वाला यह महायज्ञ विश्वव्यापी आतंकवाद के शमन, विश्व शांति और हिंदू राष्ट्र निर्माण के उद्देश्य को समर्पित है। महायज्ञ में लगभग दो हजार आचार्य 43 दिनों तक 24 करोड़ गायत्री मंत्रों का जाप करेंगे और प्रतिदिन सूर्य सूक्त एवं सूर्य अथर्वशीर्ष मंत्रों की आहुतियाँ प्रदान की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल में महामुनि विश्वामित्र द्वारा भी इसी पावन भूमि पर ऐसा ही महायज्ञ आयोजित किया गया था, और अब सदियों बाद पुनः पुष्कर इसका साक्षी बनने जा रहा है। स्वामी प्रखर महाराज ने यह भी स्पष्ट किया कि यज्ञ ब्राह्मणों द्वारा संचालित अवश्य है, परन्तु इसका कल्याणकारी प्रभाव संपूर्ण मानव जाति पर पड़ेगा।
महायज्ञ के लिए आगामी तीन महीनों में यज्ञशाला, पाठशाला, भोजनशाला, आवास एवं अन्य व्यवस्थाओं का निर्माण पूर्ण किया जाएगा। उपस्थित सभी संतों, सामाजिक प्रतिनिधियों और श्रद्धालुओं ने इस आयोजन को सफल बनाने का संकल्प लिया।
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